सिलीगुड़ी: ओमान में काम करने के दौरान ठगी का शिकार हुई एक युवती आखिरकार दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्ता की मदद से शुक्रवार को घर लौटने में कामयाब रही. उसके परिवार के सदस्यों ने महिला को घर से छुड़ाने के लिए बिस्ता के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद दिया.
मदारीहाट के खैरबाड़ी की रहने वाली पूर्णिमा लामा दो साल पहले काम के लिए ओमान गई थीं. कुछ दिन बाद ओमान स्थित कंपनी ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया. वहां सल्तनत ऑफ मैस्कॉट पहुंचने पर वह धोखाधड़ी का शिकार हो गई. उसके एजेंट ने कथित तौर पर एक संगठन के साथ साजिश रची और उसका वीजा, पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर कार्ड और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए. तमाम कोशिशें करने के बावजूद पूर्णिमा का परिवार उस महिला को घर वापस नहीं ला सका.
23 दिसंबर को पूर्णिमा के परिवार ने मदद के लिए बिस्ता से संपर्क किया और उन्हें मामले की जानकारी दी. सांसद ने तुरंत जयशंकर को महिला की भारत वापसी के बारे में लिखा.
इसके बाद विदेश मंत्रालय ने ओमान स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क किया. जयशंकर और बिस्ता ने इस मामले में ओमान में भारतीय राजदूत अमित नारंग से बात की. मामले की जांच के बाद महिला को घर लौटने की इजाजत दे दी गई. लगभग 1.5 महीने के बाद, उसे भारतीय दूतावास द्वारा बचाया गया.
31 जनवरी को पूर्णिमा ओमान से मुंबई पहुंची और फिर 2 फरवरी को बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंची. स्थानीय प्रशासन की मदद से वह घर पहुंची. बिस्ता ने कहा, 'मुझे घटना के बारे में महिला के परिवार के सदस्यों से पता चला. मैंने तुरंत विदेश मंत्रालय से मदद मांगी. मैंने पीएम मोदी और जयशंकर को भी इसके बारे में सूचित किया था. आवश्यक कदम उठाए गए और महिला को वापस उसके परिवार के पास लाया गया.'