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ममता बनर्जी को लेकर कांग्रेस की संतुलन बनाने की कोशिश - West Bengal cm Mamata Banerjee

West Bengal cm Mamata Banerjee, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को लेकर कांग्रेस एक संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है. हालांकि टीएमसी राज्य की लोकसभा सीटों में इंडिया गठबंधन से अलग चुनाव लड़ रही है.

Congress stance is soft regarding Mamata Banerjee
ममता बनर्जी को लेकर कांग्रेस का रुख नरम (IANS)
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By Amit Agnihotri

Published : May 20, 2024, 4:54 PM IST

Updated : May 20, 2024, 5:57 PM IST

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से निपटने की बात आने पर कांग्रेस एक अच्छा संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है. हालांकि टीएमसी इंडिया गठबंधन के सहयोगी होने का दावा करती है, लेकिन उन्होंने कांग्रेस के साथ संयुक्त रूप से लोकसभा का चुनाव लड़ने से मना कर दिया था.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के प्रयासों के बाद भी ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों के लिए सीट बंटवारे के सभी प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया था. तब कांग्रेस के पास पुराने सहयोगी वाम दलों के साथ चुनावी समझौते पर आगे बढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. हालांकि ममता बनर्जी ने चुनाव से पहले कुछ उत्तेजक बयान दिए थे और कहा था कि कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को हराने में सक्षम नहीं है और 40 सीटें भी नहीं जीत पाएगी. इसके बाद में उन्होंने अपना रुख बदल लिया और इंडिया गठबंधन के समर्थन में बात करनी शुरू कर दी.

हालांकि इस सबके दौरान एआईसीसी पदाधिकारी बनर्जी को एक संभावित सहयोगी के रूप में बताने को लेकर सावधान थे. पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी अभियान के दौरान नियमित रूप से बनर्जी पर हमला कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने देश भर में इंडिया गठबंधन की जीत को महसूस करते हुए अपना रुख बदल दिया है. चीजें तब तक सामान्य रूप से चल रही थीं जब तक कि कांग्रेस प्रमुख खड़गे ने दो दिन पहले मुंबई में हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में चौधरी को सार्वजनिक रूप से अपमानित नहीं किया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि जब ममता के साथ गठबंधन करने की बात आएगी तो राज्य इकाई प्रमुख नहीं बल्कि आलाकमान अंतिम फैसला करेगा.

खड़गे ने यह भी कहा कि बनर्जी ने केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार को बाहर से समर्थन देने से लेकर उसमें शामिल होने तक का अपना रुख तुरंत बदल लिया था. हालांकि, चौधरी के प्रति खड़गे की सार्वजनिक आलोचना, जिन्होंने कहा था कि ममता पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, के बाद कुछ लोगों ने पश्चिम बंगाल पीसीसी कार्यालय में पार्टी प्रमुख की तस्वीर को विकृत कर दिया. यह निश्चित नहीं है कि घटना के पीछे पार्टी कार्यकर्ता थे या भाड़े के गुंडे, सोमवार को नाराज एआईसीसी प्रभारी संगठन केसी वेणुगोपाल ने पश्चिम बंगाल प्रभारी गुलाम अहमद मीर से 19 मई को हुई घोर अनुशासनहीनता के कृत्यों पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

मीर ने ईटीवी भारत को बताया कि मैं राज्य के नेताओं से तथ्य जुटाने की कोशिश कर रहा हूं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में अनुशासनहीनता के कृत्य में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है, लेकिन यह भी कहा गया है कि वास्तविक दोषियों की पहचान करना महत्वपूर्ण है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि ये भाड़े के गुंडे हो सकते हैं जिन्होंने कांग्रेस और टीएमसी के बीच दरार पैदा करने के लिए खड़गे की तस्वीर को विकृत कर दिया.

उन्होंने कहा कि हमें इंतजार करना चाहिए क्योंकि पुलिस घटना की जांच कर रही है. इसमें कोई शक नहीं, चौधरी एक योद्धा हैं और राज्य में पार्टी का नेतृत्व करते हैं. उनकी टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि कांग्रेस राज्य इकाई प्रमुख का समर्थन कर रही है जो 2019 से लोकसभा में पार्टी के नेता भी हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस और वाम समझौता जमीन पर काम कर रहा था और टीएमसी द्वारा उनकी उपस्थिति को नजरअंदाज करने के बावजूद इंडिया गठबंधन कई सीटें जीतने के लिए तैयार था. उन्होंने आगे कहा कि उस समय बनर्जी को खुश रखना महत्वपूर्ण था जब भारतीय गुट राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता के करीब था.

