बेंगलुरु: कुत्ता वफादारी का दूसरा नाम है. सभी जानवरों की तुलना में कुत्ता बहुत भरोसेमंद होता है. यह अपने मालिक को चोरों से बचाने के लिए हमेशा तैयार रहता है. इसकी एक मिसाल केरल के कन्नूर में हाल ही में देखने को मिली था, जहां बीमारी के चलते कुत्ते का मालिक अस्पताल में भर्ती हुआ था. हालांकि, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.मौत के चार महीने बाद भी कुत्ता हर दिन उस अस्पताल के सामने अपने मालिक की तलाश में खड़ा रहता था.
इस बीच शिवमोग्गा जिले के होलेहोन्नूर कस्बे में भी ऐसी ही घटना सामने आई है, जहां बीमारी के कारण एक कित्ते के मालिक को हाल ही में अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.अपने मालिक की मौत के बाद उसका पालतू कुत्ता हर दिन अस्पताल में आकर अपने मालिक को खोजता है.
सीने में दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती
जानकारी के मुताबिक15 दिन पहले शिवमोगा के कन्नेकोप्पा निवासी पलक्षप्पा को सीने में दर्द की शिकायत के चलते कस्बे के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था, लेकिन उन्हें और अधिक उपचार की आवश्यकता थी. इसके चलते उन्हें शिवमोगा के मेगांव अस्पताल रेफर कर दिया गया. हालांकि उनकी मौत हो गई.
मालिक का इंतजार करता है कुत्ता
पलक्षप्पा की मौत के बाद उनका कुत्ता हर रोज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आता और अपने मालिक के वार्ड के पास उनका इंतजार करता. पहले अस्पताल के कर्मचारी कुत्ते को आवारा समझकर अस्पताल से भगा देते थे. फिर भी कुत्ता अस्पताल के सामने खड़ा होता. इस दौरान वह अस्पताल में आने वाले मरीजों पर भौंकता था और अपनी नाराजगी जाहिर करता. इस तरह कुत्ता प्रतिदिन अस्पताल के अंदर आकर भौंकता था.
कुत्ते के किसी को काटने की आशंका के चलते अस्पताल कर्मचारियों ने नगर पंचायत कर्मचारियों को इसकी सूचना दी. फिलहाल नगर पंचायत कर्मचारियों ने इस कुत्ते को पकड़कर अपने गार्बेज डिस्पोजल यूनिट के पास बांध दिया. हालांकि, बाद में पंचायत अधिकारियों ने कुत्ते को कहीं और छोड़ दिया.