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बहू ने नहीं छूने दिया शहीद बेटे का कीर्ति चक्र, घर का पता भी बदल लिया, कैप्टन अंशुमान के माता-पिता का छलका दर्द - Martyr Captain Anshuman parent

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 12, 2024, 8:50 PM IST

Updated : Jul 12, 2024, 8:59 PM IST

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह ने माता पिता ने बहू के व्यवहार से आहत होते हुए कहा कि, बेटे के शहीद होने के बाद बहू ने हमसे नाता तोड़ लिया जिसके वजह से काफी तकलीफ हुई. बहू को बेटी की तरह समझा. आगे भी उसके हर फैसले के साथ खड़ा रहूंगा.

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शहीद कैप्टन के पिता रवि प्रताप सिंह (video credits ETV BHARAT)

लखनऊ: शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने अपनी बहू स्मृति पर गंभीर आरोप लगाए हैं. माता-पिता ने अपने बयान में कहा कि, उनकी बहू न उनसे बात करती है और न ही अंशुमान की तेरहवीं के बाद घर वापस आई. जिसका हमें दर्द है. सियाचिन में पिछले साल 19 जुलाई को साथियों को बचाते हुए कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए, जिसके बाद उन्हें हाल ही में राष्ट्रपति ने कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था. लेकिन, अब शहीद के माता-पिता का बयान आया है. जिसमें उन्होंने अपने दुख को व्यक्त किया है.

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की मां मंजू देवी (video credits ETV BHARAT)

बहू ने कुछ भी नहीं छोड़ा: शहीद कैप्टन अंशुमान के माता-पिता ने अपने बयान में कहा कि, मेरा बेटा शहीद हो गया पर सब कुछ बहू लेकर चली गई. सब कुछ में सिर्फ कीर्ति चक्र और बहू से संवाद की बात है. वो बस चाहते थे कि, प्यार से वो कीर्ति सम्मान ले जाती तो कोई बात नहीं थी. अंशुमान के जाने के बाद जिस तरह से बहू स्मृति और उसके परिवार वालों ने व्यवहार किया है, उसे उनको तकलीफ पहुंची है.

5 जुलाई को राष्ट्रपति ने कीर्ति चक्र से किया सम्मानित: सियाचिन में शहीद हुए अंशुमान सिंह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 जुलाई को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया. ये सम्मान शहीद अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह और उनकी मां मंजू देवी ने लिया था. कीर्ति चक्र विजेता शहीद अंशुमान सिंह के परिजन उस समय बस कीर्ति चक्र को देखने और उसको रखने की इच्छा जताई. माता पिता का कहना है कि, मुझे पैसे की जरूरत नहीं है बस बात सम्मान की है.

फौजी होने के चलते जानता हूं सम्मान की अहमियत: पिता रवि प्रताप ने कहा कि, मैं एक फौजी रहा हूं मुझे उस सम्मान की अहमियत पता है, लेकिन मुझे वो सम्मान देखने को नहीं मिला. मैं उस सम्मान को शहीद अंशुमान की मूर्ति के पास रखता चाहता हूं. बहु ने अपने घर का पता भी चेंज करवा लिया है. पिता ने कहा कि, भले ही कीर्ति चक्र लेते हुए उनकी पत्नी(शहीद अंशुमान की मां) साथ में थी लेकिन अब हमारे बेटे के बक्से के ऊपर लगाने के लिए कुछ भी नहीं है. पिता ने कहा कि, हमारे साथ जो हुआ वह किसी के साथ ना हो.

पत्नी के साथ अंशुमान सिंह की तस्वीर
पत्नी के साथ अंशुमान सिंह की तस्वीर (PHOTO credits ETV BHARAT)

राहुल गांधी ने मिलने के लिए बुलाया: शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह ने कहा कि वह एनओके (नेक्स्ट टू किन) के निर्धारित मापदंड में बदलाव चाहते हैं. उनकी कुछ दिनों पहले राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान भी उन्होंने इसमें बदलाव की अपनी इच्छा जाहिर की है. उन्होंने कहा कि 5 महीने पहले ही उनके बेटे की शादी हुई थी और उनके कोई बच्चा भी नहीं है पर अब मां-बाप के पास उनके बेटे की तस्वीर के अलावा कुछ भी नहीं है.

अग्निवीर योजना पर राहुल गांधी से हुई चर्चा: रवि प्रताप सिंह ने कहा कि राहुल गांधी से मुलाकात के दौरन अग्निवीर योजना पर भी चर्चा हुई और उसमें बदलाव करने को लेकर उन्होंने राय भी रखी. उन्होंने कहा कि अग्निवीर की सीमा 4 साल से बढ़ाना चाहिए और उसके बाद उन्हें दूसरी जगह पर नौकरी देना चाहिए. शहीत के पिता रवि प्रताप बताते हैं कि मैं अपनी बहू स्मृति को अपनी बेटी की तरह मानते थे. उसके हर निर्णय में उनके साथ हैं. उसके आगे की जिंदगी में जो सहयोग होता मैं जरूर करता.

