नई दिल्ली: इंडियन रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है.यह भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा मानी जाने वाली भारतीय रेलवे नेशनल इंटिग्रेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. रेलवे से सफर करने के लिए टिकट खरीदना जरूरी होता है कई बार लोग अपनी यात्रा के लिए ट्रेन में अपना टिकट बुक करवाते हैं , लेकिन उन्हें कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता. इसके चलते उन्हें वेटिंग या रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन (RAC) टिकट लेना पड़ता है.
गौरतलब है कि जिन लोगों को आरएसी टिकट मिलता है वह सिर्फ आधी सीट पर ही सफर करते हैं. ऐसे में RAC टिकट पर सफर करने वाले यात्री यह सवाल पूछते हैं कि आखिर उन्हें आधी ही सीट क्यों मिलती है. अगर वे एसी कोच में सफर कर रहे हैं तो क्या उन्हें चादर और तकिया मिलेगा. ऐसे में अगर आप भी कहीं यात्रा करने जा रहे हैं और आपके पास RAC टिकट तो अब आपके लिए राहत की खबर है.
यात्रियों को बेडरोल की सुविधा
दरअसल, अब भारतीय रेलवे एसी कोच में आरएसी टिकट पर सफर करने वाले यात्री को पूरी बेडरोल सुविधा देगा. इससे पहले एक सीट पर यात्रा करने वाले दो यात्रियों को एक ही बेडरोल मिलता था, जिससे लोगों को असुविधा होती थी. इस बेडरोल में बेडशीट और ब्लैंकेट सहित अन्य सामान शामिल होंगे.
क्या है RAC टिकट?
रेलवे के नियमों के मुताबिक अगर कोई शख्स अपना टिकट कैंसिल कराता है तो उसके बदले में किसी दूसरे व्यक्ति का टिकट कन्फर्म होता है. ऐसे में जब तक टिकट कंफर्म नहीं हो जाता है, तब तक उस यात्रियों को साइड लोअर की आधी सीट दे दी जाती है. जैसे ही किसी एक यात्री की टिकट कंफर्म हो जाती है, तो उसे अलग सीट मिल जाती है और दूसरा यात्री पूरी आरएससी सीट पर सफर कर सकता है.
स्लीपर कोच में RAC की कितने सीटें होती?
बता दें कि एसी क्लास की तरह ही स्लीपर के एक कोच में भी RAC की सीटें होती है. स्लीपर क्लास में आरएसी की कुल 7 सीटें होती हैं, जो 14 यात्रियों को मिलती हैं.
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