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दिल्ली जल बोर्ड बोरवेल हादसा: 15 घंटे रेस्क्यू कर बोरवेल से युवक को निकाला, अस्पताल ले जाते समय हुई मौत - Delhi Jal Board borewell accident

Delhi Jal Board borewell accident: दिल्ली में ट्रीटमेंट प्लांट के बोरवेल में गिरे शख्स को निकाल लिया गया है. हॉस्पिटल ले जाते समय शख्स की मौत हो गई.

delhi jal board
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 10, 2024, 1:40 PM IST

Updated : Mar 10, 2024, 5:08 PM IST

बोरवेल में गिरा शख्स को बाहर निकाला

नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के केशवपुर मंडी के पास दिल्ली जल बोर्ड के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के बोरवेल में गिरे शख्स को बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन हॉस्पिटल ले जाते समय उसकी रास्ते में ही मौत हो गई. बता दें कि करीब 15 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बोरवेल में गिरे व्यक्ति को एनडीआरफ ने बाहर निकाला है. उसे पास के दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में ले जाया गया है, जहां उसकी मौत हो गई. बता दें कि रात 2:45 बजे व्यक्ति के गिरने की पीसीआर कॉल हुई थी. रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, फायर डिपार्टमेंट और दिल्ली पुलिस रात से जुटी हुई थी. अभी तक व्यक्ति की शिनाख्त नहीं हो सकी है. वह व्यक्ति यहां पर क्यों आया था. कैसे वह होल में गिरा दिल्ली पुलिस इसकी जांच करेगी.

रविवार तड़के 2:45 बजे बोरवेल में बच्चे के गिरने की सूचना मिली थी. इसके बाद इंस्पेक्टर वीर प्रताप के नेतृत्व में 37 एनडीआरएफ के जवानों को मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भेजा गया.

वहीं, दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि बोरवेल में गिरने वाला बच्चा नहीं है. वह इसमें कैसे गिरा, यह जांच का विषय है. शख्स को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम लगी हुई थी. वहीं, एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर वीर प्रताप ने बताया कि उनकी टीम सर्च सरवाइव एंड रेस्क्यू, मेडिकल व अन्य उपकरणों के साथ मौके पर रेस्क्यू करने में जुटी थी.

प्रमुख सचिव को दिया जांच का आदेश: मंत्री आतिशी ने केशवपुर मंडी के पास हुए हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दिल्ली के प्रमुख सचिव को पत्र लिख जांच का आदेश दिया है. आदेश को मंत्री आतिशी ने ट्वीट भी किया है. उन्होंने कहा है कि घटना की समयबद्ध जांच करें और जिम्मेदार पाए गए किसी भी अधिकारी के खिलाफ कड़ी और अनुकरणीय कार्रवाई करें. सुनिश्चित करें कि सभी सरकारी और निजी परित्यक्त बोरवेलों को तुरंत वेल्डिंग और सील किया जाए और 48 घंटों के भीतर मुझे अनुपालन की सूचना दी जाए.

मंत्री ने जमीन डीएमआरसी की बताई: प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में मंत्री आतिशी ने कहा है कि जहां केशवपुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में एक बंद पड़े बोरवेल में कोई गिर गया है. यह बोरवेल उस जमीन पर था, जिसे 2020 में दिल्ली मेट्रो को सौंप दिया गया था. फिर भी यह जांच करना हमारी जिम्मेदारी है कि क्या दिल्ली जल बोर्ड की ओर से कोई चूक हुई है, और यह सुनिश्चित करना है कि दिल्ली में ऐसी कोई घटना न हो.

यह भी पढ़ें-दिल्ली जल बोर्ड के प्लांट में बोरवेल में गिरा बच्चा, मंत्री आतिशी मौके पर पहुंची

चारों तरफ से बंद था दफ्तरः ETV भारत ने आसपास की दुकानदारों और लोगों से बात की तो पता चला कि दिल्ली जल बोर्ड के एसटीपी का दफ्तर चारों तरफ से बंद था और मुख्य गेट पर सुरक्षा गार्ड रहता था. ऐसे में आखिर कैसे और कौन एसटीपी के अंदर प्रवेश किया. घटना रात में हुई है. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कोई चोरी करने के लिए घुसा और वही बोरबेल में गिर गया.

