नई दिल्लीः तीन नये आपराधिक कानूनों के 1 जुलाई से लागू होने के बाद दिल्ली की निचली अदालतों के जजों का पदनाम भी बदल गया है. दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार कंवलजीत अरोड़ा की ओर से जारी नोटिस में मजिस्ट्रेट की अदालतों के नाम अब बदल दिए गए हैं.
हाईकोर्ट की नोटिस के मुताबिक, अब मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को जुडिशियल मजिस्ट्रेट कहा जाएगा. हाईकोर्ट ने जो आदेश जारी किया है उसमें कहा गया है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 9(2) के तहत सभी जिला अदालतों (जिन्हें पहले तक मेट्रोपोलिटन एरिया कहा जाता था) के पदनाम बदल दिए गए हैं. पहले जो मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट थे उन्हें अब जुडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास कहा जाएगा. इसी तरह चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट और एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट कहा जाएगा.
जानिए, क्या है आदेश
हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, जुडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालतों के क्षेत्राधिकार में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आदेश के मुताबिक, न्यायिक जिलों के चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट, एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट और जुडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास की अदालतें चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट और मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की शक्तियों का इस्तेमाल पुराने अपराध प्रक्रिया संहिता,1973 के तहत पहले से दर्ज मामलों के लिए और 1 जुलाई के बाद दर्ज मामलों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 251(2) के तहत करेंगी.
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