नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया है. दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा कि पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी से जुड़े गंभीर आरोप हैं. पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर हाईकोर्ट 29 अगस्त को सुनवाई करनेवाला है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि यह मामला सिविल सेवाओं में आरक्षित श्रेणियों के दुरुपयोग से जुड़ा है. इस मामले की वजह से सार्वजनिक विश्वास पर व्यापक असर पड़ा है और यह सीधे तौर पर पूरी परीक्षा के साथ चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता व अखंडता को प्रभावित करता है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसके पास साक्ष्य के तौर पर ईमेल, चैट, और दूसरे फिजिकल रिकॉर्ड जो अभी तक अधिकारियों को प्रस्तुत नहीं किए गए हैं वो भी मौजूद हैं.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि अगर जांच के प्रारंभिक चरण में आरोपी को सुरक्षा दी गई तो याचिकाकर्ता इन्हें बदल या नष्ट कर सकता है, क्योंकि याचिकाकर्ता के सूचना में हेरफेर करने के कथित इतिहास भी है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि मामले की जांच में चल रही है, जिसमें पूछताछ करना भी शामिल है. इसमें विकलांगता प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की पुष्टि करना, शैक्षणिक या चिकित्सा संस्थानों जैसे अन्य संस्थानों के दावों की जांच करना शामिल है. अगर पूजा खेडकर को जमानत दी जाती है तो वह भ्रामक जानकारी प्रदान करके या इन संस्थानों पर रिकॉर्ड या गवाही बदलने के लिए दबाव डालकर जांच प्रक्रियाओं में बाधा डाल सकती है. अब तक की जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि धोखाधड़ी में अन्य लोग भी शामिल हैं.
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बता दें, 21 अगस्त को हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर को मिली राहत को 29 अगस्त तक बढ़ा दिया था. 12 अगस्त को हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दिया था. पूजा खेडकर ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अगस्त को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की ओर से पेश वकील बीना माधवन ने कहा था कि इस मामले में शिकायत यूपीएससी की तरफ से की गई है, जिसमें जालसाजी, धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है. उन्होंने कहा था कि पूजा के गिरफ्तार होने का खतरा है. माधवन ने कहा था कि पूजा खेडकर एक प्रोबेशनरी अधिकारी हैं. जिसकी वजह से नियमों के मुताबिक उसे कुछ अधिकार हासिल है.
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