नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें इनकम टैक्स विभाग को पीएम केयर्स फंड को आयकर से छूट देने संबंधी आवेदन में लगे दस्तावेजों की प्रति सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत उपलब्ध कराने को कहा गया था. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि इनकम टैक्स एक्ट पर आरटीआई कानून लागू नहीं किया जा सकता है.
कोर्ट ने कहा कि आरटीआई एक्ट की धारा 22 इनकम टैक्स एक्ट की धारा 138(2) पर लागू नहीं होता है. कोर्ट ने कहा कि इनकम टैक्स के आकलन से संबंधित सूचना इनकम टैक्स आयुक्त या विभाग के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर या चीफ कमिश्नर या प्रिंसिपल कमिश्नर के संतुष्ट होने पर ही दी जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग को ये अधिकार नहीं है कि वह इनकम टैक्स कानून की धारा 138 के तहत सूचना मांग सके.
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह याचिका दायर की थी. इनकम टैक्स ने केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. केंद्रीय सूचना आयोग ने ये आदेश मुंबई के एक आरटीआई कार्यकर्ता गिरीश मित्तल की याचिका पर की थी. बता दें कि पीएम केयर्स फंड को इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80जी के तहत छूट मिली हुई है. इस प्रावधान के तहत कोई करदाता 80जी की छूट मिले हुए संस्था को दान देने पर कर छूट का दावा कर सकता है.
बता दें कि पीएम केयर्स फंड से संबंधित एक और ऐसे ही मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि पीएम केयर्स फंड सरकारी फंड नहीं है. पीएमओ ने कहा है कि पीएम केयर्स फंड आरटीआई के तहत सार्वजनिक प्राधिकार की परिभाषा में नहीं आता है.
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