कवर्धा: धर्म नगरी के नाम से पुकारे जाने वाले कबीरधाम में बागेश्वर धाम महाराज का तीन दिवसीय कथा आयोजन हुआ. मंगलवार को पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा का अंतिम दिन था. हनुमान कथा के आयोजन में रोजाना लाखों भक्त बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंच रहे थे. कथा के अंतिम दिन बाबा ने कहा कि जो भक्तों के दुख तकलीफ हैं वो दूर होंगे. बाबा ने कहा कि जिस किसी पर दुख तकलीफ का साया है वो यहां सामने आकर बैठ जाए हनुमान जी उनकी सारी समस्याओं का अंत कर देंगे.
बाबा की हनुमान कथा सुनने पहुंचे लाखों भक्त: धर्म नगरी कहे जाने वाले कवर्धा में बागेश्वर धाम महाराज की राम कथा सुनने लाखों भक्त पहुंचें. बाबा की रामकथा में ऐसे भी भक्त तीनों दिन आए जो चाहते थे कि बाबा उनकी अर्जी सुनें और उसका हल भी बताएं. बागेश्वर धाम महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी भक्तों को निराश नहीं किया. मंगलवार को कथा के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया जब भक्तों के सामने बाबा ने गदा उठाकर कहा कि ये पवित्र जगह है यहां पर कोई भूत पिशाच नहीं आएगा. जिसकी जो भी तकलीफ है उसे सामने आकर बैठने दो हनुमान जी सबकी तकलीफ दूर करेंगे. बाबा की कथा में अक्सर बाबा प्रेत और पिशाचों की पेशी भी कराते हैं. ऐसा धीरेंद्र शास्त्री का दावा है.
तीन दिवसीय कथा का चल रहा था आयोजन: 28 जनवरी से शुरु हुई कथा का आयोजन मंगलवार की शाम तक हुआ. कथा के अंतिम दिन बाबा के पंडाल में लाखों भक्तों की भीड़ मौजूद रही. बाबा ने एक बार फिर लोगों से कहा कि वो मांस मछली लहसुन प्याज छोड़ दें और राम भक्ति में खुद को लीन कर लें. बाबा बागेश्वर धाम की कथा में होने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही बड़ा बंदोबस्त कर रखा था. ट्रैफिक कंट्रोल के लिए रुट डायवर्जन का चार्ट और पार्किंग के लिए अलग से व्यवस्था तक की गई थी. लेकिन इस दौरान बजरंग दल के बवाल से हंगामे जैसी स्थिति दिव्य दरबार में हो गई.
बजरंग दल ने किया बवाल: बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम मे बजरंग दल ने बवाल कर दिया. कार्यक्रम स्थल में तीन दिनों से अपनी सेवा दे रहे बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया. उसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अपनी आईडी कार्ड फेंक दी और जमीन पर बैठ गए. कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के साथ आए बाउंसर ने उनके साथ बदसलूकी और गाली गलौज की है. उसके बाद आयोजनकर्ताओं ने माफी मंगवाने का आश्वसान दिया. जिसके बाद वहां से कार्यकर्ता उठे.