नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने सोमवार को आसियान के महासचिव डॉ. काओ किम होर्न से मुलाकात की और आसियान भारत रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की.
जयशंकर ने एक्स पर ट्वीट किया, 'आज सुबह आसियान के महासचिव डॉ. काओ किम होर्न से मिलकर खुशी हुई. हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की. हमारा एजेंडा कनेक्टिविटी, खाद्य सुरक्षा और व्यापार पर केंद्रित है.'
भारत-आसियान रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए, आसियान के महासचिव डॉ. काओ किम होर्न 11-15 फरवरी तक नई दिल्ली की यात्रा पर हैं. पिछले साल जनवरी में कार्यभार संभालने के बाद से यह उनकी भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि आसियान के साथ जुड़ाव भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो 2024 में अपने 10वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है, साथ ही व्यापक इंडो-पैसिफिक के लिए इसका दृष्टिकोण भी है.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, वह गया में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल महाबोधि मंदिर परिसर का दौरा करेंगे. उनका राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय में 'आसियान का भविष्य: विकसित हो रहे रणनीतिक माहौल में आसियान की प्रासंगिकता और लचीलापन' विषय पर एक भाषण देने का कार्यक्रम है.
आसियान सदस्य देशों के छात्र आसियान-भारत सहयोग परियोजनाओं के तहत विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं. नालंदा विश्वविद्यालय आसियान-भारत नेटवर्क ऑफ़ यूनिवर्सिटीज़ (एआईएनयू) का भी नेतृत्व करता है.
2022 में आसियान-भारत संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया. भारत आसियान की केंद्रीयता और इंडो-पैसिफिक पर आसियान आउटलुक (एओआईपी) का दृढ़ता से समर्थन करता है. भारत 'आसियान: कनेक्टिविटी और लचीलापन बढ़ाना' विषय के तहत वर्ष 2024 के लिए अपनी आसियान अध्यक्षता में लाओ पीडीआर द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओं का भी समर्थन करता है.