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महंगाई काल में छत्तीसगढ़ के लोगों को बिजली का ट्रिपल करंट, जानिए जेब पर कितना पड़ेगा बोझ ? - CSERC increased power rate

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 1, 2024, 6:38 PM IST

देश में लोकसभा चुनाव खत्म होते ही छत्तीसगढ़ के लोगों को महंगाई का ट्रिपल झटका लगा है. घरेलू उपयोग और कृषि के लिए बिजली की दरें बढा़ई गई है. इसके साथ ही नक्सल प्रभावित इलाके में मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन के लिए भी सब्सिडी को घटाकर 50 फीसदी से 25 फीसदी कर दिया गया है. कुल मिलाकर लोगों की जेब कितनी ढीली होगी इसे जानने के लिए पढ़िए ये रिपोर्ट.

CG HOW ELECTRIC EXPENSIVE
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग (ETV BHARAT)

छत्तीसगढ़ में बिजली की करंट (ETV BHARAT)

रायपुर: लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है अब रिजल्ट की बारी है. उससे पहले छत्तीसगढ़ के लोगों को महंगाई का जबरदस्त करंट लगा है. बिजली विभाग ने लोगों को झटका देते हुए घरेलू उपयोग के लिए बिजली की दरों में इजाफा किया है. इसके साथ ही खेती के लिए भी बिजली के रेट में बढ़ोत्तरी की गई है. एक तरफ जनता महंगाई से त्राहि माम कर रही थी तो दूसरी तरफ बिजली के बढ़े हुए दर से उनका बजट और बिगड़ेगा.

घरेलू बिजली के रेट को समझिए, कितना हुआ इजाफा: विद्युत विभाग ने सभी श्रेणी में 8.35 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है. छत्तीसगढ़ में बिजली की दरों की बात करें तो पहले 100 यूनिट तक बिजली का रेट तीन रूपए सत्तर पैसे प्रति यूनिट था. इसमें 20 पैसे की बढ़ोत्तरी की गई है. अब सौ यूनिट तक की बिजली की कीमत 3.90 रूपए प्रति यूनिट हो गई है. इसके साथ ही सौ यूनिट से ज्यादा, और 200 यूनिट तक बिजली की दरें जो पहले 3.90 रुपये प्रति यूनिट थी. उसे 4.10 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है. विद्युत नियामक आयोग ने 201 से 400 यूनिट तक की बिजली के रेट में 20 पैसे का इजाफा किया है. यह रेट पहले 5.30 पैसे प्रति यूनिट था जो अब बढ़ाकर 5.50 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है. जबकि 401 यूनिट से 600 यूनिट की दर में 20 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा करते हुए इसे 6.30 पैसे प्रति यूनिट से 6.50 पैसे प्रति यूनिट किया गया है. 601 यूनिट या उससे अधिक बिजली की खपत पर भी बढ़ोत्तरी हुई है. यह 7.90 रुपये प्रति यूनिट से बढ़कर 8.10 रुपये प्रति यूनिट हो गया है.

कृषि उपयोग में भी बिजली का दर बढ़ा: छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग ने गैर घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली के रेट में भी इजाफा किया है. कृषि पंपों के लिए विद्युत की दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. पहले बिजली की दरों की बात करें तो कृषि उपभोक्ताओं के लिए सौ रूपए प्रति एचपी बिजली की दर थी. एग्रीकल्चर कंज्यूमर के लिए प्रति यूनिट बिजली 5.05 रूपए यूनिट से बढ़ाकर 5.30 रूपए किया गया है. कृषि से जुड़ी अन्य मांगों की बात करें तो पहले 15 किलोवॉट से 112.5 किलोवॉट तक 200 रुपये प्रति किलोवॉट बिजली की दर 5.65 पैसे प्रति यूनिट तक थी. उसे बढ़ाकर 6.25 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है.

"छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन वितरण कंपनी ने राज्य भर में वित्तीय वर्ष 2024 25 के बिजली के दरों का निर्धारण कर दिया है. इसके तहत घरेलू एवं गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. जबकि कृषि पंपों के लिए विद्युत की दरों में 20 पैसे की बढ़ोतरी की गई है.": हेमंत वर्मा, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग

बिजली बिल के अन्य प्रावधानों को समझिए: पर्यावरण संरक्षण एवं कार्बन फुटप्रिंट घटाने हेतु अक्षय ऊर्जा क्रय करने की इच्छुक उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु ग्रीन एनर्जी चार्ज का भी निर्धारण किया गया है. रेलवे के ट्रैक्शन लोड हेतु 20% के लोड फैक्टर के रिबेट को समाप्त किया गया है. कृषि के क्षेत्र में गैर सब्सिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं पर ऊर्जा प्रभार में 20% की दी जाने वाली छूट जारी रहेगी. जबकि किसानों के खेत में लगे विद्युत पंपों और खेतों की रखवाली करने की योजना पंप कनेक्शन में 100 वाट के भार का उपयोग पहले की तरह ही प्रभाव में रहेगा. किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए 100 वॉट तक लाइट एवं पंखों के लिए जारी बिजली की स्वीकृति जारी रहेगी.

विकास प्राधिकरण और महिला स्वयं सहायता से जुड़े उद्योंगों को राहत: राज्य की ग्रामीण क्षेत्र बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के तहत भी बिजली के बिल को लेकर घोषणा की गई है. इस श्रेणी में संचालित अस्पताल नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही पांच प्रतिशत छूट को जारी रखा गया है. महिला सशक्तिकरण हेतु पंजीकृत महिला स्वयं सहायता समूह के उद्योंगों को राहत दी गई है. इनकी तरफ से संचालित उद्योग गतिविधियों और व्यावसायिक गतिविधियों के ऊर्जा पर मिलने वाली 10% की छूट को जारी रखा गया है.

मोबाइल टावर के इंस्टॉलेशन में सब्सिडी घटी: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में मोबाइल टावर के इंस्टॉलेशन में दी जाने वाली सब्सिडी को घटाया गया है. एक अप्रैल 2019 के बाद लगने वाले टावर के उर्जा प्रभार में मिलने वाली सब्सिडी को 50 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है.

आयोग द्वारा राज्य की विद्युत कंपनियों के विगत वर्ष के घाटे के बाद वर्ष 2024- 25 के लिए विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा की गई मांग के सालाना रेवेन्यू में 26037 करोड़ रुपए का टारगेट रखा गया था. जिसे घटाकर 24594 करोड़ किया गया है. साल 2024-25 में टारगेट 35,875 मिलियन यूनिट के स्थान पर 34091 मिलियन यूनिट निर्धारित की गई है. वित्तीय वर्ष 2024 -25 के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 1819 करोड रुपए के रेवेन्यू घाटे का टारगेट रखा है.

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रायपुर: लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है अब रिजल्ट की बारी है. उससे पहले छत्तीसगढ़ के लोगों को महंगाई का जबरदस्त करंट लगा है. बिजली विभाग ने लोगों को झटका देते हुए घरेलू उपयोग के लिए बिजली की दरों में इजाफा किया है. इसके साथ ही खेती के लिए भी बिजली के रेट में बढ़ोत्तरी की गई है. एक तरफ जनता महंगाई से त्राहि माम कर रही थी तो दूसरी तरफ बिजली के बढ़े हुए दर से उनका बजट और बिगड़ेगा.

घरेलू बिजली के रेट को समझिए, कितना हुआ इजाफा: विद्युत विभाग ने सभी श्रेणी में 8.35 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है. छत्तीसगढ़ में बिजली की दरों की बात करें तो पहले 100 यूनिट तक बिजली का रेट तीन रूपए सत्तर पैसे प्रति यूनिट था. इसमें 20 पैसे की बढ़ोत्तरी की गई है. अब सौ यूनिट तक की बिजली की कीमत 3.90 रूपए प्रति यूनिट हो गई है. इसके साथ ही सौ यूनिट से ज्यादा, और 200 यूनिट तक बिजली की दरें जो पहले 3.90 रुपये प्रति यूनिट थी. उसे 4.10 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है. विद्युत नियामक आयोग ने 201 से 400 यूनिट तक की बिजली के रेट में 20 पैसे का इजाफा किया है. यह रेट पहले 5.30 पैसे प्रति यूनिट था जो अब बढ़ाकर 5.50 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है. जबकि 401 यूनिट से 600 यूनिट की दर में 20 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा करते हुए इसे 6.30 पैसे प्रति यूनिट से 6.50 पैसे प्रति यूनिट किया गया है. 601 यूनिट या उससे अधिक बिजली की खपत पर भी बढ़ोत्तरी हुई है. यह 7.90 रुपये प्रति यूनिट से बढ़कर 8.10 रुपये प्रति यूनिट हो गया है.

