नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे एग्जिट पोल से उम्मीद न खोएं, जिसमें शनिवार को एनडीए की जीत की भविष्यवाणी की गई है. साथ ही पार्टी ने कार्यकर्ताओं को 4 जून को मतगणना के दिन केंद्रित और सतर्क रहने का निर्देश दिया.
उत्तर प्रदेश के एआईसीसी प्रभारी अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया, 'शनिवार को मतदान समाप्त होने के बाद से मैं अपने उम्मीदवारों के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ लगातार संपर्क में हूं. मैंने उनसे कहा है कि वे एग्जिट पोल के उन पूर्वानुमानों से निराश न हों जिनमें हेरफेर किया गया है. इसके बजाय, उन्हें 4 जून को जब वोटों की गिनती होगी, तब शांत, केंद्रित और सतर्क रहना चाहिए. उन्हें उन स्ट्रांगरूम पर नजर रखनी चाहिए जहां मतदान में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम रखी गई हैं.'
एआईसीसी पदाधिकारी के मुताबिक, यह निर्देश पार्टी के भीतर इस संदेह का नतीजा है कि ईवीएम के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ हुई होगी या हो सकती है. पांडे ने कहा कि 'हमने सात चरणों के मतदान के दौरान ईवीएम की कार्यप्रणाली से संबंधित बहुत सारी शिकायतें देखी हैं. हमने इसे चुनाव आयोग के संज्ञान में लाया लेकिन कुछ नहीं हुआ. इससे पहले, हमने भाजपा द्वारा आदर्श चुनाव संहिता के उल्लंघन की कई शिकायतें भी दर्ज कीं लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसलिए हमें खुद भी सतर्क रहने की जरूरत है. ये बहुत महत्वपूर्ण राष्ट्रीय चुनाव हैं और हम कोई जोखिम नहीं उठा सकते. यदि हम मतगणना के दिन लापरवाह हो गए तो हमारी सभी महीनों की मेहनत बर्बाद हो जाएगी.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, इंडिया ब्लॉक ने अपने सभी उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को चुनाव अधिकारियों से फॉर्म 17 सी इकट्ठा करने का निर्देश दिया था ताकि चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित वोटों की सटीक गिनती को सत्यापित किया जा सके.
इसके अलावा 4 जून को मतगणना टेबल पर उम्मीदवारों के गिनती एजेंटों को अनुमति नहीं देने के पोल पैनल के कदम ने विपक्षी दलों को संदेह में डाल दिया था. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, उम्मीद की जा रही थी कि इंडिया ब्लॉक के नेताओं का एक समूह पारदर्शी मतगणना प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए इस विसंगति को दूर करने के लिए चुनाव आयोग से आग्रह करेगा.
एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'पहले चरण के मतदान डेटा के प्रकाशन में 11 दिनों की देरी हुई. अंत में, यह तब हुआ जब शीर्ष अदालत ने मामले में हस्तक्षेप किया. इसके अलावा, मतदान के क्रमिक चरणों के बाद अपडेट किए गए आंकड़ों में वास्तविक संख्या में वृद्धि फिर से संदेह पैदा कर रही है.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, देश भर में मौजूदा स्थिति 2004 के राष्ट्रीय चुनावों के समान थी, जब एग्जिट पोल ने सत्तारूढ़ एनडीए की जीत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन अंततः यूपीए को अधिक सीटें मिलीं और गठबंधन सरकार बनाई.
'2004 के नतीजे 2024 में दोहराए जाने की संभावना' : एआईसीसी पदाधिकारी अजॉय कुमार ने ईटीवी भारत को बताया, '2004 के नतीजे 2024 में दोहराए जाने की संभावना है. 2004 के राष्ट्रीय चुनावों और बाद में 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों और 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल गलत साबित हुए. मतगणना के दिन से पहले हमारे कार्यकर्ताओं को उत्साह में रहना चाहिए.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, राज्य के प्रमुख नेताओं ने रविवार को आलाकमान को बताया कि एग्जिट पोल विपक्ष को हतोत्साहित करने के लिए भाजपा का राग अलाप रहे हैं और विश्वसनीय नहीं हैं. उन्होंने दावा किया कि उनके द्वारा एकत्र की गई रिपोर्टें एग्जिट पोल से अलग थीं और इंडिया ब्लॉक केंद्र में अगली सरकार बनाने की राह पर था.
जबकि पंजाब सीएलपी नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि एनडीए उत्तरी राज्य की कुल 13 सीटों में से कोई भी सीट नहीं जीत रही है, कांग्रेस 10 सीटें जीत रही है. राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने दावा किया कि पार्टी कुल 25 में से 12 से अधिक सीटें जीत रही है.
सभी को जीत का भरोसा : यूपी कांग्रेस के अजय राय ने दावा किया कि इंडिया ब्लॉक की जीत में राज्य में कांग्रेस-सपा गठबंधन का बड़ा योगदान रहेगा. कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख और उपमुख्यमंत्री डीके शिव कुमार ने दावा किया कि राज्य के लिए एग्जिट पोल के अनुमान आश्चर्यजनक हैं और कांग्रेस राज्य की कुल 28 सीटों में से 18 सीटें जीतेगी. महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने दावा किया कि कांग्रेस-शिवसेना यूबीटी-एनसीपी-एसपी गठबंधन पश्चिमी राज्य की कुल 48 सीटों में से 38-40 सीटें जीतेगा.