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डीजीपी की चेतावनीः झारखंड में अफीम की फसल दिखी तो नप जाएंगे अफसर! - OPIUM CULTIVATION

झारखंड में अफीम की खेती पर पुलिस का प्रहार जारी है. इसको लेकर डीजीपी ने अधिकारियों को चेतावनी भी दी है.

DGP warns police officers about opium cultivation in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 17, 2024, 8:00 PM IST

रांचीः झारखंड में पहली बार अफीम की फसल के खिलाफ युद्ध स्तर पर कार्रवाई की जा रही है. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के कड़े निर्देश के बाद पूरा पुलिस महकमा अफीम की खेतों के पीछे पड़ा हुआ है.

पुलिस ने मात्र 15 दिनों के भीतर 10 एकड़ से ज्यादा भूमि में लगे अफीम की फसल को रौंद दिया गया है. केवल खूंटी जिला में ही पांच दिनों के भीतर 44 एकड़ अफीम नष्ट किया गया है. वहीं झारखंड डीजीपी अनुराग गुप्ता ने भी बड़ा स्पष्ट कर दिया है कि जो पुलिस वाले अफीम तस्करों का सहयोग कर रहे हैं, उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

झारखंड में अफीम की खेती पर पुलिस का प्रहार (ETV Bharat)

ट्रैक्टर से लेकर जेसीबी तक लगाया गया

झारखंड की राजधानी रांची के अलावा खूंटी, हजारीबाग, लातेहार, पलामू और चतरा अफीम माफिया के लिए बेहद उपजाऊ जिला हुआ करते थे. ग्रामीणों का सहयोग लेकर अफीम माफिया घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में एकड़ की एकड़ जमीन पर अफीम की फसल उगाते थे. इस साल भी झारखंड में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की गई है लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है.

डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश के बाद इस बार पुलिस अफीम के तैयार होने का इंतजार नहीं कर रही है बल्कि जेसीबी और ट्रैक्टर लेकर जंगलों में घुस चुकी है. जहां जहां अफीम की फसल नजर आ रही है उसे नेस्तानाबूद कर दिया जा रहा है. पुलिस इतनी सजग हो गई है कि जहां उन्हें यह पता चल रहा है कि अफीम का बीज बोया गया है उस खेत में भी ट्रैक्टर चलाकर उसे बर्बाद किया है. पुलिस की इस लगातार चल रही कार्रवाई से अफीम माफिया को अब तक करोड़ों का नुकसान हो चुका है.

पुलिस अफसरों पर भी रखी जा रही नजर

यह सभी जानते हैं कि बिना पुलिस की मदद के अफीम माफिया अफीम की खेती करने में कामयाब नहीं हो पाते हैं. लेकिन झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता नशे के तस्करों के खिलाफ नो टॉलरेंस की नीति के तहत काम कर रहे हैं. डीजीपी ने बताया कि मैंने स्पेसल ब्रांच के आईजी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे अफीम माफिया से मिलीभगत रखने वाले पुलिस अफसरों का पता लगाएं. डीजीपी ने बड़े ही कड़े शब्दों में कहा कि मैं वैसे किसी भी पुलिस अफसर को छोडूंगा नहीं जो अफीम तस्करों से मिलीभगत करते होंगे.

डीजीपी के कड़े तेवर से रेस है पुलिस

डीजीपी के कड़े तेवर देखकर जिन जिलों में अफीम की खेती हो रही थी वहां के पुलिस अधीक्षक खुद एक्टिव हो गए हैं. लगातार अफीम के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है आंकड़े और तस्वीर बता रहे हैं कि किस कदर इस साल भी अफीम माफिया फसल की बीज बोने में कामयाब हो गए हैं. लेकिन इस बार अफीम माफिया को भारी नुकसान हो रहा है. जंगलों और बीहड़ों में पुलिस की टीम कड़ी सुरक्षा के बीच ट्रैक्टर और जेसीबी लेकर उतर चुकी है और हर दिन लगभग तीन से चार एकड़ की खेती नष्ट की जा रही है.

खूंटी में 13 दिसंबर से अभियान जारी, 44 एकड़ अफीम की फसल नष्ट

झारखंड का खूंटी जिला अफीम की फसल को लेकर काफी बदनाम है. लेकिन लगता है इस बार अफीम नष्ट करने के मामले में यह जिला अव्वल होगा. 13 दिसंबर को को खूंटी थाना के ग्राम ओंड्रा में 1 एकड़, अड़की थाना अंतर्गत धोबा कदमडीह में 02 एकड़, जोरको में 03 एकड़, मुरहू थाना के बागमा में 1.8 एकड़, मरांगहदा में 1 एकड़, सायको थाना के जिलिंगकेला में 3.5 एकड़ में अवैध अफीम कि खेती को विनष्ट किया गया.

