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देश के पहले सैन्य धाम के निर्माण पर क्यों लगी हाईकोर्ट की रोक? निर्माण भूमि पर क्या है विवाद, पढ़ें पूरी खबर - sainya Dham in Uttarakhand - SAINYA DHAM IN UTTARAKHAND

Dehradun Sainya Dham Project देहरादून के गुनियाल गांव में सैन्य धाम के निर्माण कार्यों पर कोर्ट के आदेश के बाद रोक लग गई है.सैन्य धाम में इस्तेमाल हुई निजी भूमि धारक ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके बाद कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.

Sainya Dham Project in Dehradun
देहरादून सैन्य धाम (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 18, 2024, 1:42 PM IST

Updated : Jun 19, 2024, 3:17 PM IST

सैन्य धाम के निर्माण पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक (वीडियो-ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में विकसित किए जा रहे सैन्य धाम के निर्माण पर अब कोर्ट ने अड़ंगा डाल दिया है. दरअसल सैन्य धाम में इस्तेमाल हुई निजी भूमि धारक ने कोर्ट में याचिका दायर कर निर्माण पर रोक लगवाई है.

सैनिक बाहुल्य राज्य उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में भव्य सैन्य धाम का निर्माण पिछले 2 सालों से चल रहा है, लेकिन यह अब तक पूरा नहीं हुआ है. वहीं नैनीताल हाईकोर्ट ने अब इसके निर्माण पर रोक लगा दी है. दरअसल, कोर्ट ने अपने आदेश में निजी भूमि पर अवैध कब्जा कर सैन्य धाम बनाने पर दायर हुई याचिका के चलते यह फैसला लिया है. हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड की अधिसूचना पर रोक लगाते हुए सरकार से इस मामले में एक महीने में जवाब दाखिल करने को कहा है.

Uttarakhand Sainya Dham Project
ऐसा बनेगा देश का पहला सैन्य धाम (फोटो-ईटीवी भारत)

देहरादून गुनियाल गांव में बन रहे सैन्य धाम के निर्माण पर याचिकाकर्ता सीमा कनौजिया के पति संजय कनौजिया ने आरोप लगाया है कि उनकी भूमि का बिना अधिग्रहण किए सैन्य धाम का निर्माण शुरू किया गया था. निर्माण कार्य शुरू होने के बाद जब इस बात की जानकारी कनौजिया परिवार को लगी तो उन्होंने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई, जिसके बाद सरकार ने सैन्य धाम के पास में पीड़ित को जमीन दी थी.

Construction of Sainya Dham in Dehradun
सैन्य धाम के निर्माण कार्य को देखते कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी (फोटो-ईटीवी भारत)

परिवार का आरोप है कि अब सैनिक कल्याण विभाग ने सैन्य धाम के आसपास 500 मीटर तक निर्माण प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है. यदि ऐसा हुआ तो पीड़ित पक्ष को दी गई जमीन पर निर्माण संभव नहीं है. इसे देखते हुए याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अपील की और कोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए सैन्य धाम के निर्माण पर फिलहाल रोक लगाते हुए सरकार से एक महीने के भीतर जवाब मांगा है.

निजी भूमि धारक सीमा कनौजिया के पति संजय कनौजिया ने आरोप लगाया है कि सैन्य धाम निर्माण के समय पहले तो विभाग ने उनकी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करते हुए निर्माण शुरू किया और जब पीड़ित पक्ष ने सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट का सम्मान करते हुए मध्यस्थता करते हुए मुआवजा और जमीन दूसरी जगह ली तो वहां पर भी उनके निर्माण को प्रतिबंधित किया जा रहा है.

Soldier Welfare Minister Ganesh Joshi inspecting Sainya Dham
सैन्य धाम का निरीक्षण करते सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी (फोटो-ईटीवी भारत)

आरोप है कि सैनिक कल्याण विभाग ने सैन्य धाम के नजदीक जमीन पर उनके द्वारा किए जा रहे निर्माण पर रोक लगाने को लेकर लेटर भी दिया है इसलिए उनके पास न्यायालय के शरण में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें हाई कोर्ट में न्याय नहीं मिला तो वो सुप्रीम कोर्ट जाने में भी संकोच नहीं करेंगे.

वहीं, देहरादून के पूर्व मेयर और धर्मपुर से विधायक विनोद चमोली का कहना है कि यदि सरकार द्वारा इस तरह से कोई भव्य निर्माण किया जाता है तो यह बेहद जरूरी है कि उसके आसपास 500 मीटर तक सभी तरह के निर्माण को रोक लगा देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसी तरह से उनके द्वारा उनके मेयर रहते देहरादून के झाझरा में जब ट्रेंचिंग ग्राउंड का निर्माण किया गया था तो वहां पर भी आसपास निर्माण को प्रतिबंधित किया गया था. जिस तरह से उत्तराखंड के पांचवें धाम के रूप में सैन्य धाम की परिकल्पना की गई है और यह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है और उसी को देखते हुए इसे बेहद भव्य और आलीशान बनाया जा रहा है. उसकी भव्यता और खूबसूरती बनी रहे इसके लिए जरूरी है कि आसपास सभी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी जाए.

