नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के 15 मार्च को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि इस वर्ष 4.74% की वार्षिक वृद्धि और 4.80 फीसदी की मासिक वृद्धि दर्ज की गई है. जनवरी-फरवरी 2024 के दौरान घरेलू एयरलाइनों द्वारा यात्रियों की संख्या 257.78 लाख रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 246.11 लाख थी.
इंडिगो, सबसे बड़ी बाजार हिस्सेदारी वाली एयरलाइन 60.1 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ आगे है, हालांकि जनवरी में यह 60.2 फीसदी थी. इसके बाद एयर इंडिया 12.8 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर थी. अगर इसकी जनवरी की हिस्सेदारी से तुलना की जाए तो यह बढ़ोतरी 12.2 फीसदी थी.
अकासा एयर की बाजार हिस्सेदारी फरवरी में 4.5 फीसदीरही, अगर पिछले महीने की तुलना में इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ, जबकि स्पाइस जेट की बाजार हिस्सेदारी पिछले महीने के 5.6% की तुलना में 5.2 फीसदी कम हो गई. डीजीसीए के अनुसार, इस साल जनवरी में विस्तारा और स्पाइसजेट अधिकतम यात्री भार कारक (पीएलएफ) वाली एयरलाइंस थीं.
फरवरी 2024 महीने के लिए निर्धारित घरेलू एयरलाइनों की कुल रद्दीकरण दर 0.90% रही है जबकि पिछले महीने यह 3.67 फीसदी थी. ज़ूम एयरलाइंस, जिसे पहले ज़ूम एयर कहा जाता था, ने 7.69 फीसदी की उच्चतम रद्दीकरण दर दर्ज की, इसके बाद गुरुग्राम (हरियाणा) में स्थित क्षेत्रीय एयरलाइन फ्लाईबिग ने 7.41%, एलायंस एयर ने 3.83 फीसदी, स्पाइसजेट ने 1.54 फीसदी, इंडिगो ने 0.84 फीसदीऔर अन्य के साथ रद्दीकरण दर दर्ज की.
रद्दीकरण के कारणों में, मौसम 58.6 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ सर्वोपरि रहा, इसके बाद तकनीकी 19.7 फीसदी, 13.4 फीसदी विविध, परिचालन 6.8 फीसदी और वाणिज्यिक 1.5 फीसदी रहा. फरवरी 2024 के दौरान अनुसूचित घरेलू एयरलाइंस को कुल 791 यात्री संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई थीं. फरवरी 2024 के महीने में प्रति 10,000 यात्रियों पर शिकायतों की संख्या लगभग 0.63 रही है. शिकायतों का प्रमुख कारण 37.8 फीसदी के साथ उड़ान संबंधी समस्या, इसके बाद 19 फीसदी बैगेज, 16.3 फीसदी रिफंड और अन्य हैं.
आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2024 में AIX कनेक्ट भारत में परिचालन करने वाली सबसे अधिक समय की पाबंद एयरलाइन थी. चार मेट्रो हवाई अड्डों - नई दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और मुंबई में 73.5 प्रतिशत के साथ इसके बाद अकासा एयर (72.89), इंडिगो (72.7) और विस्तारा ( 67.4).
डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक, देरी से बोर्डिंग से कुल 917 यात्री प्रभावित हुए और एयरलाइंस द्वारा मुआवजे और सुविधाओं के रूप में 78.19 लाख रुपये की राशि खर्च की गई. रद्दीकरण श्रेणी में, 29,143 यात्री प्रभावित हुए और वाहकों द्वारा मुआवजे और सुविधाओं के रूप में 99.96 लाख रुपये खर्च किए गए. जनवरी 2024 में उड़ान में देरी से लगभग 155387 यात्री प्रभावित हुए और उन्हें 222.11 लाख रुपये का मुआवजा मिला.