कोट्टायम: अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के एक दिन बाद केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 'राम के नाम' डॉक्यूमेंट्री फिल्म को दिखाने वाली है. माकपा के युवा संगठन डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म को मंगलवार शाम राज्य सरकार द्वारा संचालित फिल्म संस्थान के सामने प्रदर्शित करने की घोषणा की है.
फिल्म में सांप्रदायिक हिंसा को दिखाया गया
इस डॉक्यूमेंट्री को पुरस्कार विजेता निर्देशक आनंद पटवर्धन द्वारा वर्ष 1992 में निर्देशित किया गया है. इस फिल्म में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा अयोध्या में तत्कालीन विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण के लिए चलाए गए अभियान के साथ-साथ इसके कारण हुई सांप्रदायिक हिंसा को दिखाया गया है.
केआर नारायणन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विजुअल साइंस एंड आर्ट्स के छात्रों ने सोमवार को अपने कॉलेज के सामने डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की कोशिश की थी. लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ स्थानीय पदाधिकारियों और दक्षिणपंथियों कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद उन्हें परिसर के अंदर ही इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए मजबूर होना पड़ा.
संस्थान के छात्रों ने सोमवार रात साढ़े नौ बजे डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया और इसे देखने के लिए लड़कियों सहित 40 से अधिक विद्यार्थी वहां मौजूद थे. विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि तभी वहां भाजपा पदाधिकारी पहुंच गए और इसे रोकने की कथित तौर पर धमकी दी. तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए मौके पर पहुंची पुलिस ने विद्यार्थियों से परिसर के अंदर डॉक्यूमेंट्री दिखाने का अनुरोध किया, जिसपर वे सहमत हो गए. डीवाईएफआई नेताओं ने मंगलवार शाम को कॉलेज गेट के सामने 'राम के नाम' डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने की घोषणा की.
डीवाईएफआई केंद्रीय समिति के सदस्य जैक सी थॉमस ने मीडिया को बताया कि हम आज (मंगलवार) शाम सात बजे तक संस्थान के सामने अपने गेट के पास वृतचित्र की स्क्रीनिंग करेंगे. स्क्रीनिंग उसी स्थान पर होगी, जहां छात्रों ने सोमवार को वृतचित्र दिखाने की कोशिश की थी.