बोरबेल से एसटीपी का दफ्तर सिर्फ 50 मीटर दूर है. अगर यहां सीसीटीवी कैमरा लगा होता तो सारी बातें स्पष्ट हो जातीं. स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि दिन और रात में एसटीपी के गेट पर गार्ड रहते है. ये गार्ड हादसे के समय कहां थे. स्थानीय लोग घटना के लिए दिल्ली जल बोर्ड को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

यह भी पढ़ें-100 करोड़ की जमीन को ग्रेनो प्राधिकरण ने अतिक्रमण से कराया मुक्त

बोरवेल में गिरा शख्स को बाहर निकाला

नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के केशवपुर मंडी के पास दिल्ली जल बोर्ड के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के बोरवेल में गिरे शख्स को बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन हॉस्पिटल ले जाते समय उसकी रास्ते में ही मौत हो गई. बता दें कि करीब 15 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बोरवेल में गिरे व्यक्ति को एनडीआरफ ने बाहर निकाला है. उसे पास के दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में ले जाया गया है, जहां उसकी मौत हो गई. बता दें कि रात 2:45 बजे व्यक्ति के गिरने की पीसीआर कॉल हुई थी. रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, फायर डिपार्टमेंट और दिल्ली पुलिस रात से जुटी हुई थी. अभी तक व्यक्ति की शिनाख्त नहीं हो सकी है. वह व्यक्ति यहां पर क्यों आया था. कैसे वह होल में गिरा दिल्ली पुलिस इसकी जांच करेगी.

रविवार तड़के 2:45 बजे बोरवेल में बच्चे के गिरने की सूचना मिली थी. इसके बाद इंस्पेक्टर वीर प्रताप के नेतृत्व में 37 एनडीआरएफ के जवानों को मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भेजा गया.

वहीं, दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि बोरवेल में गिरने वाला बच्चा नहीं है. वह इसमें कैसे गिरा, यह जांच का विषय है. शख्स को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम लगी हुई थी. वहीं, एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर वीर प्रताप ने बताया कि उनकी टीम सर्च सरवाइव एंड रेस्क्यू, मेडिकल व अन्य उपकरणों के साथ मौके पर रेस्क्यू करने में जुटी थी.

प्रमुख सचिव को दिया जांच का आदेश: मंत्री आतिशी ने केशवपुर मंडी के पास हुए हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दिल्ली के प्रमुख सचिव को पत्र लिख जांच का आदेश दिया है. आदेश को मंत्री आतिशी ने ट्वीट भी किया है. उन्होंने कहा है कि घटना की समयबद्ध जांच करें और जिम्मेदार पाए गए किसी भी अधिकारी के खिलाफ कड़ी और अनुकरणीय कार्रवाई करें. सुनिश्चित करें कि सभी सरकारी और निजी परित्यक्त बोरवेलों को तुरंत वेल्डिंग और सील किया जाए और 48 घंटों के भीतर मुझे अनुपालन की सूचना दी जाए.

मंत्री ने जमीन डीएमआरसी की बताई: प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में मंत्री आतिशी ने कहा है कि जहां केशवपुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में एक बंद पड़े बोरवेल में कोई गिर गया है. यह बोरवेल उस जमीन पर था, जिसे 2020 में दिल्ली मेट्रो को सौंप दिया गया था. फिर भी यह जांच करना हमारी जिम्मेदारी है कि क्या दिल्ली जल बोर्ड की ओर से कोई चूक हुई है, और यह सुनिश्चित करना है कि दिल्ली में ऐसी कोई घटना न हो.

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चारों तरफ से बंद था दफ्तरः ETV भारत ने आसपास की दुकानदारों और लोगों से बात की तो पता चला कि दिल्ली जल बोर्ड के एसटीपी का दफ्तर चारों तरफ से बंद था और मुख्य गेट पर सुरक्षा गार्ड रहता था. ऐसे में आखिर कैसे और कौन एसटीपी के अंदर प्रवेश किया. घटना रात में हुई है. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कोई चोरी करने के लिए घुसा और वही बोरबेल में गिर गया.

बोरबेल से एसटीपी का दफ्तर सिर्फ 50 मीटर दूर है. अगर यहां सीसीटीवी कैमरा लगा होता तो सारी बातें स्पष्ट हो जातीं. स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि दिन और रात में एसटीपी के गेट पर गार्ड रहते है. ये गार्ड हादसे के समय कहां थे. स्थानीय लोग घटना के लिए दिल्ली जल बोर्ड को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

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Last Updated : Mar 10, 2024, 5:08 PM IST
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