ये भी पढ़ें - प.बंगाल कांग्रेस में आर-पार ! खड़गे की फोटो पर फेंकी स्याही

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से निपटने की बात आने पर कांग्रेस एक अच्छा संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है. हालांकि टीएमसी इंडिया गठबंधन के सहयोगी होने का दावा करती है, लेकिन उन्होंने कांग्रेस के साथ संयुक्त रूप से लोकसभा का चुनाव लड़ने से मना कर दिया था.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के प्रयासों के बाद भी ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों के लिए सीट बंटवारे के सभी प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया था. तब कांग्रेस के पास पुराने सहयोगी वाम दलों के साथ चुनावी समझौते पर आगे बढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. हालांकि ममता बनर्जी ने चुनाव से पहले कुछ उत्तेजक बयान दिए थे और कहा था कि कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को हराने में सक्षम नहीं है और 40 सीटें भी नहीं जीत पाएगी. इसके बाद में उन्होंने अपना रुख बदल लिया और इंडिया गठबंधन के समर्थन में बात करनी शुरू कर दी.

हालांकि इस सबके दौरान एआईसीसी पदाधिकारी बनर्जी को एक संभावित सहयोगी के रूप में बताने को लेकर सावधान थे. पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी अभियान के दौरान नियमित रूप से बनर्जी पर हमला कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने देश भर में इंडिया गठबंधन की जीत को महसूस करते हुए अपना रुख बदल दिया है. चीजें तब तक सामान्य रूप से चल रही थीं जब तक कि कांग्रेस प्रमुख खड़गे ने दो दिन पहले मुंबई में हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में चौधरी को सार्वजनिक रूप से अपमानित नहीं किया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि जब ममता के साथ गठबंधन करने की बात आएगी तो राज्य इकाई प्रमुख नहीं बल्कि आलाकमान अंतिम फैसला करेगा.

खड़गे ने यह भी कहा कि बनर्जी ने केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार को बाहर से समर्थन देने से लेकर उसमें शामिल होने तक का अपना रुख तुरंत बदल लिया था. हालांकि, चौधरी के प्रति खड़गे की सार्वजनिक आलोचना, जिन्होंने कहा था कि ममता पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, के बाद कुछ लोगों ने पश्चिम बंगाल पीसीसी कार्यालय में पार्टी प्रमुख की तस्वीर को विकृत कर दिया. यह निश्चित नहीं है कि घटना के पीछे पार्टी कार्यकर्ता थे या भाड़े के गुंडे, सोमवार को नाराज एआईसीसी प्रभारी संगठन केसी वेणुगोपाल ने पश्चिम बंगाल प्रभारी गुलाम अहमद मीर से 19 मई को हुई घोर अनुशासनहीनता के कृत्यों पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

मीर ने ईटीवी भारत को बताया कि मैं राज्य के नेताओं से तथ्य जुटाने की कोशिश कर रहा हूं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में अनुशासनहीनता के कृत्य में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है, लेकिन यह भी कहा गया है कि वास्तविक दोषियों की पहचान करना महत्वपूर्ण है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि ये भाड़े के गुंडे हो सकते हैं जिन्होंने कांग्रेस और टीएमसी के बीच दरार पैदा करने के लिए खड़गे की तस्वीर को विकृत कर दिया.

उन्होंने कहा कि हमें इंतजार करना चाहिए क्योंकि पुलिस घटना की जांच कर रही है. इसमें कोई शक नहीं, चौधरी एक योद्धा हैं और राज्य में पार्टी का नेतृत्व करते हैं. उनकी टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि कांग्रेस राज्य इकाई प्रमुख का समर्थन कर रही है जो 2019 से लोकसभा में पार्टी के नेता भी हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस और वाम समझौता जमीन पर काम कर रहा था और टीएमसी द्वारा उनकी उपस्थिति को नजरअंदाज करने के बावजूद इंडिया गठबंधन कई सीटें जीतने के लिए तैयार था. उन्होंने आगे कहा कि उस समय बनर्जी को खुश रखना महत्वपूर्ण था जब भारतीय गुट राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता के करीब था.

ये भी पढ़ें - प.बंगाल कांग्रेस में आर-पार ! खड़गे की फोटो पर फेंकी स्याही

Last Updated : May 20, 2024, 5:57 PM IST
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