नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में नमाज अदा करने के दौरान सड़क पर बैठे नमाजियों को दिल्ली पुलिस के जवान ने लात मार दी. उसके बाद मौके पर बवाल शुरू हो गया. अब मुस्लिम समुदाय के लोग वहां प्रदर्शन कर रहे हैं. फिलहाल, पुलिस मामले को शांत कराने का प्रयास कर रही है. पुलिस अधिकारियों का कहना है, "आज हुई घटना में वीडियो में दिख रहे पुलिस चौकी प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई है."
दरअसल, आज जुम्मे की नमाज अदा करने के दौरान कुछ मुस्लिम समाज के लोग इंद्रलोक इलाके में मुख्य सड़क पर बैठकर नमाज पढ़ने लगे. इससे ट्रैफिक बाधित होने लगा. इस बीच दिल्ली पुलिस के कुछ जवान उन्हें हटाने आए. इसी दौरान पुलिस का एक जवान बैठकर नमाज पढ़ने वाले युवक को पैर से मरने लगा. इससे संबंधित एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है. इसके बाद नमाज पढ़ रहे मुस्लिम समुदाय के लोग धीरे-धीरे काफी संख्या में इकट्ठा हो गए और पुलिस वाले को ऐसा करने से रोकने लगे.
"वायरल वीडियो में दिख रहे पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. पुलिस चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है. अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है. स्थिति सामान्य हो गई है. यातायात खोल दिया गया है."- मनोज मीणा, डीसीपी, नॉर्थ जिला
साथ ही नमाजी दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इस दौरान ट्रैफिक भी बाधित कर दिया. फिलहाल, दिल्ली पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. माहौल को शांत कराने की कोशिश की जा रही है. ज्यादा तनाव ना फैले इसके मद्देनजर उस इलाके में नेट की सेवा बंद कर दी गई है. बता दें, इंद्रलोक इलाके में काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं. शुक्रवार को नमाज अदा करने के लिए कम जगह होने के बाद ये लोग मुख्य सड़क पर बैठकर नमाज पढ़ने लगे, तभी यह घटना हुई.
- ये भी पढ़ें: पाकिस्तानी शरणार्थियों को हटाने पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक, कल नहीं होगी DDA की कार्रवाई
गृह मंत्री को मौलाना मदनी का लेटर: जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने नमाज के दौरान लोगों की पिटाई पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब होगी. मौलाना मदनी ने इस संबंध में भारत सरकार के गृह मंत्री और दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर उक्त पुलिस अधिकारी को सभी जिम्मेदारियों से सेवामुक्त करने की मांग की है. मौलाना मदनी ने कहा कि पुलिस के इस रवैये से पता चलता है कि वह इस्लामोफोबिया की बीमारी से ग्रसित है और साम्प्रदायिक शक्तियों की सोच से प्रभावित है. इसलिए वैचारिक सुधार के साथ उसको अपने काम के प्रति जिम्मेदार होने का प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है.