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खूंटी में पुलिस का कसता शिकंजा (ETV Bharat)

14 दिसंबर को खूंटी थानान्तर्गत ग्राम सिम्बुकेल में 1 एकड़, अड़की थानान्तर्गत ग्राम शर्माली में 02 एकड़, मरांगहदा थानान्तर्गत चन्डोर में 1.5 एकड़, सायको थानान्तर्गत सलगा में 02 एकड़, मुरहू थानान्तर्गत ग्राम मलियादा में 02 एकड़ में अवैध अफीम की खेती को विनष्ट किया गया. जबकि 15 दिसंबर को खूंटी थाना के ग्राम बुद्धूडीह में 1.5 एकड़, मुरहू थाना के कटहलटोली में 4 एकड़, अड़की थाना के लेंबेद में 05 एकड़, सायको थाना अंतर्गत 2.5 एकड़, मरांगहदा के पुतिदा 1 एकड़ एकड़ में अवैध अफीम की फसल को विनष्ट किया.

खूंटी पुलिस ने 16 दिसंबर को भी अफीम के खिलाफ अभियान चलाया. जिसमें खूंटी थाना के ग्राम कामान्ता में 1 एकड़, मुरहू थाना के सांडीगांव में करीब 5 एकड़, अड़की थाना के रायकुटी रुमुचु में 2.1 एवं बारीडीह में 2.5 एकड़, सायको थाना के सपारोम एवं भुरसु में 2 एकड़, मरांगहदा के दिरीगाढ़ा 1.5 एकड़ में अवैध अफीम की फसल को विनष्ट किया.

यह अभियान अभी थमेगा नहीं क्योंकि पुलिस के पास अभी-भी एकड़ की एकड़ में अफीम के फसल होने की जानकारी मिली है, जिनको नष्ट करना अभी बाकी है. खूंटी एसपी अमन कुमार ने बताया कि खूंटी में जहां-जहां अफीम की खेती की सूचना मिली है वहां अभियान चलाया जा रहा है. किसी भी कीमत पर भी अफीम लगी एक भी खेत को छोड़ा नहीं जाएगा.

पलामू में आफत में अफीम माफिया

झारखंड के पलामू में भी अफीम के खिलाफ जोरदार कार्रवाई चल रही है. आलम यह है कि इस जिला में भी अफीम तस्करों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है. पलामू पुलिस कप्तान रीष्मा रमेशन ने बताया कि पलामू में आज की तारीख में भी नशे के तस्करों के द्वारा उगाई गयी अफीम की फसल को नष्ट किया जा रहा.

आंकड़ों पर नजर डालें तो 14 दिसंबर को पलामू के मनातू थाना अंतर्गत ग्राम सीदका के वन क्षेत्र में करीब 10 एकड़ और सिकनी के वन क्षेत्र में करीब 5 एकड़ अफीम की खेती को वन विभाग मनातू की टीम के साथ मिलकर विनष्ट किया गया.

15 दिसंबर को मनातू थाना अंतर्गत ग्राम सरगुजा टोला कर्मतांड में वन क्षेत्र में लगे चार एकड़ पोस्ता की खेती को विनष्ट किया गया. 15 दिसंबर को ही पांकी थाना अंतर्गत हेडूम पहाड़ के नीचे तराई में अवैध रूप से लगे पोस्ता की खेती कुल करीब 10 एकड़ विनष्टीकरण किया गया.

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अफीम पर पुलिस का कड़ा प्रहार (ETV Bharat)

16 दिसंबर को ग्राम धनकाही गांव के जंगल में अवैध रूप से लगे पोस्ता की खेती को मनातू थाना पुलिस और वन विभाग मनातू की टीम के साथ करीब 15 एकड़ खेती को ट्रैक्टर चलाकर विनष्ट किया गया. 17 दिसंबर को मनातू थाना अंतर्गत ग्राम खरीगदाग स्थित इटवाही जंगल में अवैध रूप से लगी पोस्ता की 15 एकड़ फसल को विनष्ट किया गया.

