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सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने वाले रैट माइनर के घर पर चला बुलडोजर, तो वकील हसन का छलका दर्द

Rat Miner Vakeel Hasan: सिलक्यारा सुरंग में 41 श्रमिकों को बचाने वाले रैट माइनर वकील हसन के खजुरी खास स्थित श्री राम कॉलोनी के मकान पर डीडीए ने बुलडोजर चलाकर मकान को ध्वस्त कर दिया. इस पर वकील हसन का कहना है कि जिस हथियार का इस्तेमाल कर उन्होंने 41 मजदूरों की जान बचाई थी. उसी तरह के हथियार से मेरे मकान को गिरा दिया.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 29, 2024, 10:41 AM IST

Updated : Mar 1, 2024, 5:59 PM IST

रैट माइनर वकील हसन

नई दिल्ली: उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने में जब काबिल इंजीनियरों और मशीनों ने हार मान ली तब वकील हसन की टीम ने मोर्चा संभाला था. महज 26 घंटे में सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता बना दिया था. अब 41 मजदूरों को बचाने वाले रैट माइनर वकील हसन के मकान पर बुधवार को डीडीए ने बुलडोजर चला दिया. बुलडोजर ने वकील हसन के मकान को ध्वस्त कर जमींदोज कर दिया है.

वकील हसन का कहना है कि जिस हथियार का इस्तेमाल कर उन्होंने 41 मजदूरों की जान बचाई थी. उसी तरह के हथियार का इस्तेमाल कर उनके मकान के खिड़की दरवाजों को उखाड़ दिया. उन्होंने बताया कि जब वह और उनकी पत्नी घर पर नहीं थे, तभी डीडीए की टीम पहुंची और बच्चों के सामने घर को गिरा दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से उनके घर को गिराया गया है जैसे वह कोई आतंकवादी हो. जब उनकी टीम ने सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकाला था. तब उन्हें इनाम देने की बात की गई थी, लेकिन उन्होंने सिर्फ अपने आशियाने को बचाने की गुहार लगाई थी. स्थानीय सांसद मनोज तिवारी ने भी आश्वासन दिया था कि उनके मकान को कुछ नहीं होगा, लेकिन डीडीए ने उनके मकान को गिरा कर जमीनदोज कर दिया.

ये भी पढ़ें : दिल्ली सरकार AI के जरिए बस सेवा को बनाएगी बेहतर, परिचालकों के व्यवहार की होगी निगरानी

वकील हसन का आरोप है कि डीडीए ने बिना कोई नोटिस दिए इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. साथ ही इस दौरान घर में रखे सामान को भी फेंका गया है. वकील हसन ने कहा कि उन्होंने जब सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकाला था, तो उनकी प्रशंसा हुई थी. उन्होंने सरकार से अपने परिवार के लिए घर मांगा था, घर तो मिला नहीं. लेकिन, जो छोटा सा घर था उस पर भी बुलडोजर चला दिया गया.

वकील हसन का कहना है कि उनका आशियाना छीन लिया है. अब वह बेघर हो चुके हैं, उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि परिवार को लेकर कहां जाए. वहीं, इस मामले को लेकर डीडीए का भी बयान सामने आया है. डीडीए अधिकारियो का कहना है की जिस जमीन पर कार्रवाई की गई है वह योजनाबद्ध विकास भूमि का हिस्सा है, वहां पर कई अवैध निर्माण थे जिस पर कार्रवाई की गई है.

बता दें कि उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल निर्माण के दौरान 12 नवंबर को दीपावली की सुबह मलबा आ गया था. 16 दिन तक 41 मजदूर इस मलबे के कारण सिलक्यारा की टनल में फंसे रहे थे. इन मजदूरों को निकालने के लिए काफी प्रयास किया गया. लेकिन सफलता नहीं मिली थी. आखिरकार जान जोखिम में डालकर रैट माइनर्स वकील हसन अपने साथियों के उत्तरकाशी पहुंचे और टनल में फंसे मजदूरों को निकालने में जुड़ गए. तकरीबन 26 घंटे के अंदर हाथ से 10 से 12 मीटर की खुदाई कर रेस्क्यू टीमों ने इन मजदूरों का सकुशल रेस्क्यू किया था.

