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MCD इलेक्शन की तारीख कल, EC से मंजूरी के बाद भी टल सकता है चुनाव, जानिए क्यों ? - Delhi Mayor Election 2024

Delhi MCD Election: दिल्ली नगर निगम चुनाव की 26 अप्रैल यानी कल की तारीख घोषित होने और चुनाव आयोग की मंजूरी मिलने के बावजूद चुनाव टल सकता है. जानिए, आखिर क्यों असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है...

एमसीडी इलेक्शन
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 25, 2024, 2:22 PM IST

नई दिल्लीः एमसीडी इलेक्शन के लिए चुनाव आयोग की ओर से तो ग्रीन सिग्नल मिल चुका है लेकिन अभी तक स्थिति साफ नहीं है. दरअसल, पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई है. एलजी ऑफिस और सीएम ऑफिस की ओर से एक दूसरे पर अपना काम ठीक तरह से न किए जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं.

हालांकि, चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि 26 अप्रैल को चुनाव कराए जा सकते हैं. बुधवार देर शाम चुनाव आयोग की तरफ से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी किया गया. आयोग ने पत्र लिखकर बताया कि मतदान की प्रस्तावित तारीख यानी 26 अप्रैल पर उनकी ओर से कोई रोक नहीं है.

फिर कहां फंसा पेंच
उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय ने अभी तक चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है. बता दें कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति का काम नगरपालिका सचिव से लेकर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) आयुक्त के पास जाता है और फिर शहरी विकास सचिव, मुख्य सचिव, शहरी विकास मंत्री और मुख्यमंत्री के पास होता है या फिर उपराज्यपाल के पास जाता है. उधर, नगर निकाय अभी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है या नहीं?

ये भी पढ़ेंः द‍िल्‍ली में मेयर चुनाव के लिए चुनाव आयोग का ग्रीन सिग्नल, जानें अब क‍िस तारीख को होगा इलेक्‍शन

क्या कहना है शहरी विकास मंत्री का
पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि नियुक्ति की फाइल उन्हें बाईपास करके एलजी ऑफिस को भेज दी गई थी, जबकि दावा यह किया जा रहा है कि एलजी ऑफिस को अभी तक मुख्यमंत्री ऑफिस से फाइल प्राप्त नहीं हुई है. सौरभ भारद्वाज का यह आरोप है कि यह पहले से ही संकेत मिल रहे थे कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के कारण पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है या इसमें देरी हो सकती है.

मंगलवार को सौरभ भारद्वाज ने एलजी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति से संबंधित फाइल मुख्य सचिव ने दरकिनार करते हुए सीधे एलजी कार्यालय भेजी गई. सौरभ भारद्वाज ने एलजी से अनुरोध किया कि फाइल मुख्य सचिव को इस निर्देश के साथ लौटा दी जाए कि इसे शहरी विकास मंत्री के माध्यम से एलजी कार्यालय भेजा जाना चाहिए. मेयर का चुनाव 26 अप्रैल को निगम की पहली सदन की बैठक में आयोजित किया जाना है.

क्यों स्थगित हो सकते हैं चुनाव
26 अप्रैल को चुनाव नहीं भी हो सकते हैं. इसके पीछे का कारण यह है कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति न हो पाने की वजह से मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को स्थगित किया जा सकता है. इससे पहले यह कहा जा रहा था कि आचार संहिता लगी हुई है, इसलिए चुनाव आयोग की ओर से रोक लगाई जा सकती है. पिछले हफ्ते नगरपालिका सचिव ने मॉडल कोड के अनुसार मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग से मंजूरी भी मांगी थी. आयोग की ओर से तारीख पर क्लीन चिट दे दी गई है.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली में टल सकता है मेयर का चुनाव, ये दो बड़ी वजह आ रही सामने

नई दिल्लीः एमसीडी इलेक्शन के लिए चुनाव आयोग की ओर से तो ग्रीन सिग्नल मिल चुका है लेकिन अभी तक स्थिति साफ नहीं है. दरअसल, पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई है. एलजी ऑफिस और सीएम ऑफिस की ओर से एक दूसरे पर अपना काम ठीक तरह से न किए जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं.

हालांकि, चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि 26 अप्रैल को चुनाव कराए जा सकते हैं. बुधवार देर शाम चुनाव आयोग की तरफ से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी किया गया. आयोग ने पत्र लिखकर बताया कि मतदान की प्रस्तावित तारीख यानी 26 अप्रैल पर उनकी ओर से कोई रोक नहीं है.

फिर कहां फंसा पेंच
उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय ने अभी तक चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है. बता दें कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति का काम नगरपालिका सचिव से लेकर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) आयुक्त के पास जाता है और फिर शहरी विकास सचिव, मुख्य सचिव, शहरी विकास मंत्री और मुख्यमंत्री के पास होता है या फिर उपराज्यपाल के पास जाता है. उधर, नगर निकाय अभी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है या नहीं?

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क्या कहना है शहरी विकास मंत्री का
पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि नियुक्ति की फाइल उन्हें बाईपास करके एलजी ऑफिस को भेज दी गई थी, जबकि दावा यह किया जा रहा है कि एलजी ऑफिस को अभी तक मुख्यमंत्री ऑफिस से फाइल प्राप्त नहीं हुई है. सौरभ भारद्वाज का यह आरोप है कि यह पहले से ही संकेत मिल रहे थे कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के कारण पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है या इसमें देरी हो सकती है.

मंगलवार को सौरभ भारद्वाज ने एलजी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति से संबंधित फाइल मुख्य सचिव ने दरकिनार करते हुए सीधे एलजी कार्यालय भेजी गई. सौरभ भारद्वाज ने एलजी से अनुरोध किया कि फाइल मुख्य सचिव को इस निर्देश के साथ लौटा दी जाए कि इसे शहरी विकास मंत्री के माध्यम से एलजी कार्यालय भेजा जाना चाहिए. मेयर का चुनाव 26 अप्रैल को निगम की पहली सदन की बैठक में आयोजित किया जाना है.

क्यों स्थगित हो सकते हैं चुनाव
26 अप्रैल को चुनाव नहीं भी हो सकते हैं. इसके पीछे का कारण यह है कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति न हो पाने की वजह से मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को स्थगित किया जा सकता है. इससे पहले यह कहा जा रहा था कि आचार संहिता लगी हुई है, इसलिए चुनाव आयोग की ओर से रोक लगाई जा सकती है. पिछले हफ्ते नगरपालिका सचिव ने मॉडल कोड के अनुसार मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग से मंजूरी भी मांगी थी. आयोग की ओर से तारीख पर क्लीन चिट दे दी गई है.

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