देहरादून (उत्तराखंड): विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज उत्तराखंड में UCC विधेयक 2024 पेश कर दिया गया. विपक्ष के नेताओं को 2 घंटे का समय दिया गया था कि वह ड्राफ्ट का अध्ययन करके चर्चा में शामिल हो सकते हैं. बीजेपी आज के दिन को ऐतिहासिक दिन बता रही है तो वहीं विपक्ष कह रहा है कि सरकार ने अध्ययन करने का समय नहीं दिया. यूसीसी को लेकर जानकर कई तरह की शंका जाहिर कर रहे हैं. विपक्ष में बैठे निर्दलीय विधायक उमेश कुमार भी सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं. वहीं बीजेपी क्या कुछ कह रही है, इन सभी मुद्दों को लेकर हमने विधानसभा से ही चर्चा की.
संहिता लागू होने के पश्चात क्या होंगे नियम?
- पुरुष और महिला के बीच विवाह तभी अनुबंध किया जा सकता है, जब विवाह के समय दोनों पक्षकारों में ना तो वर की कोई जीवित पत्नी हो और ना ही वधू का कोई जीवित पति हो.
- विवाह के समय पुरुष की आयु 21 वर्ष पूरी हो और स्त्री की आयु 18 वर्ष पूरी हो.
- विवाह को पंजीकरण धारा 6 के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा.
- बहुविवाह पर रोक: समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद सभी धर्मों के लिए बहुविवाह पर रोक लगेगी. वर्तमान में लोग दूसरा विवाह करने के लिए धर्म बदल लेते हैं. ऐसे कार्यों पर भी स्वत: ही रोक लग जाएगी.
- विवाह का कोई भी पक्षकार इस संहिता के प्रारंभ होने के बाद न्यायिक पृथक्करण (अलग होना) की प्रार्थना करते हुए याचिका प्रस्तुत कर सकेगा.
- विवाह किसी भी न्यायालय के समक्ष याचिका प्रस्तुत किए जाने पर शून्य घोषित होगा, अगर प्रत्यार्थी की नपुंसकता या जानबूझकर प्रतिषेध के कारण विवाह के बाद संभोग नहीं हुआ है या याचिकाकर्ता की सहमति बलपूर्वक या धोखाघड़ी से प्राप्त की गई हो, या विवाह के समय पति के अलावा पत्नी किसी अन्य पुरुष से गर्भवती थी या पति ने विवाह के समय पत्नी के अलावा किसी अन्य महिला को गर्भवती किया था.
- किसी भी पक्षकार द्वारा प्रस्तुत याचिका पर विवाह विच्छेद सिर्फ इस आधार पर विघटित किया जा सकेगा कि दूसरे पक्षकार ने विवाह के पश्चात याचिकाकर्ता से भिन्न किसी व्यक्ति के साथ संभोग किया हो या दूसरे पक्षकार ने विवाह के बाद याचिकाकर्ता के साथ क्रूरता का व्यवहार किया हो.
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