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सावधान! हैदराबाद में बढ़ रहा धार गैंग का आतंक, डकैती से पहले ग्राम देवता की पूजा, बाहरी इलाकों को बना रहे निशाना!

कुख्यात धार गैंग फिर से सक्रिय हो गया है. कम से कम 200 गिरोह के सदस्यों पर हैदराबाद को निशाना बनाने का संदेह है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

dhar gang in hyderabad
हैदराबाद में बढ़ रहा धार गैंग का आतंक (ETV Bharat)

हैदराबाद: मध्य प्रदेश के कुख्यात धार गिरोह ने हैदराबाद में डकैती की घटनाओं को अंजाम देना फिर से शुरू कर दिया है. यह गिरोह अपराध करने से पहले अपने गांव के देवता की पूजा करते हैं. खबर के मुताबिक, यह खतरनाक और क्रूर गिरोह घरों में डाका डालने के लिए तलवारों और अन्य घातक हथियारों का इस्तेमाल करते हैं. जानकारी के मुताबिक, धार गिरोह जब तक अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते हैं, तब तक किसी भी इलाके को नहीं छोड़ते. वे अक्सर सोना और कीमती सामनों की डकैती करते हैं.

हैदराबाद पुलिस ने काफी समय पहले गिरोह पर कार्रवाई की थी. उसके बावजूद, धार गिरोह जून 2022 से फिर से सामने आया है, और शहर के बाहरी इलाकों में डाका डालने की फिराक में है. यह गिरोह 2023 में, साइबराबाद और राचकोंडा आयुक्तालय के तहत 10 पुलिस स्टेशनों में 31 डकैती की घटनाओं में शामिल रहा है. पुलिस का मानना है कि, जांच जारी रहने पर गिरोह से जुड़ी और भी डकैतियों का खुलासा होगा.

विपत्ति से पैदा हुई अपराध की विरासत
धार गिरोह, जिसका नाम मध्य प्रदेश के धार जिले से लिया गया है, मुख्य रूप से स्थानीय टांडा और कुक्षी पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले आदिवासी गांवों के लोगों से बना है. पानी की कमी, सूखे और आर्थिक तंगी का सामना करते हुए, इन गांवों में कई लोगों ने चोरी को अपना जीवन-यापन का तरीका बना लिया है. अनुमान है कि इस क्षेत्र में लगभग 10 हजार लोग अपनी आजीविका के लिए डकैती पर निर्भर हैं, जिनके निशाने पर तेलंगाना सहित कई राज्य हैं.

पुलिस की कार्रवाई और जांच
हैदराबाद पुलिस ने इससे पहले 2020 में धार गिरोह के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जिससे गिरोह की 135 से अधिक चोरियों में व्यापक संलिप्तता उजागर हुई थी। गिरोह के छह नेताओं के खिलाफ पीडी (निवारक निरोध) अधिनियम के तहत सख्त कदम उठाए गए थे. नतीजतन, गिरोह की गतिविधियों पर कुछ समय के लिए अंकुश लगा दिया गया था. हालांकि, गिरोह की गतिविधियों के हाल ही में फिर से उभरने से चिंता बढ़ गई है.

साइबराबाद के क्राइम डीसीपी नरसिम्हा ने खुलासा किया कि, गिरोह इस साल शहर में कई चोरियों के लिए जिम्मेदार है, जिसमें 2 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 8.5 लाख रुपये नकद सहित कई सामान चोरी किए गए हैं. पुलिस ने साइबराबाद में 10 मामले, राचकोंडा में 9 और संगारेड्डी, मेडक और नलगोंडा में अन्य मामले दर्ज किए हैं.

पुलिस निगरानी बढ़ाने की मांग
पुलिस के प्रयासों के बावजूद, धार गिरोह पुलिस की नजरों से बच रहा है, कम से कम 200 गिरोह के सदस्यों पर हैदराबाद को निशाना बनाने का संदेह है. वे आम तौर पर छोटे समूहों में काम करते हैं, दिन के दौरान इलाकों की तलाशी लेते हैं और रात में कम आबादी वाले क्षेत्रों में बंद घरों में सेंध लगाते हैं. कॉलोनी एसोसिएशन ने पुलिस निगरानी में कमी के बारे में चिंता जताई है, जिसके बारे में उनका मानना है कि, इस गिरोह ने बिना किसी रोक-टोक के कई लूटपाट की है.

