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UPI के जरिए बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स को लगाया 4 करोड़ को चूना, राजस्थान से तेलंगाना में की ठगी, 13 गिरफ्तार - Cyberabad Police

UPI Fraud: तेलंगाना की शमशाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले 13 ठगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स को लगाया 4 करोड़ को चूना लगाया था.

UPI के जरिए बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स को लगाया 4 करोड़ को चूना,
UPI के जरिए बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स को लगाया 4 करोड़ को चूना, (ETV Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2024, 7:31 PM IST

हैदराबाद: तेलंगाना की शमशाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले 13 ठगों को गिरफ्तार किया है. इसके उसने साइबराबाद कमिश्नरेट की KPHB, माधापुर और नरसिंगी पुलिस की मदद ली.जानकारी के मुताबिक पुलिस ने 13 लोगों के इस गिरोह को राजस्थान से गिरफ्तार किया है.

यह गिरोह कई हाई-टेक UPI फ्रॉड और धोखाधड़ी में शामिल था. इतना ही नहीं गिरोह ने हाल ही में मेसर्स बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स को लगभग 4 करोड़ रुपये का का चूना लगाया था.पुलिस ने गिरफ्तार किए गए क्रिमिनल्स के पास से 1.72 लाख रुपये कैश और 50 लाख रुपये के इलेक्ट्रॉनिक सामान भी जब्त किए हैं.

उनके खिलाफ साइबराबाद, हैदराबाद और राचकोंडा कमिश्नरेट के साथ-साथ तेलंगाना के अन्य शहरों के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में धोखाधड़ी और ठगी के कई मामले दर्ज किए गए थे. इनमें ज्यादातर मामले बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े थे. उन्होंने कंपनी से कुल 4.00 करोड़ रुपये की ठगी की.

शोरूम से खरीदे थे महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स
रिपोर्ट के मुताबिक बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स से मामले की सूचना मिलने के बाद शमशाबाद सीसीएस पुलिस और केपीएचबी पुलिस, माधापुर और नरसिंगी पुलिस ने जांच शुरू की. उन्हें पता चला कि राजस्थान के लोग शोरूम में गए थे और महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदे थे.

राजस्थान से पैसा ट्रांसफर
20 से 25 साल की आयु के 13 से अधिक सदस्यों वाला यह गिरोह समूहों में काम करता था. कुछ सदस्य हैदराबाद में रहते थे, जबकि उनके सहयोगी राजस्थान में रहते थे. हैदराबाद में रहने वाले सदस्य बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स के शोरूम में जाकर कीमती इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते थे और शोरूम का क्यूआर कोड राजस्थान में अपने सहयोगियों को भेजते थे, जो यूपीआई के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करते थे.
गिरोह की ठगी करने के लिए शोरूम के यूपीआई स्कैनर को राजस्थान के एक साथी के साथ शेयर करता था, जो शोरूम को पैसा ट्रांसफर करता था. सामान की डिलीवरी लेने के बाद, साथी बैंक में चार्जबैक शिकायत दर्ज करता था, जिससे लेन-देन उलट जाता था और पैसे गिरोह के अकाउंट में वापस आ जाते थे.

आपस में बांट लेते थे पैसे
सामान लेने के बाद वे उसे बेच देते थे और पैसों को आपस में बांट लेते थे. पैसे ट्रांसफर करने वाला सहयोगी बाद में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराता था और चार्जबैक की रिक्वेस्ट करता था. इसके चलते उसे पूरी राशि वापस हो जाती थी.

पुलिस ने उनसे 1.62 लाख रुपये नकद और 50 लाख रुपये के इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त कर लिए है, जो धोखाधड़ी का हिस्सा थे. इन मामलों में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें न्यायिक रिमांड के लिए माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया.

यह भी पढ़ें- सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें तस्वीरें, पलभर में खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट, बचने के लिए करें ये उपाय

हैदराबाद: तेलंगाना की शमशाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले 13 ठगों को गिरफ्तार किया है. इसके उसने साइबराबाद कमिश्नरेट की KPHB, माधापुर और नरसिंगी पुलिस की मदद ली.जानकारी के मुताबिक पुलिस ने 13 लोगों के इस गिरोह को राजस्थान से गिरफ्तार किया है.

यह गिरोह कई हाई-टेक UPI फ्रॉड और धोखाधड़ी में शामिल था. इतना ही नहीं गिरोह ने हाल ही में मेसर्स बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स को लगभग 4 करोड़ रुपये का का चूना लगाया था.पुलिस ने गिरफ्तार किए गए क्रिमिनल्स के पास से 1.72 लाख रुपये कैश और 50 लाख रुपये के इलेक्ट्रॉनिक सामान भी जब्त किए हैं.

उनके खिलाफ साइबराबाद, हैदराबाद और राचकोंडा कमिश्नरेट के साथ-साथ तेलंगाना के अन्य शहरों के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में धोखाधड़ी और ठगी के कई मामले दर्ज किए गए थे. इनमें ज्यादातर मामले बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े थे. उन्होंने कंपनी से कुल 4.00 करोड़ रुपये की ठगी की.

शोरूम से खरीदे थे महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स
रिपोर्ट के मुताबिक बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स से मामले की सूचना मिलने के बाद शमशाबाद सीसीएस पुलिस और केपीएचबी पुलिस, माधापुर और नरसिंगी पुलिस ने जांच शुरू की. उन्हें पता चला कि राजस्थान के लोग शोरूम में गए थे और महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदे थे.

राजस्थान से पैसा ट्रांसफर
20 से 25 साल की आयु के 13 से अधिक सदस्यों वाला यह गिरोह समूहों में काम करता था. कुछ सदस्य हैदराबाद में रहते थे, जबकि उनके सहयोगी राजस्थान में रहते थे. हैदराबाद में रहने वाले सदस्य बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स के शोरूम में जाकर कीमती इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते थे और शोरूम का क्यूआर कोड राजस्थान में अपने सहयोगियों को भेजते थे, जो यूपीआई के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करते थे.
गिरोह की ठगी करने के लिए शोरूम के यूपीआई स्कैनर को राजस्थान के एक साथी के साथ शेयर करता था, जो शोरूम को पैसा ट्रांसफर करता था. सामान की डिलीवरी लेने के बाद, साथी बैंक में चार्जबैक शिकायत दर्ज करता था, जिससे लेन-देन उलट जाता था और पैसे गिरोह के अकाउंट में वापस आ जाते थे.

आपस में बांट लेते थे पैसे
सामान लेने के बाद वे उसे बेच देते थे और पैसों को आपस में बांट लेते थे. पैसे ट्रांसफर करने वाला सहयोगी बाद में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराता था और चार्जबैक की रिक्वेस्ट करता था. इसके चलते उसे पूरी राशि वापस हो जाती थी.

पुलिस ने उनसे 1.62 लाख रुपये नकद और 50 लाख रुपये के इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त कर लिए है, जो धोखाधड़ी का हिस्सा थे. इन मामलों में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें न्यायिक रिमांड के लिए माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया.

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