नई दिल्ली: प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG में कथित अनियमितताओं के खिलाफ कांग्रेस अपना आंदोलन तेज करते हुए 21 जून को इस मुद्दे पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी. इसके साथ ही कांग्रेस इस मुद्दे को और मोदी सरकार का मुकाबला करने के लिए इस मामले को संसद में भी उठाएगी. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कथित NEET अनियमितता का मामला लाखों छात्रों से जुड़ा हुआ है और कांग्रेस पार्टी इस मुद्दें को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाना चाहती है. सूत्र ने बताया कि, पार्टी प्रबंधकों ने राहुल गांधी से प्रेरणा ली है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के दिन यानी की 4 जून को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की तरफ से NEET-UG परिणाम घोषित करने के तुरंत बाद इस मुद्दे को उठाया था.
नेट यूजी स्कैम के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन
कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि, 4 जून को नीट-यूजी रिजल्ट की घोषणा के बाद से कांग्रेस AICC के मंच से इस मुद्दे को उठा रही है. कांग्रेस ने नेट-यूजी रिजल्ट में बड़े पैमाने पर अनिमियतताओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है. वहीं, सरकार ने शुरू में यह कहते हुए आरोपों को खारिज कर दिया कि एनईईटी यूजी रिजल्ट में कोई अनियमितता नहीं थी, लेकिन बाद में स्वीकार किया कि प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा के कुछ पहलुओं की जांच की जरूरत है. कांग्रेस पार्टी अब इसे विषय को बड़ा मुद्दा बताते हुए 21 जून को पार्टी के सभी राज्य इकाइयों से देश के अलग अलग राज्यों की राजधानी में वरिष्ठ नेताओं के साथ विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश दिया है. देश की सबसे पुरानी पार्टी 24 जून से शुरू होने वाले विशेष संसद सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाने के लिए इंडिया ब्लॉक पार्टियों को एकजुट कर रही है.
क्या बोले गौरव गोगोई?
नीट मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि, 'कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नतीजे घोषित होते ही NEET-UG परीक्षा का मुद्दा उठाया था. यह एक रहस्य है कि, जब पूरा देश चुनाव परिणामों के बारे में बात कर रहा था उसी समय नतीजे 4 जून को क्यों घोषित किए गए . ऐसा लगता है कि उन्हें (सरकार) पता था कि तूफान आने वाला है और वे एनईईटी परिणामों पर किसी भी चर्चा से बचना चाहते थे. यही कारण है कि हम इस पूरे अनियमितताओं की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच चाहते हैं क्योंकि 24 लाख युवा भारतीयों के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है'.
सड़क से लेकर संसद तक कांग्रेस उठाएगी नेट यूजी रिज्लट का मुद्दा
कांग्रेस नेता ने कहा कि 18वीं लोकसभा के दौरान विपक्ष मजबूत बनकर उभरा है और सरकार को ज्वलंत मुद्दों पर आसानी से मौका नहीं देगा. उन्होंने कहा कि, इंडिया ब्लॉक छात्रों का मुद्दा उठाएगा क्योंकि यह पार्टी की ज़िम्मेदारी है. इस मामले में सरकार भागना चाहती है और भारत के लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है. अब, इंडिया गुट के पास सरकार को घुटनों पर लाने और उन्हें छात्रों के प्रति जवाबदेह बनाने की पर्याप्त ताकत है.'
एनटीए अध्यक्ष को हटाया जाए, कांग्रेस की मांग
वहीं, AICC पदाधिकारी बीएम संदीप कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि, एनईईटी-यूजी परीक्षा की जांच की मांग के प्रति केंद्र सरकार का रवैया गैर-जिम्मेदाराना और असंवेदनशील था क्योंकि उसने प्रणाली में अनियमितताओं की जांच करने के लिए विवादास्पद परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी को काम सौंपा था. उन्होंने कहा कि, 'विभिन्न कोचिंग सेंटरों और परीक्षा केंद्रों के वादों के कारण सामान्य परिवारों को 30 लाख रुपये तक खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. हमारा मानना है कि कोई भी जांच न्यायसंगत, निष्पक्ष और व्यापक नहीं हो सकती अगर जांच का नेतृत्व स्वयं एनटीए कर रहा हो. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि, एनटीए अध्यक्ष को उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि, युवाओं संबंधी मुद्दों पर कांग्रेस का फोकस है. पार्टी ने चुनाव घोषणा पत्र में विभिन्न मुद्दों पर छात्रों की चिंताओं को दूर करने का वादा किया था. NEET-UG देश के लिए डॉक्टरों का चयन और प्रशिक्षण करने की एक प्रणाली है. यदि व्यवस्था निष्पक्ष नहीं है, तो स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को नुकसान होगा और इसकी अनुमति कभी नहीं दी जाएगी.'
बता दें कि, नीट मामले में केंद्र की 'निष्क्रियता' के खिलाफ अपना विरोध तेज करते हुए कांग्रेस ने प्रवेश परीक्षा के संचालन में अनियमितताओं और पेपर लीक से प्रभावित छात्रों के लिए न्याय की मांग करते हुए 21 जून को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
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