जैसे-जैसे जांच जारी है, हैदराबाद पुलिस धार गिरोह के बचे हुए बदमाशों को पकड़ने और शहर भर में आगे की चोरी को रोकने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

ये भी पढ़ें: सुल्तानपुर डकैती के आरोपी के एनकाउंटर की होगी मजिस्ट्रेट जांच, उन्नाव में STF से अनुज सिंह की हुई थी मुठभेड़

हैदराबाद: मध्य प्रदेश के कुख्यात धार गिरोह ने हैदराबाद में डकैती की घटनाओं को अंजाम देना फिर से शुरू कर दिया है. यह गिरोह अपराध करने से पहले अपने गांव के देवता की पूजा करते हैं. खबर के मुताबिक, यह खतरनाक और क्रूर गिरोह घरों में डाका डालने के लिए तलवारों और अन्य घातक हथियारों का इस्तेमाल करते हैं. जानकारी के मुताबिक, धार गिरोह जब तक अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते हैं, तब तक किसी भी इलाके को नहीं छोड़ते. वे अक्सर सोना और कीमती सामनों की डकैती करते हैं.

हैदराबाद पुलिस ने काफी समय पहले गिरोह पर कार्रवाई की थी. उसके बावजूद, धार गिरोह जून 2022 से फिर से सामने आया है, और शहर के बाहरी इलाकों में डाका डालने की फिराक में है. यह गिरोह 2023 में, साइबराबाद और राचकोंडा आयुक्तालय के तहत 10 पुलिस स्टेशनों में 31 डकैती की घटनाओं में शामिल रहा है. पुलिस का मानना है कि, जांच जारी रहने पर गिरोह से जुड़ी और भी डकैतियों का खुलासा होगा.

विपत्ति से पैदा हुई अपराध की विरासत
धार गिरोह, जिसका नाम मध्य प्रदेश के धार जिले से लिया गया है, मुख्य रूप से स्थानीय टांडा और कुक्षी पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले आदिवासी गांवों के लोगों से बना है. पानी की कमी, सूखे और आर्थिक तंगी का सामना करते हुए, इन गांवों में कई लोगों ने चोरी को अपना जीवन-यापन का तरीका बना लिया है. अनुमान है कि इस क्षेत्र में लगभग 10 हजार लोग अपनी आजीविका के लिए डकैती पर निर्भर हैं, जिनके निशाने पर तेलंगाना सहित कई राज्य हैं.

पुलिस की कार्रवाई और जांच
हैदराबाद पुलिस ने इससे पहले 2020 में धार गिरोह के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जिससे गिरोह की 135 से अधिक चोरियों में व्यापक संलिप्तता उजागर हुई थी। गिरोह के छह नेताओं के खिलाफ पीडी (निवारक निरोध) अधिनियम के तहत सख्त कदम उठाए गए थे. नतीजतन, गिरोह की गतिविधियों पर कुछ समय के लिए अंकुश लगा दिया गया था. हालांकि, गिरोह की गतिविधियों के हाल ही में फिर से उभरने से चिंता बढ़ गई है.

साइबराबाद के क्राइम डीसीपी नरसिम्हा ने खुलासा किया कि, गिरोह इस साल शहर में कई चोरियों के लिए जिम्मेदार है, जिसमें 2 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 8.5 लाख रुपये नकद सहित कई सामान चोरी किए गए हैं. पुलिस ने साइबराबाद में 10 मामले, राचकोंडा में 9 और संगारेड्डी, मेडक और नलगोंडा में अन्य मामले दर्ज किए हैं.

पुलिस निगरानी बढ़ाने की मांग
पुलिस के प्रयासों के बावजूद, धार गिरोह पुलिस की नजरों से बच रहा है, कम से कम 200 गिरोह के सदस्यों पर हैदराबाद को निशाना बनाने का संदेह है. वे आम तौर पर छोटे समूहों में काम करते हैं, दिन के दौरान इलाकों की तलाशी लेते हैं और रात में कम आबादी वाले क्षेत्रों में बंद घरों में सेंध लगाते हैं. कॉलोनी एसोसिएशन ने पुलिस निगरानी में कमी के बारे में चिंता जताई है, जिसके बारे में उनका मानना है कि, इस गिरोह ने बिना किसी रोक-टोक के कई लूटपाट की है.

जैसे-जैसे जांच जारी है, हैदराबाद पुलिस धार गिरोह के बचे हुए बदमाशों को पकड़ने और शहर भर में आगे की चोरी को रोकने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

ये भी पढ़ें: सुल्तानपुर डकैती के आरोपी के एनकाउंटर की होगी मजिस्ट्रेट जांच, उन्नाव में STF से अनुज सिंह की हुई थी मुठभेड़

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