नई दिल्ली: राजधानी में गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है. हर साल के मुकाबले इस बार ठंड बढ़ने के साथ एयर क्वालिटी इंडेक्स में थोड़ा कम इजाफा देखा जा रहा है. हालांकि, दिल्लीवासियों के लिए दिवाली से पहले अच्छी खबर है. हाल के आंकड़ों से सामने आया है कि दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्रों पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले चार वर्षों की तुलना में नौ अक्टूबर तक खेतों में पराली जलाए जाने की घटनाओं में गिरावट आई है. हरियाणा का नाम भी ऐसे राज्यों में शामिल है. पिछले कुछ सालों की बात की जाए तो दिवाली के पहली दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाया करता था, जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ती थी, लेकिन इस साल पराली जलाने की घटनाओं में कमी से यह 'मध्यम' श्रेणी में है.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के एक विश्लेषण के अनुसार, सर्दियों के मौसम में राजधानी में प्रदूषण चरम पर होता है. ऐसे में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं से स्थिति और खराब हो जाती है. लेकिन सैटेलाइट डेटा से पता चला है कि बुधवार को पंजाब में 33, हरियाणा में 10, उत्तर प्रदेश में 10 जगहों पर पराली जलाए जाने की घटना सामने आई. वहीं बात अगर दिल्ली की करें तो वहां किसी भी जगह पराली जलाए जाने की घटना सामने नहीं आई हैं.
क्या कहते हैं आंकड़े: 15 सितंबर से 9 अक्टूबर के बीच पंजाब में कुल 267, हरियाणा में 187 और उत्तर प्रदेश में 77 पराली जलाने की घटनाएं सामने आईं. यह डेटा पिछले चार वर्षों की तुलना में, विशेषकर पंजाब और उत्तर प्रदेश में, पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी का संकेत दे रहा है. पंजाब में इस अवधि के दौरान 2024 में 267 मामले सामने आए, जबकि 2023 में 1,027, 2022 में 714 और 2021 में 614 मामले सामने आए थे.
यह भी पढ़ें- दिल्ली में कृत्रिम बारिश की जरूरत, केंद्रीय मंत्री से तत्काल बैठक की मांग करेंगे गोपाल राय
इसी तरह उत्तर प्रदेश में 9 अक्टूबर तक पराली जलाने की 77 घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2023 में 151, 2022 में 80 और 2021 में 96 थीं. इसके अलावा इस साल 9 अक्टूबर तक हरियाणा में पराली जलाने की कुल 187 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जबकि 2023 में यह संख्या 291 थी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शहर में गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मध्यम श्रेणी में रहा, शाम चार बजे 134 दर्ज किया गया.
यह भी पढ़ें- दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम की विशेष योजना