Uttarakhand High Court stopped construction of Sainya Dham
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रोका सैन्य धाम का निर्माण (फोटो-ईटीवी भारत)

उधर, जब इस पूरे मामले पर सैन्य धाम के निर्माण का नेतृत्व कर रहे सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सैन्य धाम के आसपास निर्माण को प्रतिबंधित करने को लेकर कोई फैसला सरकार द्वारा नहीं दिया गया है. सैन्य कल्याण विभाग ने केवल सरकार को प्रस्ताव भेजा है. इससे यह साबित नहीं होता कि सैन्य धाम के आसपास 500 मीटर तक निर्माण प्रतिबंधित किया गया है. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता जल्दबाजी दिखाते हुए कोर्ट में मामले को लेकर गए हैं. वो इस संबंध में बैठक करके सभी समाधान करने जा रहे हैं.

जानिए क्या है सैन्य धाम: राजधानी देहरादून के गुनियाल गांव में देश के पहले सैन्य धाम के निर्माण का काम चल रहा है. इसे उत्तराखंड के पांचवें धाम के नाम से भी जाना जाएगा. शहीदों के प्रति सम्मान व सेना के शौर्य और गौरवशाली इतिहास को संजोकर रखने के लिए इस धाम का निर्माण किया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजक्ट्स में ये एक इस सैन्य धाम के लिए प्रदेश के 1734 शहीद सैनिकों के आंगन से कलश में मिट्टी लाई गई है, जिसे यहां बनने वाली अमर जवान ज्योति की नींव में रखा गया है. इस धाम के लिए चारों धामों से पवित्र मिट्टी भी लाई गई है.

देश के अन्य वॉर मैमोरियल की केस स्टडी कर देहरादून में इस सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है. सैन्य धाम के प्रवेश द्वार का नाम प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम से रखा जाएगा. वहीं, धाम के प्रांगण में बाबा जसवंत सिंह और हरभजन सिंह का मंदिर भी बनाया जाएगा.

इस सैन्य धाम में शहीदों के नाम लिखे जाएंगे, म्यूजियम व ऑडिटोरियम बनाया जाएगा और लाइट एंड साउंड शो भी होगा ताकि युवा शहीदों के बलिदान से प्रेरणा ले सकें.

पढ़ें-

सैन्य धाम के निर्माण पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक (वीडियो-ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में विकसित किए जा रहे सैन्य धाम के निर्माण पर अब कोर्ट ने अड़ंगा डाल दिया है. दरअसल सैन्य धाम में इस्तेमाल हुई निजी भूमि धारक ने कोर्ट में याचिका दायर कर निर्माण पर रोक लगवाई है.

सैनिक बाहुल्य राज्य उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में भव्य सैन्य धाम का निर्माण पिछले 2 सालों से चल रहा है, लेकिन यह अब तक पूरा नहीं हुआ है. वहीं नैनीताल हाईकोर्ट ने अब इसके निर्माण पर रोक लगा दी है. दरअसल, कोर्ट ने अपने आदेश में निजी भूमि पर अवैध कब्जा कर सैन्य धाम बनाने पर दायर हुई याचिका के चलते यह फैसला लिया है. हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड की अधिसूचना पर रोक लगाते हुए सरकार से इस मामले में एक महीने में जवाब दाखिल करने को कहा है.

Uttarakhand Sainya Dham Project
ऐसा बनेगा देश का पहला सैन्य धाम (फोटो-ईटीवी भारत)

देहरादून गुनियाल गांव में बन रहे सैन्य धाम के निर्माण पर याचिकाकर्ता सीमा कनौजिया के पति संजय कनौजिया ने आरोप लगाया है कि उनकी भूमि का बिना अधिग्रहण किए सैन्य धाम का निर्माण शुरू किया गया था. निर्माण कार्य शुरू होने के बाद जब इस बात की जानकारी कनौजिया परिवार को लगी तो उन्होंने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई, जिसके बाद सरकार ने सैन्य धाम के पास में पीड़ित को जमीन दी थी.

