कोलकाता: डॉ आरजी कर के वंशज सत्यजीत कर आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या की घटना से शर्मिंदा और दुखी हैं. उनका परिवार चाहता है कि इस कृत्य में शामिल दोषियों को कड़ी सजा मिले और आर जी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की प्रतिष्ठा को और धूमिल न होने दिया जाए.
उन्होंने बताया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थापना 1886 में डॉ राधा गोविंद कर ने की थी. फिर ब्रिटिश शासन आया. इसके बाद डॉ आरजी कर एडिनबर्ग में मेडिकल की पढ़ाई करने चले गए. वहां से मेडिकल की डिग्री हासिल करने के बाद वे देश लौट आए. इस दौरान उन्हें विदेश में डॉक्टरी करने का मौका मिला, लेकिन वे आम लोगों की सेवा करने के लिए स्वदेश लौट आए.
क्यों बनाया अस्पताल?
उनका सपना था कि कोलकाता में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनाया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ी कोलकाता से डॉक्टरी की डिग्री हासिल करके सफल हो सकें. उस सपने को साकार करने के लिए कोलकाता में आरजी कर अस्पताल बनाया गया.
वह साइकिल से मरीजों से मिलने जाते थे. ब्रिटिश काल में भी वे चर्चित रहे. बाद में उनके परिवार के कई सदस्यों ने प्रतिष्ठित आरजी कर मेडिकल कॉलेज से अपनी मेडिकल की डिग्री हासिल की.
'दोषियों को कड़ी सजा मिले'
सत्यजीत कर ने कहा कि वह यह स्वीकार नहीं कर सकते कि 9 अगस्त को महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या से आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का नाम इतना कलंकित हो. इसलिए वे चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी सजा मिले और आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल अपनी प्रतिष्ठा को बरकरार रखते हुए आगे बढ़ सके.
बता दें कि सत्यजीत कर डॉ आरजी कर के चौथी पीढ़ी के वंशज हैं. सत्यजीत कर हावड़ा में एक निजी संस्था में कार्यरत हैं. सत्यजीत इस घटना से बेहद शर्मिंदा और दुखी हैं. उन्होंने कहा, "मैं चौथी पीढ़ी का वंशज हूं. अस्पताल को राधा गोविंदा कर ने ही बनवाया था. अगर वे जीवित होते तो उन्हें उस घटना से बहुत दुख होता. यह निंदनीय बात है. हम अपने परिवार की ओर से इसका कड़ा विरोध करते हैं. हमें इसके लिए न्याय चाहिए."