नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली के मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता कैलाश गहलोत ने पार्टी और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. मुख्यमंत्री आतिशी ने कैलाश गहलोत का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. कैलाश गहलोत ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा भेजा है. उन्होंने अपने पद और पार्टी से इस्तीफा देते हुए एक पत्र भी केजरीवाल को भेजा है. उन्होंने इस्तीफे में यमुना की सफाई और शीशमहल निर्माण का मुद्दा उठाया है. गहलोत ने चिट्ठी में लिखा कि यमुना की सफाई का वादा हमने पिछले चुनाव में किया था, लेकिन सफाई नहीं हुई, हम अपना वादा पूरा नहीं कर पाए.
कैलाश गहलोत ने पत्र में आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी अपना समय केंद्र से विवाद करने में ही व्यतीत करती रहती है. यह हर समय केंद्र से आरोप-प्रत्यारोप में उलझी रहती है. इससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी की रुचि जनता से किए वादों को पूरा करने में नहीं है. पार्टी अपना समय केवल केंद्र सरकार से वाद-विवाद करने में ही नष्ट करती रहती है. केंद्र सरकार से तालमेल न होने के कारण जनहित के कार्य नहीं हो पाते. जनता को जो सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए, वह उसे नहीं मिल पाती है.
दिल्ली सरकार में मंत्री और AAP नेता कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 17, 2024
पत्र में लिखा है, " शीशमहल जैसे कई शर्मनाक और अजीबोगरीब विवाद हैं, जो अब सभी को संदेह में डाल रहे हैं… pic.twitter.com/LStqj2zCOn
गहलोत ने पत्र में यमुना सफाई का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि जनता से वादा करने के बावजूद दस साल में भी हमारी सरकार इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठा सकी. दिल्ली में यमुना की हालत बद से बदतर ही होती गई. दस सालों में प्रदूषण कम होने की बजाय बढ़ता ही गया. हम जनता से किए वादे को पूरा नहीं कर पाए. उन्होंने लिखा कि पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री व आप संयोजक अरविंंद केजरीवाल ने जनता से वादा किया था कि पांच साल में यमुना इतनी साफ हो जाएगी कि हम उसमें स्नान भी कर सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं किया जा सका. हमारी सरकार ऐसा करने में असफल रही.
कैलाश गहलोत ने केजरीवाल को लिखे पत्र में रिनोवेशन के नाम पर मुख्यमंत्री आवास को शीश महल का रूप देने पर भी एतराज जताया. उन्होंने लिखा कि सरकार बनाते समय हमने जनता से सादगी का वादा किया था, लेकिन सरकार में आते ही पार्टी का चाल, चरित्र व चेहरा ही बदल गया. जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपये शीश महल पर खर्च कर दिए गए. जन धन का इस तरह दुरुपयोग उचित नहीं है. यह जनता के साथ मजाक है. इसी प्रकार गहलोत ने पत्र में कुछ और मुद्दों को उठाते हुए भरे मन से पार्टी काे छोड़ने की बात कही.
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