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निर्वाचन आयोग ने राकांपा के शरद पवार गुट को नाम आवंटित किया - राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

EC allots party name to SharadPawar: आयोग ने शरद पवार समूह से तीन नाम सुझाने को कहा था, जिनमें से एक को महाराष्ट्र में आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर आवंटित किया जा सके.

EC allots party name to SharadPawar
शरद पवार गुट को नाम आवंटित
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By PTI

Published : Feb 7, 2024, 7:42 PM IST

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने बुधवार को शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह के लिए पार्टी का नाम 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार' आवंटित किया. आयोग का यह आदेश अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नाम और 'घड़ी' चुनाव चिह्न देने के एक दिन बाद आया है. अजित पवार पिछले साल जुलाई में राकांपा के अधिकतर विधायकों के साथ अलग हो गए थे और उन्होंने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था.

आयोग ने शरद पवार समूह से तीन नाम सुझाने को कहा था, जिनमें से एक को महाराष्ट्र में आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर आवंटित किया जा सके. तदनुसार, शरद पवार समूह ने आयोग को तीन नाम - राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदराव पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद पवार -- का सुझाव दिया. शरद पवार गुट ने अपने लिए चुनाव चिह्न 'बरगद का पेड़' भी मांगा था.

आयोग ने शरद पवार को बताया कि उसने 'महाराष्ट्र में छह सीट के लिए आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर एक बार के विकल्प के रूप में आपकी पहली पसंद, यानी 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - शरदचंद्र पवार' को आपके समूह/गुट के नाम के रूप में स्वीकार कर लिया है.'

चुनाव आयोग के फैसले के बाद मंगलावार को अजित पवार गुट में खुशी की लहर दौड़ गई थी. वहीं, शरद पवार गुट ने इसे गलत बताया. वहीं यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.

पढ़ें: एनसीपी विवाद पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, अजित पवार गुट ने कैविएट दाखिल किया

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने बुधवार को शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह के लिए पार्टी का नाम 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार' आवंटित किया. आयोग का यह आदेश अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नाम और 'घड़ी' चुनाव चिह्न देने के एक दिन बाद आया है. अजित पवार पिछले साल जुलाई में राकांपा के अधिकतर विधायकों के साथ अलग हो गए थे और उन्होंने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था.

आयोग ने शरद पवार समूह से तीन नाम सुझाने को कहा था, जिनमें से एक को महाराष्ट्र में आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर आवंटित किया जा सके. तदनुसार, शरद पवार समूह ने आयोग को तीन नाम - राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदराव पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद पवार -- का सुझाव दिया. शरद पवार गुट ने अपने लिए चुनाव चिह्न 'बरगद का पेड़' भी मांगा था.

आयोग ने शरद पवार को बताया कि उसने 'महाराष्ट्र में छह सीट के लिए आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर एक बार के विकल्प के रूप में आपकी पहली पसंद, यानी 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - शरदचंद्र पवार' को आपके समूह/गुट के नाम के रूप में स्वीकार कर लिया है.'

चुनाव आयोग के फैसले के बाद मंगलावार को अजित पवार गुट में खुशी की लहर दौड़ गई थी. वहीं, शरद पवार गुट ने इसे गलत बताया. वहीं यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.

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