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उन्नाव रेप केस में सजायाफ्ता कुलदीप सिंह सेंगर को दो हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत - KULDEEP SINGH SENGAR INTERIM BAIL

दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में सजायाफ्ता को मेडिकल ग्राउंड पर दी अंतरिम जमानत.

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कुलदीप सिंह सेंगर को मिली अंतरिम जमानत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 5, 2024, 12:20 PM IST

Updated : Dec 5, 2024, 12:44 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव रेप केस में सजायाफ्ता और बीजेपी से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मेडिकल आधार पर दो हफ्ते की अंतरिम जमानत दी है. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने सेंगर को 6 दिसंबर को एम्स अस्पताल में भर्ती करने का निर्देश दिया है, ताकि उनकी बीमारियों का उपचार हो सके.

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सेंगर को अस्पताल से निकलने के बाद एक जान-पहचान वाली जगह पर रहना होगा और इस दौरान उन्हें पीड़िता से संपर्क करने से रोका जाएगा. सीबीआई को भी निर्देश दिया गया कि वह एम्स अस्पताल के साथ नियमित संपर्क में रहे ताकि सेंगर की गतिविधियों का पता लगाया जा सके. इसके साथ ही, सेंगर को जांच अधिकारियों के साथ रोजाना संपर्क में रहने का भी आदेश दिया गया है.

कुलदीप सिंह सेंगर ने अपनी अंतरिम जमानत की याचिका में स्वास्थ्य खराब होने का हवाला दिया था. उनके वकील एन हरिहरन ने कोर्ट में कहा कि यह जमानत केवल स्वास्थ्य कारणों से मांगी गई है. इस पर पीड़िता के वकील महमूद प्राचा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सेंगर को जेल के अंदर भी उचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं और उन्होंने सेंगर की मेडिकल रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर भी सवाल उठाए.

यह मामला एक गंभीर मुद्दे से जुड़ा है. 16 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में दस साल की कैद की सजा सुनाई थी, साथ ही उन पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. कोर्ट ने सेंगर के साथ-साथ इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों को भी समान सजा सुनाई थी.

उन्नाव रेप पीड़िता ने 4 जून 2017 को कुलदीप सेंगर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके खिलाफ गंभीर अपराध को अंजाम दिया गया है. इस मामले में जब पीड़िता के पिता को गिरफ्तार किया गया, उसके बाद उन्हें हिरासत में बुरी तरह से पीटा गया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मौत हो गई थी. यह मामला न्याय व्यवस्था और समाज में एक बड़े विवाद का कारण बना और इसके परिणामस्वरूप सेंगर को कड़ी सजा सुनाई गई.

उम्र कैद की सजा काट रहे कुलदीप सिंह सेंगर: 20 दिसंबर 2019 को, तीस हजारी कोर्ट ने पीड़िता के बलात्कार के मामले में कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा भी सुनाई थी. इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसमें से 10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया गया था. सेंगर ने इस फैसले के खिलाफ भी दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जो फिलहाल लंबित है.

यह भी पढ़ें-

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कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सेंगर को अस्पताल से निकलने के बाद एक जान-पहचान वाली जगह पर रहना होगा और इस दौरान उन्हें पीड़िता से संपर्क करने से रोका जाएगा. सीबीआई को भी निर्देश दिया गया कि वह एम्स अस्पताल के साथ नियमित संपर्क में रहे ताकि सेंगर की गतिविधियों का पता लगाया जा सके. इसके साथ ही, सेंगर को जांच अधिकारियों के साथ रोजाना संपर्क में रहने का भी आदेश दिया गया है.

कुलदीप सिंह सेंगर ने अपनी अंतरिम जमानत की याचिका में स्वास्थ्य खराब होने का हवाला दिया था. उनके वकील एन हरिहरन ने कोर्ट में कहा कि यह जमानत केवल स्वास्थ्य कारणों से मांगी गई है. इस पर पीड़िता के वकील महमूद प्राचा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सेंगर को जेल के अंदर भी उचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं और उन्होंने सेंगर की मेडिकल रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर भी सवाल उठाए.

यह मामला एक गंभीर मुद्दे से जुड़ा है. 16 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में दस साल की कैद की सजा सुनाई थी, साथ ही उन पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. कोर्ट ने सेंगर के साथ-साथ इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों को भी समान सजा सुनाई थी.

उन्नाव रेप पीड़िता ने 4 जून 2017 को कुलदीप सेंगर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके खिलाफ गंभीर अपराध को अंजाम दिया गया है. इस मामले में जब पीड़िता के पिता को गिरफ्तार किया गया, उसके बाद उन्हें हिरासत में बुरी तरह से पीटा गया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मौत हो गई थी. यह मामला न्याय व्यवस्था और समाज में एक बड़े विवाद का कारण बना और इसके परिणामस्वरूप सेंगर को कड़ी सजा सुनाई गई.

उम्र कैद की सजा काट रहे कुलदीप सिंह सेंगर: 20 दिसंबर 2019 को, तीस हजारी कोर्ट ने पीड़िता के बलात्कार के मामले में कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा भी सुनाई थी. इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसमें से 10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया गया था. सेंगर ने इस फैसले के खिलाफ भी दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जो फिलहाल लंबित है.

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Last Updated : Dec 5, 2024, 12:44 PM IST
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