नई दिल्ली: कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में विकास को लेकर केंद्र की आलोचना की है. पार्टी का कहना है कि, जब पीडीपी-भाजपा सरकार सत्ता में थी, सीमावर्ती केंद्र शासित प्रदेश 2018 से केंद्र के शासन में है, लेकिन पूर्ववर्ती राज्य में अभी भी विकास की भारी कमी है. कांग्रेस ने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि,शांतिपूर्ण जम्मू के इलाकों में आतंकवाद फैल गया है.
कांग्रेस ने कहा कि, भाजपा लोगों को बांटकर सीमा क्षेत्र को नियंत्रित करना चाहती है. साथ ही यह भी दावा किया कि केवल इंडिया ब्लॉक ही मतदाताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने में सक्षम है. देश की सबसे पुरानी पार्टी ने 14 सितंबर को डोडा क्षेत्र का दौरा करने वाले पीएम मोदी की भी आलोचना की. कांग्रेस ने कहा कि, उन्होंने (पीएम मोदी) मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए आर्टिकल 370 की वापसी की धमकी दी. जिसने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया और 2019 में हटा दिया गया.
जम्मू-कश्मीर के एआईसीसी प्रभारी भरतसिंह सोलंकी ने दावा किया कि, भाजपा को केंद्र में सत्ता खोने का डर है क्योंकि भगवा पार्टी इस साल होने वाले केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में सभी चार विधानसभा चुनाव में हारने वाली है.
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी जदयू, एलजेपी और टीडीपी जैसे सहयोगियों के समर्थन पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि, भाजपा को चिंता है कि वह आने वाले चार विधानसभा चुनाव हारने जा रही है, जिसका केंद्र में एनडीए सरकार की स्थिरता पर असर पड़ेगा.
भरतसिंह सोलंकी ने कहा, "वे (बीजेपी) 2018 से जम्मू-कश्मीर पर नियंत्रण कर रहे हैं. जब पीडीपी-बीजेपी सरकार गिर गई और पूर्ववर्ती राज्य केंद्रीय शासन के अधीन आ गया, लेकिन उन्होंने वहां कोई विकास नहीं किया. उन्होंने (केंद्र) दावा किया था कि, 2019 में आर्टिकल 370 को हटाने के बाद सीमावर्ती क्षेत्र में आतंकवाद खत्म हो जाएगा, लेकिन यह खतरा अब शांतिपूर्ण क्षेत्र जम्मू तक पहुंच गया है."
भरतसिंह सोलंकी ने कहा कि, "उनके (बीजेपी) पास लोगों को बताने के लिए कुछ भी पॉजिटिव नहीं है. इसलिए, वे विभाजनकारी मुद्दा उठा रहे हैं कि अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर में वापस आ जाएगा. लेकिन विकास की कमी से पीड़ित लोग और 23 प्रतिशत की उच्च बेरोजगारी से युवा अब समझदार हो गए हैं. सोलंकी ने कहा, केवल इंडिया ब्लॉक ही लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि, आर्टिकल 370 पर कांग्रेस का रुख पहले दिन से ही स्पष्ट है.
एआईसीसी पदाधिकारी ने आगे कहा कि, स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहले कभी भी किसी राज्य को यूटी में परिवर्तित नहीं किया गया था जैसा कि जम्मू-कश्मीर में किया गया था. उन्होंने कहा कि, पूर्ण राज्य का दर्जा वापस करना स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ा मुद्दा है. “वे कहते रहे कि वे पूर्ण राज्य का दर्जा वापस करने के पक्ष में हैं, लेकिन कभी यह निर्णय नहीं लिया. वे पिछले पांच वर्षों में किसी न किसी बहाने से विधानसभा चुनाव टालते रहे.
सोलंकी ने आगे कहा कि, विधानसभा चुनाव अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत हो रहे हैं. 2018 से, जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपनी शिकायतें व्यक्त करने के किसी भी रास्ते से वंचित किया गया हैय सोलंकी ने कहा, "यह क्षेत्र भाजपा द्वारा नियंत्रित नौकरशाही की जागीर बन गया है. उन्होंने सवाल किया, "क्या प्रधानमंत्री सीधा जवाब दे सकते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा कब वापस मिलेगा."
पिछले महीनों में जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए, AICC पदाधिकारी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक है. सोलंकी ने कहा, "13 सितंबर को किश्तवाड़ में दो सैन्य कर्मियों के नुकसान की नैतिक जिम्मेदारी कौन लेगा. 2021 से पीर पंजाल के दक्षिण में 53 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं, ऐसे क्षेत्र में जहां 2007 और 2014 के बीच आतंकवाद की कोई बड़ी घटना नहीं हुई थी. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान से घुसपैठ बढ़ रही है और पूरे जम्मू-कश्मीर में असुरक्षा की भावना व्याप्त है."
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