ETV Bharat / bharat

संविधान की ताकत से लेकर विकसित भारत तक...पीएम मोदी ने संसद में रखे 11 संकल्प - PM MODI PRESENTS 11 RESOLUTIONS

संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण 106 मिनट से अधिक समय तक चला. पीएम मोदी ने बहस के दौरान विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संवैधानिक मूल्यों की भावना के अनुरूप 11 संकल्प पेश किए.

Constitution Debate PM Modi
लोकसभा में पीएम मोदी का संबोधन (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संविधान के 75वें साल पूरे होने के अवसर पर लोकसभा में बहस के दौरान विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संवैधानिक मूल्यों की भावना के अनुरूप 11 संकल्प पेश किए.

पीएम मोदी ने "भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा" पर सदन में दो दिन की चर्चा का जवाब देते हुए कहा, "देश के भविष्य के लिए संविधान की भावना से प्रेरित होकर मैं आज इस सदन के समक्ष 11 संकल्प प्रस्तुत करना चाहता हूं। यदि प्रत्येक भारतीय अपने मूल कर्तव्यों का पालन करे तो भारत को विकसित राष्ट्र बनने से नहीं रोका जा सकता."

पीएम मोदी ने जो संकल्प सदन के समक्ष पेश किए वे इस प्रकार हैं-

  • 1) चाहे नागरिक हो या सरकार, सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें.
  • 2) हर क्षेत्र, हर समाज को विकास का लाभ मिले, सबका साथ-सबका विकास हो.
  • 3) भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो, भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता न हो.
  • 4) देश के कानून, देश के नियम, देश की परंपराओं के पालन में देश के नागरिकों को गर्व का भाव हो.
  • 5) गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो, देश की विरासत पर गर्व हो.
  • 6) देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले.
  • 7) संविधान का सम्मान हो, राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए.
  • 8) संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिनको आरक्षण मिल रहा है, उनका आरक्षण न छीना जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे.
  • 9) महिलाओं के नेतृत्व में भारत दुनिया के लिए मिसाल बने.
  • 10) "राज्यों के विकास से राष्ट्र का विकास" हमारे विकास का मंत्र हो.
  • 11) 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का ध्येय सर्वोपरि हो.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' हमारे लिए सिर्फ नारा नहीं है, यह हमारे लिए आस्था का विषय है। आने वाले दशकों में हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि हमें लोकतंत्र को किस दिशा में ले जाना चाहिए. हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या परिवार-आधारित राजनीति से हमारे लोकतंत्र को कोई नुकसान पहुंचा है, क्या हमें इसे सुधारने की दिशा में काम नहीं करना चाहिए?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजनीति में ऐसे युवाओं को लाने की जरूरत है, जिनकी कोई पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं है. सभी राजनीतिक दलों को बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले नए लोगों को पार्टी में लाने के लिए काम करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: नारी शक्ति की सराहना, देश के सपने कैसे होंगे साकार... लोकसभा में पीएम मोदी की बड़ी बातें

ये भी पढ़ें: '55 साल में क्या-क्या हुआ...' पीएम मोदी ने बताई गांधी परिवार पर निशाना साधने की वजह

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संविधान के 75वें साल पूरे होने के अवसर पर लोकसभा में बहस के दौरान विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संवैधानिक मूल्यों की भावना के अनुरूप 11 संकल्प पेश किए.

पीएम मोदी ने "भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा" पर सदन में दो दिन की चर्चा का जवाब देते हुए कहा, "देश के भविष्य के लिए संविधान की भावना से प्रेरित होकर मैं आज इस सदन के समक्ष 11 संकल्प प्रस्तुत करना चाहता हूं। यदि प्रत्येक भारतीय अपने मूल कर्तव्यों का पालन करे तो भारत को विकसित राष्ट्र बनने से नहीं रोका जा सकता."

पीएम मोदी ने जो संकल्प सदन के समक्ष पेश किए वे इस प्रकार हैं-

  • 1) चाहे नागरिक हो या सरकार, सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें.
  • 2) हर क्षेत्र, हर समाज को विकास का लाभ मिले, सबका साथ-सबका विकास हो.
  • 3) भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो, भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता न हो.
  • 4) देश के कानून, देश के नियम, देश की परंपराओं के पालन में देश के नागरिकों को गर्व का भाव हो.
  • 5) गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो, देश की विरासत पर गर्व हो.
  • 6) देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले.
  • 7) संविधान का सम्मान हो, राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए.
  • 8) संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिनको आरक्षण मिल रहा है, उनका आरक्षण न छीना जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे.
  • 9) महिलाओं के नेतृत्व में भारत दुनिया के लिए मिसाल बने.
  • 10) "राज्यों के विकास से राष्ट्र का विकास" हमारे विकास का मंत्र हो.
  • 11) 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का ध्येय सर्वोपरि हो.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' हमारे लिए सिर्फ नारा नहीं है, यह हमारे लिए आस्था का विषय है। आने वाले दशकों में हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि हमें लोकतंत्र को किस दिशा में ले जाना चाहिए. हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या परिवार-आधारित राजनीति से हमारे लोकतंत्र को कोई नुकसान पहुंचा है, क्या हमें इसे सुधारने की दिशा में काम नहीं करना चाहिए?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजनीति में ऐसे युवाओं को लाने की जरूरत है, जिनकी कोई पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं है. सभी राजनीतिक दलों को बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले नए लोगों को पार्टी में लाने के लिए काम करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: नारी शक्ति की सराहना, देश के सपने कैसे होंगे साकार... लोकसभा में पीएम मोदी की बड़ी बातें

ये भी पढ़ें: '55 साल में क्या-क्या हुआ...' पीएम मोदी ने बताई गांधी परिवार पर निशाना साधने की वजह

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.