कृषि उपयोग में भी बिजली का दर बढ़ा: छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग ने गैर घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली के रेट में भी इजाफा किया है. कृषि पंपों के लिए विद्युत की दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. पहले बिजली की दरों की बात करें तो कृषि उपभोक्ताओं के लिए सौ रूपए प्रति एचपी बिजली की दर थी. एग्रीकल्चर कंज्यूमर के लिए प्रति यूनिट बिजली 5.05 रूपए यूनिट से बढ़ाकर 5.30 रूपए किया गया है. कृषि से जुड़ी अन्य मांगों की बात करें तो पहले 15 किलोवॉट से 112.5 किलोवॉट तक 200 रुपये प्रति किलोवॉट बिजली की दर 5.65 पैसे प्रति यूनिट तक थी. उसे बढ़ाकर 6.25 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है.

"छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन वितरण कंपनी ने राज्य भर में वित्तीय वर्ष 2024 25 के बिजली के दरों का निर्धारण कर दिया है. इसके तहत घरेलू एवं गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. जबकि कृषि पंपों के लिए विद्युत की दरों में 20 पैसे की बढ़ोतरी की गई है.": हेमंत वर्मा, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग

बिजली बिल के अन्य प्रावधानों को समझिए: पर्यावरण संरक्षण एवं कार्बन फुटप्रिंट घटाने हेतु अक्षय ऊर्जा क्रय करने की इच्छुक उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु ग्रीन एनर्जी चार्ज का भी निर्धारण किया गया है. रेलवे के ट्रैक्शन लोड हेतु 20% के लोड फैक्टर के रिबेट को समाप्त किया गया है. कृषि के क्षेत्र में गैर सब्सिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं पर ऊर्जा प्रभार में 20% की दी जाने वाली छूट जारी रहेगी. जबकि किसानों के खेत में लगे विद्युत पंपों और खेतों की रखवाली करने की योजना पंप कनेक्शन में 100 वाट के भार का उपयोग पहले की तरह ही प्रभाव में रहेगा. किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए 100 वॉट तक लाइट एवं पंखों के लिए जारी बिजली की स्वीकृति जारी रहेगी.

विकास प्राधिकरण और महिला स्वयं सहायता से जुड़े उद्योंगों को राहत: राज्य की ग्रामीण क्षेत्र बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के तहत भी बिजली के बिल को लेकर घोषणा की गई है. इस श्रेणी में संचालित अस्पताल नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही पांच प्रतिशत छूट को जारी रखा गया है. महिला सशक्तिकरण हेतु पंजीकृत महिला स्वयं सहायता समूह के उद्योंगों को राहत दी गई है. इनकी तरफ से संचालित उद्योग गतिविधियों और व्यावसायिक गतिविधियों के ऊर्जा पर मिलने वाली 10% की छूट को जारी रखा गया है.

मोबाइल टावर के इंस्टॉलेशन में सब्सिडी घटी: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में मोबाइल टावर के इंस्टॉलेशन में दी जाने वाली सब्सिडी को घटाया गया है. एक अप्रैल 2019 के बाद लगने वाले टावर के उर्जा प्रभार में मिलने वाली सब्सिडी को 50 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है.

आयोग द्वारा राज्य की विद्युत कंपनियों के विगत वर्ष के घाटे के बाद वर्ष 2024- 25 के लिए विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा की गई मांग के सालाना रेवेन्यू में 26037 करोड़ रुपए का टारगेट रखा गया था. जिसे घटाकर 24594 करोड़ किया गया है. साल 2024-25 में टारगेट 35,875 मिलियन यूनिट के स्थान पर 34091 मिलियन यूनिट निर्धारित की गई है. वित्तीय वर्ष 2024 -25 के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 1819 करोड रुपए के रेवेन्यू घाटे का टारगेट रखा है.

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