लातेहार में भी जोरदार कार्रवाई

झारखंड के लातेहार जिला में भी अफीम माफिया के खिलाफ जोरदार करवाई जा रही है. 15 दिसंबर को लातेहार के बरियातू थाना क्षेत्र में 5 एकड़ अफीम की खेती को नष्ट किया गया. 16 दिसंबर को फिर हंस थाना क्षेत्र में चार एकड़ अफीम की खेती को नष्ट किया गया. 14 दिसंबर को हिरण की में ही 3 एकड़ अफीम की खेती को नष्ट किया गया. वहीं बरियातू थाना क्षेत्र में ही 15 दिसंबर को ढाई एकड़ में लगे अफीम की खेती को नष्ट किया गया.

लातेहार एसपी कुमार गौरव ने बताया कि अफीम तस्करों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है. अफीम की फसल लगाने वाले लोगों की भी तलाश की जा रही है उन पर भी मुकदमा दर्ज कारवाई की जाएगी.

हजारीबाग में एक दिन में 25 एकड़ की फसल नष्ट

हजारीबाग पुलिस के द्वारा 16 दिसंबर को बड़ी कार्रवाई की गयी है. पुलिस की टीम ने चौपारण के आसपास अफीम तस्करों के द्वारा लगाए गए 25 एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट कर दिया है.

रांची में भी कार्रवाई जारी

राजधानी रांची में भी अफीम की फसल के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. 15 दिसंबर को तमाड़ और दशमफॉल थाना क्षेत्र में ग्राम हुसीरहातु के जंगलों में करीब 01 एकड़ 70 डिसमील में लगे अवैध पोस्ता (अफीम) की फसल को नष्ट किया गया. साथ ही तमाड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बुरुडीह के जंगल में अफीम के बीज लगे लगभग 02 एकड़ खेत को विनष्ट किया गया.

16 दिसंबर को रांची पुलिस द्वारा दशमफाॅल थानाक्षेत्र अंतर्गत ग्राम मुर्गीडीह के आसपास के जंगली क्षेत्र में लगे अफीम के बीज लगे लगभग 02 एकड़ खेत को ट्रैक्टर से जोत कर एवं पुलिस बल के मदद से विनष्ट किया गया. इसके अलावा बुंडू थाना अंतर्गत ऐदलहातू ग्राम क्षेत्र में लगभग 1 एकड़ में लगे अफीम के पौधे को नष्ट किया गया.

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साल दर साल नशे पर नकेल! (ETV BharatETV Bharat)

इस बार रिकार्ड टूटने के आसार

झारखंड पुलिस ने जिस तरह से अफीम की खेती के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है उसे देखकर लगता है कि इस बार अफीम नष्ट करने सारे पुराने रिकॉर्ड टूट जाएंगे. पिछले 10 दिनों के अभियान में झारखंड में लगभग 100 एकड़ से ज्यादा की अफीम नष्ट की जा चुकी है.

अगर सीआईडी के आंकड़ों पर गौर करे तो साल 2023 में 2545 एकड़, 2022 में 2926 एकड़, साल 2021 में 3034 एकड़, साल 2020 में 2634.7 एकड़, साल 2019 में 2015.4 एकड़, साल 2018 में 2160.5 एकड़, 2017 में 2676.5 एकड़, 2016 में 259.19 एकड़, 2015 में 516.69 एकड़, 2014 में 81.26 एकड़, 2013 में 247.53 एकड़, 2012 में 66.6 एकड़ व 2011 में 26.85 एकड़ जमीन से अफीम नष्ट करने की कार्रवाई की गई थी.

अफीम क्यों है खतरनाक

झारखंड में उगाई जाने वाली अफीम की फसल क्यों खतरनाक है, इसके पीछे कई वजह हैं. पहली वजह तो यह है कि अफीम की फसल से करोड़ों की कमाई होती है. जिसका एक बड़ा हिस्सा नक्सलियों और उग्रवादियों तक पहुंचता है जिसका इस्तेमाल में पुलिस के खिलाफ करते हैं. वहीं अफीम एक ऐसी नशीली फसल है इसके पौधे का एक-एक पार्ट का इस्तेमाल नशे के लिए होता है. अफीम से ही ब्राउन शुगर जैसा घातक मादक पदार्थ बनता है जबकि इसके डोडे का इस्तेमाल भी नशे के लिए किया जाता है. यही वजह है कि अफीम की फसल के खिलाफ झारखंड में जोरदार अभियान चलाया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- अफीम की खेती पर हजारीबाग पुलिस सख्त, 25 एकड़ में लगी फसल को किया गया नष्ट - OPIUM CULTIVATION

