कन्नूर: केरल में थालास्सेरी एडिशनल सेशन कोर्ट (अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) नेता अश्विनी कुमार की हत्या के मामले में 14 में से 13 आरोपियों को बरी कर दिया है. केवल तीसरा आरोपी एमवी मार्शूक को दोषी पाया गया. उसे 14 तारीख को सजा सुनाई जाएगी. मर्डर के इस मामले में एनडीएफ के 14 कार्यकर्ता आरोपी थे.
आज का फैसला थालास्सेरी अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय (एक) के जज फिलिप थॉमस ने सुनाया. बता दें कि, अश्विनी कुमार कन्नूर जिले के कीझुर, इरिट्टी के रहने वाले थे. वे इरिट्टी प्रकृति कॉलेज में शिक्षक थे.10 मार्च, 2005 की सुबह करीब 10 बजे 27 साल के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) नेता अश्विनी कुमार बस में बैठकर कन्नूर से पेरावूर जा रहे थे. उसी दौरान आरोपियों ने बस को जबरन रोक लिया. उसके बाद आरोपियों ने अश्विनी कुमार पर हमला किया और उनकी हत्या कर दी.
दूसरी तरफ कोर्ट के फैसले के बाद अभियोजन पक्ष ने जांच में विफलताओं का हवाला देते हुए 13 एनडीएफ कार्यकर्ताओं को बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाकर अपील करने की घोषणा की. कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुल 42 गवाह, 57 दस्तावेज और 85 साक्ष्य पेश किए गए. घटना के छह साल बाद पहले और दूसरे आरोपी अदालत में पेश हुए. अभियोजन पक्ष के अनुसार, पहले से चौथे आरोपी ने बस के अंदर हिंसा की, जबकि पांचवें से नौवें आरोपी ने जीप में बस का पीछा किया, सड़क पर बम फेंके और लोगों को हथियारों से धमकाया.
जीप में सवार आरोपियों ने कथित तौर पर पहले से चौथे आरोपी को भागने में मदद की. मामले में यह भी दावा किया गया है कि 10वें से 12वें आरोपी ने साजिश रची, जबकि 13वें और 14वें आरोपी ने बम बनाने के लिए विस्फोटक खरीदे. पुलिस ने इस हत्याकांड के बाद इरिट्टी पुलिस डिवीजन में हिंसा की 120 घटनाओं की सूचना दी, और मुकदमे के दौरान इसकी प्राथमिकी अदालत में पेश की गई. विशेष लोक अभियोजक जोसेफ थॉमस और अधिवक्ता पी. प्रेमराजन ने अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व किया, जबकि अधिवक्ता पी.सी. नौशाद और अधिवक्ता रंजीत मरार ने बचाव पक्ष का प्रतिनिधित्व किया.
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