हैदराबाद: दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब समेत भारत के कई हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. फिलहाल गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधावर को 52.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो भारत में अब तक का सबसे उच्च तापमान है. वहीं, राजस्थान के फलोदी में 51 डिग्री और 50.8 डिग्री सेल्सियस तामपान दर्ज किया गया है, जबकि हरियाणा के सिरसा में 50.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, अगले दो दिनों तक भीषण गर्मी का प्रकोप जारी रह सकता है.
दिल्ली में तापमान के पीछे का कारण बताते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के क्षेत्रीय प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि राजधानी के बाहरी इलाके राजस्थान से आने वाली गर्म हवाओं की चपेट में सबसे पहले आते हैं. उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि दिल्ली के कुछ हिस्से इन गर्म हवाओं के आने से बेहद संवेदनशील हैं. ये गर्म हवाएं पहले से ही गर्म मौसम को और खराब कर देती हैं. उन्होंने कहा कि मुंगेशपुर, नरेला और नजफगढ़ जैसे इलाके सबसे पहले इन गर्म हवाओं की चपेट में आते हैं.
दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ भीषण गर्मी के दूसरे दिन तापमान उम्मीद से नौ डिग्री अधिक दर्ज किया गया. इससे पहले साल 2002 में 49.2 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था. दिल्ली में बुधवार शाम को हल्की बारिश भी हुई, जिससे उमस का स्तर बढ़ने की संभावना है. मौसम विभाग ने दिल्लीवासियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी रेड अलर्ट में कहा कि सभी उम्र के लोगों में गर्मी से होने वाली बीमारी और हीट स्ट्रोक की बहुत अधिक संभावना है. कमजोर लोगों के लिए सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है.
हालांकि, अरब सागर से आने वाली नम हवाओं के कारण बुधवार को दक्षिणी राजस्थान के जिलों- बाड़मेर, जोधपुर, उदयपुर, सिरोही और जालौर में तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई, जो उत्तर-पश्चिम भारत में गर्मी कम होने का संकेत है. संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान (NWP) के आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर भारत में जल्द तापमान गिर सकती है और 30 मई से लोगों को लू से राहत मिल सकती है. गुरुवार से बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाओं से उत्तर प्रदेश में अधिकतम तापमान में गिरावट आने की उम्मीद है.
अल-नीनो का असर
वैज्ञानिकों ने अल-नीनो प्रभाव के कारण पहले ही भारत में इस साल भीषण गर्मी की भविष्यवाणी कर दी थी. अल-नीनो गर्म पानी को पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में टांसफर करके हवा को गर्म करता है और दुनिया भर में गर्म मौसम पैदा करके वैश्विक मौसम के पैटर्न को बदल देता है. अल-नीनो का वर्तमान चक्र 2023 में शुरू हुआ और जून 2024 तक चलने की उम्मीद है. राष्ट्रीय समुद्रीय और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) की रिपोर्ट से पता चलता है कि 2023 पिछले वर्षों की तुलना में अधिक गर्म था.
भारत में हीटवेव कैसे बनती है?
वायुमंडलीय और समुद्री घटनाओं के कारण उत्तर-मध्य और पूर्वी भारत में लू चलती है. उत्तर-मध्य क्षेत्र में लगातार गर्म और शुष्क परिस्थितियां स्थिर उच्च दबाव प्रणालियों से जुड़ी हैं. ये प्रणालियां सामान्य प्रवाह को बाधित कर सामान्य मौसम पैटर्न को प्रभावित करती हैं. अल नीनो समुद्र के तापमान को बढ़ाता है. इस कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाली नम समुद्री हवाओं को रोकने वाली उच्च दबाव प्रणाली के कारण इस साल भारत के कई हिस्सों में अप्रैल में रिकॉर्ड उच्च तापमान दर्ज किया गया.
उच्च तापमान का कारण
जलवायु शोधकर्ताओं का कहना है कि जब वायुमंडल में उच्च दबाव होता है, जो गर्म हवा को नीचे की ओर धकेलता है और उसे जमीन के पास फंसा देता है, तो गर्मी की लहरें आती हैं. यह उच्च दबाव प्रणाली गर्म हवा को ऊपर उठने से रोकती है, जिससे तापमान और बढ़ जाता है. हवा नीचे की ओर सिकुड़ने पर और गर्म होती है, जिससे भीषण गर्मी की स्थिति पैदा होती है. इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन वैश्विक मौसम पैटर्न को बदलकर और उच्च दबाव की लंबी अवधि की संभावना को बढ़ाकर तीव्र गर्मी की लहरों में योगदान देता है.
भारत में गर्मी क्यों बढ़ रही है
आईएमडी के मुताबिक, मौसम के पैटर्न के मेल से ब्रेडबास्केट क्षेत्र (Breadbasket Region) में तापमान बढ़ रहा है. भारत में गर्मी के मौसम में तापमान आमतौर पर मई में चरम पर होता है. तापमान में वृद्धि मुख्य रूप से कम गैर-मानसूनी तूफानों और सक्रिय लेकिन कमजोर होते एल नीनो के कारण है, जो एक जलवायु पैटर्न है. यह आमतौर पर एशिया में गर्म और शुष्क मौसम और अमेरिका के कुछ हिस्सों में भारी बारिश लाता है. इसके अलावा पाकिस्तान से आने वाली गर्म पश्चिमी हवाएं भी भारत में गर्मी बढ़ाने में योगदान दे रही हैं.
पंजाब में चुनाव से पहले लोग गर्मी से बेहाल
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में एक जून को पंजाब की सभी 13 सीटों पर मतदान होना है. लेकिन भीषण गर्मी की वजह से लोग बेहाल है. नेताओं के लिए दिन में चुनाव प्रचार करना मुश्किल हो गया है. मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को बठिंडा एयरपोर्ट पर राज्य का सबसे अधिक तापमान 49.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस अधिक था. राज्य में कई जगहों पर अधिकतम तापमान 44 से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा.
यूई ने मणिपुर में ओलावृष्टि से प्रभावित लोगों की मदद की
इधर, यूरोपीय संघ (ईयू) ने मई की शुरुआत में मणिपुर में ओलावृष्टि और भारी बारिश से प्रभावित लोगों की मदद के लिए बुधवार को 250,000 यूरो (2.26 करोड़ रुपये) दान किए हैं. यह मानवीय सहायता सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ितों को प्रदान की जाएगी. यह सहायता राशि यूरोपीय संघ के मानवीय भागीदार ADRA द्वारा वितरित की जाएगी और इससे 1,500 से अधिक पीड़ित परिवारों को लाभ मिलेगा. बता दें, 5 मई को मणिपुर में भीषण ओलावृष्टि से 16 जिलों में घरों, बुनियादी ढांचे और कृषि भूमि व फसलों को भारी नुकसान हुआ था.
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