इसे भी पढ़ें- लातेहार में अफीम की खेती के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 4 एकड़ में लगी फसल को किया गया नष्ट - OPIUM CULTIVATION IN LATEHAR

इसे भी पढ़ें- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैयार की जा रही थी अफीम की फसल, पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई - OPIUM CULTIVATION IN RANCHI

इसे भी पढ़ें- कितनी कम हुई है पलामू में पोस्ता की खेती! तस्कर अधिकारियों के ट्रांसफर का कर रहे इंतजार - CAMPAIGN AGAINST POPPY CULTIVATION

रांचीः झारखंड में पहली बार अफीम की फसल के खिलाफ युद्ध स्तर पर कार्रवाई की जा रही है. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के कड़े निर्देश के बाद पूरा पुलिस महकमा अफीम की खेतों के पीछे पड़ा हुआ है.

पुलिस ने मात्र 15 दिनों के भीतर 10 एकड़ से ज्यादा भूमि में लगे अफीम की फसल को रौंद दिया गया है. केवल खूंटी जिला में ही पांच दिनों के भीतर 44 एकड़ अफीम नष्ट किया गया है. वहीं झारखंड डीजीपी अनुराग गुप्ता ने भी बड़ा स्पष्ट कर दिया है कि जो पुलिस वाले अफीम तस्करों का सहयोग कर रहे हैं, उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

झारखंड में अफीम की खेती पर पुलिस का प्रहार (ETV Bharat)

ट्रैक्टर से लेकर जेसीबी तक लगाया गया

झारखंड की राजधानी रांची के अलावा खूंटी, हजारीबाग, लातेहार, पलामू और चतरा अफीम माफिया के लिए बेहद उपजाऊ जिला हुआ करते थे. ग्रामीणों का सहयोग लेकर अफीम माफिया घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में एकड़ की एकड़ जमीन पर अफीम की फसल उगाते थे. इस साल भी झारखंड में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की गई है लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है.

डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश के बाद इस बार पुलिस अफीम के तैयार होने का इंतजार नहीं कर रही है बल्कि जेसीबी और ट्रैक्टर लेकर जंगलों में घुस चुकी है. जहां जहां अफीम की फसल नजर आ रही है उसे नेस्तानाबूद कर दिया जा रहा है. पुलिस इतनी सजग हो गई है कि जहां उन्हें यह पता चल रहा है कि अफीम का बीज बोया गया है उस खेत में भी ट्रैक्टर चलाकर उसे बर्बाद किया है. पुलिस की इस लगातार चल रही कार्रवाई से अफीम माफिया को अब तक करोड़ों का नुकसान हो चुका है.

पुलिस अफसरों पर भी रखी जा रही नजर

यह सभी जानते हैं कि बिना पुलिस की मदद के अफीम माफिया अफीम की खेती करने में कामयाब नहीं हो पाते हैं. लेकिन झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता नशे के तस्करों के खिलाफ नो टॉलरेंस की नीति के तहत काम कर रहे हैं. डीजीपी ने बताया कि मैंने स्पेसल ब्रांच के आईजी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे अफीम माफिया से मिलीभगत रखने वाले पुलिस अफसरों का पता लगाएं. डीजीपी ने बड़े ही कड़े शब्दों में कहा कि मैं वैसे किसी भी पुलिस अफसर को छोडूंगा नहीं जो अफीम तस्करों से मिलीभगत करते होंगे.

डीजीपी के कड़े तेवर से रेस है पुलिस

डीजीपी के कड़े तेवर देखकर जिन जिलों में अफीम की खेती हो रही थी वहां के पुलिस अधीक्षक खुद एक्टिव हो गए हैं. लगातार अफीम के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है आंकड़े और तस्वीर बता रहे हैं कि किस कदर इस साल भी अफीम माफिया फसल की बीज बोने में कामयाब हो गए हैं. लेकिन इस बार अफीम माफिया को भारी नुकसान हो रहा है. जंगलों और बीहड़ों में पुलिस की टीम कड़ी सुरक्षा के बीच ट्रैक्टर और जेसीबी लेकर उतर चुकी है और हर दिन लगभग तीन से चार एकड़ की खेती नष्ट की जा रही है.