ये भी पढ़ें : दिल्ली के धौला कुआं में मस्जिद, कब्रिस्तान के खिलाफ कार्रवाई पर रोक हटाने की याचिका पर हाईकोर्ट का नोटिस

रैट माइनर वकील हसन

नई दिल्ली: उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने में जब काबिल इंजीनियरों और मशीनों ने हार मान ली तब वकील हसन की टीम ने मोर्चा संभाला था. महज 26 घंटे में सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता बना दिया था. अब 41 मजदूरों को बचाने वाले रैट माइनर वकील हसन के मकान पर बुधवार को डीडीए ने बुलडोजर चला दिया. बुलडोजर ने वकील हसन के मकान को ध्वस्त कर जमींदोज कर दिया है.

वकील हसन का कहना है कि जिस हथियार का इस्तेमाल कर उन्होंने 41 मजदूरों की जान बचाई थी. उसी तरह के हथियार का इस्तेमाल कर उनके मकान के खिड़की दरवाजों को उखाड़ दिया. उन्होंने बताया कि जब वह और उनकी पत्नी घर पर नहीं थे, तभी डीडीए की टीम पहुंची और बच्चों के सामने घर को गिरा दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से उनके घर को गिराया गया है जैसे वह कोई आतंकवादी हो. जब उनकी टीम ने सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकाला था. तब उन्हें इनाम देने की बात की गई थी, लेकिन उन्होंने सिर्फ अपने आशियाने को बचाने की गुहार लगाई थी. स्थानीय सांसद मनोज तिवारी ने भी आश्वासन दिया था कि उनके मकान को कुछ नहीं होगा, लेकिन डीडीए ने उनके मकान को गिरा कर जमीनदोज कर दिया.

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वकील हसन का आरोप है कि डीडीए ने बिना कोई नोटिस दिए इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. साथ ही इस दौरान घर में रखे सामान को भी फेंका गया है. वकील हसन ने कहा कि उन्होंने जब सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकाला था, तो उनकी प्रशंसा हुई थी. उन्होंने सरकार से अपने परिवार के लिए घर मांगा था, घर तो मिला नहीं. लेकिन, जो छोटा सा घर था उस पर भी बुलडोजर चला दिया गया.

वकील हसन का कहना है कि उनका आशियाना छीन लिया है. अब वह बेघर हो चुके हैं, उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि परिवार को लेकर कहां जाए. वहीं, इस मामले को लेकर डीडीए का भी बयान सामने आया है. डीडीए अधिकारियो का कहना है की जिस जमीन पर कार्रवाई की गई है वह योजनाबद्ध विकास भूमि का हिस्सा है, वहां पर कई अवैध निर्माण थे जिस पर कार्रवाई की गई है.

बता दें कि उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल निर्माण के दौरान 12 नवंबर को दीपावली की सुबह मलबा आ गया था. 16 दिन तक 41 मजदूर इस मलबे के कारण सिलक्यारा की टनल में फंसे रहे थे. इन मजदूरों को निकालने के लिए काफी प्रयास किया गया. लेकिन सफलता नहीं मिली थी. आखिरकार जान जोखिम में डालकर रैट माइनर्स वकील हसन अपने साथियों के उत्तरकाशी पहुंचे और टनल में फंसे मजदूरों को निकालने में जुड़ गए. तकरीबन 26 घंटे के अंदर हाथ से 10 से 12 मीटर की खुदाई कर रेस्क्यू टीमों ने इन मजदूरों का सकुशल रेस्क्यू किया था.

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Last Updated : Mar 1, 2024, 5:59 PM IST
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