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह
शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह (PHOTO credits ETV BHARAT)

बहू के व्यवहार से शहीद के माता पिता आहत: अंशुमान की मां मंजू सिंह ने बताया कि, बहू यहां आती कुछ दिन हमारे साथ रहती और प्यार से सम्मान ले जाती और उसके अलावा मेरे पास जो था वो भी ले जाती तो कोई नाराज नहीं होता. उन्होंने बताया कि मेरा बेटा अंशुमान मुझे बहुत प्यार करता था. मेरी वजह से ही वो डॉक्टर बना. आज उसकी निशानी के तौर पर एक डॉगी लूसी है जो मेरे पास है.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के वीर जवानों को कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से किया सम्मानित

शहीद कैप्टन के पिता रवि प्रताप सिंह (video credits ETV BHARAT)

लखनऊ: शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने अपनी बहू स्मृति पर गंभीर आरोप लगाए हैं. माता-पिता ने अपने बयान में कहा कि, उनकी बहू न उनसे बात करती है और न ही अंशुमान की तेरहवीं के बाद घर वापस आई. जिसका हमें दर्द है. सियाचिन में पिछले साल 19 जुलाई को साथियों को बचाते हुए कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए, जिसके बाद उन्हें हाल ही में राष्ट्रपति ने कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था. लेकिन, अब शहीद के माता-पिता का बयान आया है. जिसमें उन्होंने अपने दुख को व्यक्त किया है.

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की मां मंजू देवी (video credits ETV BHARAT)

बहू ने कुछ भी नहीं छोड़ा: शहीद कैप्टन अंशुमान के माता-पिता ने अपने बयान में कहा कि, मेरा बेटा शहीद हो गया पर सब कुछ बहू लेकर चली गई. सब कुछ में सिर्फ कीर्ति चक्र और बहू से संवाद की बात है. वो बस चाहते थे कि, प्यार से वो कीर्ति सम्मान ले जाती तो कोई बात नहीं थी. अंशुमान के जाने के बाद जिस तरह से बहू स्मृति और उसके परिवार वालों ने व्यवहार किया है, उसे उनको तकलीफ पहुंची है.

5 जुलाई को राष्ट्रपति ने कीर्ति चक्र से किया सम्मानित: सियाचिन में शहीद हुए अंशुमान सिंह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 जुलाई को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया. ये सम्मान शहीद अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह और उनकी मां मंजू देवी ने लिया था. कीर्ति चक्र विजेता शहीद अंशुमान सिंह के परिजन उस समय बस कीर्ति चक्र को देखने और उसको रखने की इच्छा जताई. माता पिता का कहना है कि, मुझे पैसे की जरूरत नहीं है बस बात सम्मान की है.

फौजी होने के चलते जानता हूं सम्मान की अहमियत: पिता रवि प्रताप ने कहा कि, मैं एक फौजी रहा हूं मुझे उस सम्मान की अहमियत पता है, लेकिन मुझे वो सम्मान देखने को नहीं मिला. मैं उस सम्मान को शहीद अंशुमान की मूर्ति के पास रखता चाहता हूं. बहु ने अपने घर का पता भी चेंज करवा लिया है. पिता ने कहा कि, भले ही कीर्ति चक्र लेते हुए उनकी पत्नी(शहीद अंशुमान की मां) साथ में थी लेकिन अब हमारे बेटे के बक्से के ऊपर लगाने के लिए कुछ भी नहीं है. पिता ने कहा कि, हमारे साथ जो हुआ वह किसी के साथ ना हो.

पत्नी के साथ अंशुमान सिंह की तस्वीर
पत्नी के साथ अंशुमान सिंह की तस्वीर (PHOTO credits ETV BHARAT)

राहुल गांधी ने मिलने के लिए बुलाया: शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह ने कहा कि वह एनओके (नेक्स्ट टू किन) के निर्धारित मापदंड में बदलाव चाहते हैं. उनकी कुछ दिनों पहले राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान भी उन्होंने इसमें बदलाव की अपनी इच्छा जाहिर की है. उन्होंने कहा कि 5 महीने पहले ही उनके बेटे की शादी हुई थी और उनके कोई बच्चा भी नहीं है पर अब मां-बाप के पास उनके बेटे की तस्वीर के अलावा कुछ भी नहीं है.

अग्निवीर योजना पर राहुल गांधी से हुई चर्चा: रवि प्रताप सिंह ने कहा कि राहुल गांधी से मुलाकात के दौरन अग्निवीर योजना पर भी चर्चा हुई और उसमें बदलाव करने को लेकर उन्होंने राय भी रखी. उन्होंने कहा कि अग्निवीर की सीमा 4 साल से बढ़ाना चाहिए और उसके बाद उन्हें दूसरी जगह पर नौकरी देना चाहिए. शहीत के पिता रवि प्रताप बताते हैं कि मैं अपनी बहू स्मृति को अपनी बेटी की तरह मानते थे. उसके हर निर्णय में उनके साथ हैं. उसके आगे की जिंदगी में जो सहयोग होता मैं जरूर करता.

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह
शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह (PHOTO credits ETV BHARAT)

बहू के व्यवहार से शहीद के माता पिता आहत: अंशुमान की मां मंजू सिंह ने बताया कि, बहू यहां आती कुछ दिन हमारे साथ रहती और प्यार से सम्मान ले जाती और उसके अलावा मेरे पास जो था वो भी ले जाती तो कोई नाराज नहीं होता. उन्होंने बताया कि मेरा बेटा अंशुमान मुझे बहुत प्यार करता था. मेरी वजह से ही वो डॉक्टर बना. आज उसकी निशानी के तौर पर एक डॉगी लूसी है जो मेरे पास है.

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Last Updated : Jul 12, 2024, 8:59 PM IST
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