नई दिल्ली: लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान, जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. वहीं, विपक्ष की पार्टियों ने भी सरकार पर संविधान को मन मुताबिक तोड़-मरोड़ने और सांविधानिक मर्यादाओं के उल्लंघन का आरोप लगाया.
बता दें कि विपक्ष की मांग के बाद सरकार ने लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को संविधान पर चर्चा रखी थी. अब शनिवार 14 दिसंबर को भी संसद में संविधान पर चर्चा की जाएगी. इसके अलावा राज्यसभा में संविधान पर 16 और 17 दिसंबर को चर्चा रखी गई है.
चर्चा की शुरुआत करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को विपक्ष पर विशेषतौर पर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला., वहीं विपक्ष ने भी सरकार पर संविधान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान की चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि कुछ लोगों द्वारा हमारे संविधान को उपनिवेशवाद का उपहार या अच्छी बातों का संकलन मात्र मान लिया जाता है.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से देश में ऐसा माहौल बनाया गया है कि संविधान एक पार्टी की विशेष देन है, जबकि वास्तविकता यह है कि संविधान के निर्माण में बहुत से लोगों की भूमिका रही है जिसे पूरी तरह से नकार दिया गया.
रक्षा मंत्री ने कहा कि 75 साल पहले संविधान सभा ने संविधान निर्माण का काम पूरा किया था. संविधान सभा ने जो संविधान तैयार किया था, वह केवल कानूनी दस्तावेज नहीं था, बल्कि वह जनआकांक्षाओं का प्रतिबिंब था. उन्होंने कहा कि संविधान पार्टी विशेष नहीं बल्कि राष्ट्र का है. पार्टी विशेष ने संविधान निर्माण को हाईजैक कर लिया.
हालांकि, सांसदों के हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही आज फिर बाधित हुई. इसलिए कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी. हंगामे की शुरुआत टीएमसी सांसद महुआ मोईत्रा के संबोधन से हुई, जिन्होंने जस्टिस लोया की मौत पर सवाल उठाया.
वहीं, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी ने संविधान के रूप में मिले सुरक्षा कवच को तोड़ा है. भारत का संविधान, संघ का विधान नहीं है. अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लद्दाख में भारत सीमा से पीछे हटा है. अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान हमारा सुरक्षा कवच है. आज देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं. कई जगह सीमाओं पर अतिक्रमण हुआ. लद्दाख में हमारी सीमा सिकुड़ गई है.
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने अपने लोकसभा के पहले भाषण में ये आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने सेंट्रल हॉल को डॉ आंबेडकर की फोटो से वंचित रखा. साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों पर संविधान और आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया.
वहीं सीपीआई (एम) के सांसद सचिननाथम आर ने बीजेपी और आरएसएस पर संविधान बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “इस सरकार द्वारा समर्थित कई संस्थाओं ने संविधान बदलने की इच्छा जताई है. यह लोग संविधान की जगह मनु स्मृति लाना चाहते हैं.
कुल मिलाकर देखा जाए तो संविधान पर चर्चा के नाम पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीतिक बहस लोकसभा में देखने को मिली, जहां अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना की बात की. वहीं टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि क्या मणिपुर देश का अंग नहीं है. मणिपुर की बेटी देश की बेटी नहीं है. उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आपने मणिपुर के लिए क्या किया.
बता दें कि लोकसभा में शनिवार को भी संविधान पर चर्चा जारी रहेगी. राज्यसभा में ये चर्चा 16 और 17 दिसंबर को होगी जिसके लिए भाजपा ने अपने सांसदों के नाम 3लाइन का व्हिप जारी करते हुए 16 और 17 दिसंबर को राज्यसभा में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं.