श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए हिंदुओं में डर पैदा करने की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया. श्रीनगर का प्रतिनिधित्व करने वाले मौजूदा सांसद फारूक अब्दुल्ला शनिवार को खानयार क्षेत्र में रैली को संबोधित कर रहे थे.
डॉ. फारूक ने एनसी के लोकसभा उम्मीदवार आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी के समर्थन में रैली को संबोधित करते हुए पीएम की टिप्पणी को दोहराया. दावा किया कि 'मोदी ने मंगलसूत्र जैसे उनके पारंपरिक प्रतीकों को जब्त करने और मुसलमानों के लाभ के लिए बेचने का सुझाव देकर हिंदुओं के बीच आशंका पैदा करने का प्रयास किया.'
डॉ. फारूक ने मोदी से असहमति जताते हुए कहा, 'हम अपनी माताओं-बहनों से मंगलसूत्र छीनने पर उतारू नहीं होंगे.' डॉ. फारूक ने मोदी की बयानबाजी की आलोचना करते हुए कहा कि 'वह हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दे रहे हैं और मुसलमानों पर अधिक बच्चे पैदा करने का बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. पितृत्व दिव्य आशीर्वाद है. वह इसे कैसे समझ सकते हैं जब उन्होंने स्वयं इसका अनुभव नहीं किया है.'
अनुभवी एनसी नेता ने ऐसी रणनीति पर विरोध जताते हुए मोदी पर देश में विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 'हम उनके पतन के लिए प्रार्थना करते हैं. उनके दावे झूठे हैं.'
स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ रहे फारूक : स्वास्थ्य कारणों से लोकसभा चुनाव लड़ने से हट चुके डॉ. फारूक ने आम जनता को प्रभावित करने वाले मुद्दों से मोदी के ध्यान हटाने का जिक्र किया. डॉ. फारूक ने मोदी के वादों और नागरिकों द्वारा सामना की गई वास्तविकता के बीच असमानता पर जोर देते हुए कहा, 'शुरुआत में उन्होंने आवश्यक वस्तुओं की कीमत और बेरोजगारी जैसी चिंताओं को संबोधित किया. हालांकि उनके कार्यकाल में महंगाई काफी बढ़ गई है.'
जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर बात करते हुए डॉ. फारूक ने प्रमुख प्रशासनिक भूमिकाओं में गैर-स्थानीय अधिकारियों की नियुक्ति की आलोचना की. अब्दुल्ला ने कहा कि 'वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से लेकर डिप्टी कमिश्नर तक सभी बाहरी लोग हैं. हमें 5 अगस्त, 2019 को लिए गए निर्णयों का विरोध करना चाहिए और उन्हें अस्वीकार करना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि '5 अगस्त, 2019 को सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया, जम्मू-कश्मीर से उसका विशेष दर्जा छीन लिया और उसे केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित कर दिया.'
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