खूंटी में 13 दिसंबर से अभियान जारी, 44 एकड़ अफीम की फसल नष्ट

झारखंड का खूंटी जिला अफीम की फसल को लेकर काफी बदनाम है. लेकिन लगता है इस बार अफीम नष्ट करने के मामले में यह जिला अव्वल होगा. 13 दिसंबर को को खूंटी थाना के ग्राम ओंड्रा में 1 एकड़, अड़की थाना अंतर्गत धोबा कदमडीह में 02 एकड़, जोरको में 03 एकड़, मुरहू थाना के बागमा में 1.8 एकड़, मरांगहदा में 1 एकड़, सायको थाना के जिलिंगकेला में 3.5 एकड़ में अवैध अफीम कि खेती को विनष्ट किया गया.

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खूंटी में पुलिस का कसता शिकंजा (ETV Bharat)

14 दिसंबर को खूंटी थानान्तर्गत ग्राम सिम्बुकेल में 1 एकड़, अड़की थानान्तर्गत ग्राम शर्माली में 02 एकड़, मरांगहदा थानान्तर्गत चन्डोर में 1.5 एकड़, सायको थानान्तर्गत सलगा में 02 एकड़, मुरहू थानान्तर्गत ग्राम मलियादा में 02 एकड़ में अवैध अफीम की खेती को विनष्ट किया गया. जबकि 15 दिसंबर को खूंटी थाना के ग्राम बुद्धूडीह में 1.5 एकड़, मुरहू थाना के कटहलटोली में 4 एकड़, अड़की थाना के लेंबेद में 05 एकड़, सायको थाना अंतर्गत 2.5 एकड़, मरांगहदा के पुतिदा 1 एकड़ एकड़ में अवैध अफीम की फसल को विनष्ट किया.

खूंटी पुलिस ने 16 दिसंबर को भी अफीम के खिलाफ अभियान चलाया. जिसमें खूंटी थाना के ग्राम कामान्ता में 1 एकड़, मुरहू थाना के सांडीगांव में करीब 5 एकड़, अड़की थाना के रायकुटी रुमुचु में 2.1 एवं बारीडीह में 2.5 एकड़, सायको थाना के सपारोम एवं भुरसु में 2 एकड़, मरांगहदा के दिरीगाढ़ा 1.5 एकड़ में अवैध अफीम की फसल को विनष्ट किया.

यह अभियान अभी थमेगा नहीं क्योंकि पुलिस के पास अभी-भी एकड़ की एकड़ में अफीम के फसल होने की जानकारी मिली है, जिनको नष्ट करना अभी बाकी है. खूंटी एसपी अमन कुमार ने बताया कि खूंटी में जहां-जहां अफीम की खेती की सूचना मिली है वहां अभियान चलाया जा रहा है. किसी भी कीमत पर भी अफीम लगी एक भी खेत को छोड़ा नहीं जाएगा.

पलामू में आफत में अफीम माफिया

झारखंड के पलामू में भी अफीम के खिलाफ जोरदार कार्रवाई चल रही है. आलम यह है कि इस जिला में भी अफीम तस्करों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है. पलामू पुलिस कप्तान रीष्मा रमेशन ने बताया कि पलामू में आज की तारीख में भी नशे के तस्करों के द्वारा उगाई गयी अफीम की फसल को नष्ट किया जा रहा.

आंकड़ों पर नजर डालें तो 14 दिसंबर को पलामू के मनातू थाना अंतर्गत ग्राम सीदका के वन क्षेत्र में करीब 10 एकड़ और सिकनी के वन क्षेत्र में करीब 5 एकड़ अफीम की खेती को वन विभाग मनातू की टीम के साथ मिलकर विनष्ट किया गया.

15 दिसंबर को मनातू थाना अंतर्गत ग्राम सरगुजा टोला कर्मतांड में वन क्षेत्र में लगे चार एकड़ पोस्ता की खेती को विनष्ट किया गया. 15 दिसंबर को ही पांकी थाना अंतर्गत हेडूम पहाड़ के नीचे तराई में अवैध रूप से लगे पोस्ता की खेती कुल करीब 10 एकड़ विनष्टीकरण किया गया.

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अफीम पर पुलिस का कड़ा प्रहार (ETV Bharat)

16 दिसंबर को ग्राम धनकाही गांव के जंगल में अवैध रूप से लगे पोस्ता की खेती को मनातू थाना पुलिस और वन विभाग मनातू की टीम के साथ करीब 15 एकड़ खेती को ट्रैक्टर चलाकर विनष्ट किया गया. 17 दिसंबर को मनातू थाना अंतर्गत ग्राम खरीगदाग स्थित इटवाही जंगल में अवैध रूप से लगी पोस्ता की 15 एकड़ फसल को विनष्ट किया गया.

