नई दिल्लीः दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट कल यानि 9 अप्रैल को फैसला सुनाएगा. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच फैसला सुनाएंगी. कोर्ट ने 3 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि कोर्ट को यह देखना होगा कि चुनाव में सभी पार्टियों को बराबर का मौका मिले. यहां चुनाव में हिस्सा लेने से रोका जा रहा है और पार्टी को तोड़ने की कोशिश हो रही है. इस मामले में समय का मुद्दा बहुत गंभीर है.
सिंघवी ने कहा था कि समय का मुद्दा यह सुनिश्चित करता है कि याचिकाकर्ता लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाएगा और उसकी पार्टी नष्ट हो जाएगी. ED स्पष्ट रूप से बिना किसी पूछताछ, बयान आदि के गिरफ्तारी कर रही है. यह अनोखी बात है. केजरीवाल की गिफ्तारी की टाइमिंग ही ईडी की मंशा पर सवाल उठाने के लिए पर्याप्त हैं, क्योंकि ईडी का पहला समन अक्टूबर में जारी किया गया था और केजरीवाल की गिरफ्तारी मार्च में हुई.
केजरीवाल की तरफ से दी जा रही दलील पर ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि लग रहा है कि यह जमानत की मांग पर दी जाने वाली दलीलें हैं न कि गिरफ्तारी रद्द करने की याचिका पर दी जाने वाली दलीलें. मुख्यमंत्री केजरीवाल फिलहाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं. उनको ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.