Construction of Sainya Dham in Dehradun
सैन्य धाम के निर्माण कार्य को देखते कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी (फोटो-ईटीवी भारत)

परिवार का आरोप है कि अब सैनिक कल्याण विभाग ने सैन्य धाम के आसपास 500 मीटर तक निर्माण प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है. यदि ऐसा हुआ तो पीड़ित पक्ष को दी गई जमीन पर निर्माण संभव नहीं है. इसे देखते हुए याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अपील की और कोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए सैन्य धाम के निर्माण पर फिलहाल रोक लगाते हुए सरकार से एक महीने के भीतर जवाब मांगा है.

निजी भूमि धारक सीमा कनौजिया के पति संजय कनौजिया ने आरोप लगाया है कि सैन्य धाम निर्माण के समय पहले तो विभाग ने उनकी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करते हुए निर्माण शुरू किया और जब पीड़ित पक्ष ने सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट का सम्मान करते हुए मध्यस्थता करते हुए मुआवजा और जमीन दूसरी जगह ली तो वहां पर भी उनके निर्माण को प्रतिबंधित किया जा रहा है.

Soldier Welfare Minister Ganesh Joshi inspecting Sainya Dham
सैन्य धाम का निरीक्षण करते सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी (फोटो-ईटीवी भारत)

आरोप है कि सैनिक कल्याण विभाग ने सैन्य धाम के नजदीक जमीन पर उनके द्वारा किए जा रहे निर्माण पर रोक लगाने को लेकर लेटर भी दिया है इसलिए उनके पास न्यायालय के शरण में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें हाई कोर्ट में न्याय नहीं मिला तो वो सुप्रीम कोर्ट जाने में भी संकोच नहीं करेंगे.

वहीं, देहरादून के पूर्व मेयर और धर्मपुर से विधायक विनोद चमोली का कहना है कि यदि सरकार द्वारा इस तरह से कोई भव्य निर्माण किया जाता है तो यह बेहद जरूरी है कि उसके आसपास 500 मीटर तक सभी तरह के निर्माण को रोक लगा देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसी तरह से उनके द्वारा उनके मेयर रहते देहरादून के झाझरा में जब ट्रेंचिंग ग्राउंड का निर्माण किया गया था तो वहां पर भी आसपास निर्माण को प्रतिबंधित किया गया था. जिस तरह से उत्तराखंड के पांचवें धाम के रूप में सैन्य धाम की परिकल्पना की गई है और यह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है और उसी को देखते हुए इसे बेहद भव्य और आलीशान बनाया जा रहा है. उसकी भव्यता और खूबसूरती बनी रहे इसके लिए जरूरी है कि आसपास सभी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी जाए.

Uttarakhand High Court stopped construction of Sainya Dham
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रोका सैन्य धाम का निर्माण (फोटो-ईटीवी भारत)

उधर, जब इस पूरे मामले पर सैन्य धाम के निर्माण का नेतृत्व कर रहे सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सैन्य धाम के आसपास निर्माण को प्रतिबंधित करने को लेकर कोई फैसला सरकार द्वारा नहीं दिया गया है. सैन्य कल्याण विभाग ने केवल सरकार को प्रस्ताव भेजा है. इससे यह साबित नहीं होता कि सैन्य धाम के आसपास 500 मीटर तक निर्माण प्रतिबंधित किया गया है. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता जल्दबाजी दिखाते हुए कोर्ट में मामले को लेकर गए हैं. वो इस संबंध में बैठक करके सभी समाधान करने जा रहे हैं.

जानिए क्या है सैन्य धाम: राजधानी देहरादून के गुनियाल गांव में देश के पहले सैन्य धाम के निर्माण का काम चल रहा है. इसे उत्तराखंड के पांचवें धाम के नाम से भी जाना जाएगा. शहीदों के प्रति सम्मान व सेना के शौर्य और गौरवशाली इतिहास को संजोकर रखने के लिए इस धाम का निर्माण किया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजक्ट्स में ये एक इस सैन्य धाम के लिए प्रदेश के 1734 शहीद सैनिकों के आंगन से कलश में मिट्टी लाई गई है, जिसे यहां बनने वाली अमर जवान ज्योति की नींव में रखा गया है. इस धाम के लिए चारों धामों से पवित्र मिट्टी भी लाई गई है.

देश के अन्य वॉर मैमोरियल की केस स्टडी कर देहरादून में इस सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है. सैन्य धाम के प्रवेश द्वार का नाम प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम से रखा जाएगा. वहीं, धाम के प्रांगण में बाबा जसवंत सिंह और हरभजन सिंह का मंदिर भी बनाया जाएगा.

इस सैन्य धाम में शहीदों के नाम लिखे जाएंगे, म्यूजियम व ऑडिटोरियम बनाया जाएगा और लाइट एंड साउंड शो भी होगा ताकि युवा शहीदों के बलिदान से प्रेरणा ले सकें.

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Last Updated : Jun 19, 2024, 3:17 PM IST
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