लातेहार में भी जोरदार कार्रवाई

झारखंड के लातेहार जिला में भी अफीम माफिया के खिलाफ जोरदार करवाई जा रही है. 15 दिसंबर को लातेहार के बरियातू थाना क्षेत्र में 5 एकड़ अफीम की खेती को नष्ट किया गया. 16 दिसंबर को फिर हंस थाना क्षेत्र में चार एकड़ अफीम की खेती को नष्ट किया गया. 14 दिसंबर को हिरण की में ही 3 एकड़ अफीम की खेती को नष्ट किया गया. वहीं बरियातू थाना क्षेत्र में ही 15 दिसंबर को ढाई एकड़ में लगे अफीम की खेती को नष्ट किया गया.

लातेहार एसपी कुमार गौरव ने बताया कि अफीम तस्करों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है. अफीम की फसल लगाने वाले लोगों की भी तलाश की जा रही है उन पर भी मुकदमा दर्ज कारवाई की जाएगी.

हजारीबाग में एक दिन में 25 एकड़ की फसल नष्ट

हजारीबाग पुलिस के द्वारा 16 दिसंबर को बड़ी कार्रवाई की गयी है. पुलिस की टीम ने चौपारण के आसपास अफीम तस्करों के द्वारा लगाए गए 25 एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट कर दिया है.

रांची में भी कार्रवाई जारी

राजधानी रांची में भी अफीम की फसल के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. 15 दिसंबर को तमाड़ और दशमफॉल थाना क्षेत्र में ग्राम हुसीरहातु के जंगलों में करीब 01 एकड़ 70 डिसमील में लगे अवैध पोस्ता (अफीम) की फसल को नष्ट किया गया. साथ ही तमाड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बुरुडीह के जंगल में अफीम के बीज लगे लगभग 02 एकड़ खेत को विनष्ट किया गया.

16 दिसंबर को रांची पुलिस द्वारा दशमफाॅल थानाक्षेत्र अंतर्गत ग्राम मुर्गीडीह के आसपास के जंगली क्षेत्र में लगे अफीम के बीज लगे लगभग 02 एकड़ खेत को ट्रैक्टर से जोत कर एवं पुलिस बल के मदद से विनष्ट किया गया. इसके अलावा बुंडू थाना अंतर्गत ऐदलहातू ग्राम क्षेत्र में लगभग 1 एकड़ में लगे अफीम के पौधे को नष्ट किया गया.

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साल दर साल नशे पर नकेल! (ETV BharatETV Bharat)

इस बार रिकार्ड टूटने के आसार

झारखंड पुलिस ने जिस तरह से अफीम की खेती के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है उसे देखकर लगता है कि इस बार अफीम नष्ट करने सारे पुराने रिकॉर्ड टूट जाएंगे. पिछले 10 दिनों के अभियान में झारखंड में लगभग 100 एकड़ से ज्यादा की अफीम नष्ट की जा चुकी है.

अगर सीआईडी के आंकड़ों पर गौर करे तो साल 2023 में 2545 एकड़, 2022 में 2926 एकड़, साल 2021 में 3034 एकड़, साल 2020 में 2634.7 एकड़, साल 2019 में 2015.4 एकड़, साल 2018 में 2160.5 एकड़, 2017 में 2676.5 एकड़, 2016 में 259.19 एकड़, 2015 में 516.69 एकड़, 2014 में 81.26 एकड़, 2013 में 247.53 एकड़, 2012 में 66.6 एकड़ व 2011 में 26.85 एकड़ जमीन से अफीम नष्ट करने की कार्रवाई की गई थी.

अफीम क्यों है खतरनाक

झारखंड में उगाई जाने वाली अफीम की फसल क्यों खतरनाक है, इसके पीछे कई वजह हैं. पहली वजह तो यह है कि अफीम की फसल से करोड़ों की कमाई होती है. जिसका एक बड़ा हिस्सा नक्सलियों और उग्रवादियों तक पहुंचता है जिसका इस्तेमाल में पुलिस के खिलाफ करते हैं. वहीं अफीम एक ऐसी नशीली फसल है इसके पौधे का एक-एक पार्ट का इस्तेमाल नशे के लिए होता है. अफीम से ही ब्राउन शुगर जैसा घातक मादक पदार्थ बनता है जबकि इसके डोडे का इस्तेमाल भी नशे के लिए किया जाता है. यही वजह है कि अफीम की फसल के खिलाफ झारखंड में जोरदार अभियान चलाया जा रहा है.

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