नयी दिल्ली: कांग्रेस ने शनिवार को घोषणा की कि वह पांच अप्रैल को अपना घोषणापत्र जारी करेगी. उसने 'अंतिम क्षण' में घोषणापत्र समिति गठित करने को लेकर भाजपा पर कटाक्ष किया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा चुनावों के लिए शनिवार को 27 सदस्यीय घोषणा पत्र समिति गठित की और पार्टी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को इसका अध्यक्ष, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को संयोजक तथा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को सह-संयोजक बनाया है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने 16 मार्च को अपना 'पांच न्याय, 25 गारंटी' जारी की और देश भर में आठ करोड़ गारंटी कार्ड वितरित करने के लिए पार्टी का 'घर घर गारंटी' अभियान तीन अप्रैल से शुरू होगा.
उन्होंने कहा कि पार्टी का घोषणापत्र पांच अप्रैल को जारी किया जाएगा. रमेश ने आरोप लगाया कि ऐन वक्त पर शुरू हुआ भाजपा का घोषणापत्र (अभियान) महज खानापूर्ति करने की कवायद है. यह दर्शाता है कि पार्टी जनता को किस अनादर भरी दृष्टि से देखती है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र राष्ट्रव्यापी विचार-विमर्श और ईमेल एवं हमारी 'आवाज भारत की' वेबसाइट के माध्यम से हजारों सुझाव प्राप्त करने के बाद तैयार किया गया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणा पत्र जनता की आवाज को दर्शाता है.
उनकी यह टिप्पणी भाजपा की ओर से अपनी घोषणापत्र समिति गठित करने के बाद आई है, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संयोजक और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सह-संयोजक हैं. कई अन्य केंद्रीय मंत्री, गुजरात, असम और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के मुख्यमंत्री और शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे जैसे अनुभवी लोग समिति के सदस्यों में से हैं.
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह 2019 चुनावों के लिए भी भाजपा की घोषणापत्र समिति के प्रमुख थे. मौजूदा पैनल में भी कई सदस्यों को दोबारा शामिल किया गया है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, अश्विनी वैष्णव, भूपेन्द्र यादव, किरण रिजिजू, अर्जुन मुंडा, अर्जुन राम मेघवाल, स्मृति ईरानी और राजीव चन्द्रशेखर इसके सदस्यों में शामिल हैं.