ETV Bharat / bharat

कांवड़ यात्रा पर सियासत गर्म! दुकानों के नेम प्लेट पर BJP को कांग्रेस ने घेरा, सहयोगी दलों ने उठाए सवाल - Politics Over Kanwar yatra - POLITICS OVER KANWAR YATRA

POLITICS OVER KANWAR YATRA: कांवड़ यात्रा रूट की दुकानों पर नेमप्लेट को लेकर यूपी से लेकर उत्तराखंड तक सियासत गर्म है. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के उस आदेश पर भाजपा की आलोचना की, जिसमें धार्मिक कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाद्य स्टॉल मालिकों को अपना नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है. वहीं, जेडीयू और आरएलडी जैसे बीजेपी सहयोगियों ने भी इस कदम की आलोचना की है.

Etv Bharat
फोटो (ANI)
author img

By Amit Agnihotri

Published : Jul 19, 2024, 4:25 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के निर्देश दिए हैं. इस मुद्दे को लेकर सियासत भी गर्म है. कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जमकर आलोचना की है. बता दें कि, यूपी और उत्तराखंड ने यह निर्देश दिया है कि, कावड़ यात्रा मार्ग के फूड स्टॉल मालिकों को अपने-अपने दुकानों में नेम प्लेट लगाने होंगे. दोनों राज्यों की तरफ से दिए गए उक्त निर्देश के बाद कई पार्टियां इसे मुद्दा बनाकर बीजेपी की आलोचना कर रही है. दुकानों के नेम प्लेट पर भाजपा को अपनों ने भी घेरा है.

कांवड़ यात्रा रूट की दुकानों पर नेमप्लेट पर राजनीति
जहां प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस इस मामले को लेकर बीजेपी पर निशाना साध रही है. वहीं अब बीजेपी के सहयोगी दल भी इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. जेडीयू और आरएलडी जैसे बीजेपी सहयोगियों ने भी फूड स्टॉल मालिकों को अपना नाम प्रदर्शित करने के लिए कहने के कदम की आलोचना की है.

कांग्रेस ने विभाजनकारी कदम करार दिया
कांग्रेस ने इसे विभाजनकारी कदम बताया है. पार्टी का कहना है कि, इस तरह के निर्देश पहचान की राजनीति को बढ़ावा देता है, जिसका उद्देश्य लोगों का ध्रुवीकरण करना है. कांग्रेस ने कहा कि, इस तरह के कदम किसानों के बीच संकट जैसे ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है. कांग्रेस ने आगे भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि, उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में हार के बाद भगवा पार्टी ने कोई सबक नहीं सीखा है.

यूपी से उत्तराखंड तक सियासत गर्म
पश्चिमी यूपी के सहारनपुर से लोकसभा सांसद इमरान मसूद ने कहा कि राज्य में हालिया असफलताओं के बावजूद भाजपा अपनी संकीर्ण मानसिकता वाली राजनीति कर रही है. सांसद इमरान मसूद ने ईटीवी भारत को बताया कि, 'कांवड़ियों द्वारा पहनी जाने वाली पोशाकें सहारनपुर में मुस्लिम कारीगरों द्वारा बनाई जाती हैं, लेकिन यह कभी कोई मुद्दा नहीं रहा. जब भी कांवरिए किसी मुस्लिम गांव से गुजरते हैं तो उनका अच्छा स्वागत किया जाता है. उन्होंने तंज कसते हुए आगे कहा कि, भाजपा उन किसानों की दुर्दशा के बारे में कभी बात नहीं करती जो विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली पहुंचने की योजना बना रहे हैं या उन युवाओं की दुर्दशा के बारे में बात नहीं करते जिन्हें नौकरियों की जरूरत है.

इमरान मसूद ने बीेजेपी पर साधा निशाना
इमरान मसूद ने कहा कि, नीतिगत उपलब्धियों के मामले में इनके (बीजेपी) पास दिखाने के लिए और कुछ नहीं है. इसलिए, वह विभाजनकारी राजनीति खेलने के लिए मजबूर है लेकिन यह उनके लिए काम नहीं करेगा. उन्होंने कहा, 'मुस्लिम फूड स्टॉल मालिकों के नाम सामने लाने का आदेश एक मूर्खतापूर्ण कदम है और इससे उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा.'

'बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से सबक नहीं सीखा'
वहीं, एआईसीसी पदाधिकारी काजी निजामुद्दीन ने कहा कि भाजपा फिर से अपनी पुरानी चाल पर चल रही है. काजी ने ईटीवी भारत को बताया कि,भाजपा अपने मूल फॉर्मूले पर वापस आ गई है और उन्होंने लोकसभा नतीजों से कोई सबक नहीं सीखा है. उन्होंने आगे कहा कि, लोगों को विभाजित करने के उद्देश्य से बीजेपी अपने मूल फॉर्मूले पर वापस जा रही है. उन्होंने कहा कि, बीजेपी से इससे अधिक की उम्मीद नहीं कर सकते, लेकिन लोग अब समझदार हो गए हैं.

काजी, जो उत्तराखंड के मंगलौर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी हैं, ने कहा कि बड़ी संख्या में बांस के ढांचे जिनमें कांवरिए पवित्र जल के बर्तन ले जाते हैं, क्षेत्र के मुस्लिम कारीगरों द्वारा बनाए जाते हैं. काजी ने कहा, 'मुझे यकीन है कि नौकरशाही को इस तरह का आदेश देने से पहले कुछ कानूनी दृष्टिकोण से निर्देशित किया गया होगा.'

क्या बोलीं सुप्रिया श्रीनेत?
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के मुताबिक, जनता ने नकारात्मक राजनीति को खारिज कर दिया है लेकिन बीजेपी ने अब भी सबक नहीं सीखा है. जनता ने उनकी (बीजेपी) लोकसभा सीटों में 63 सीटें कम कर दी हैं. उन्होंने कहा कि, यहां तक​ कि आरएलडी और जेडीयू जैसे उनके सहयोगी भी अब ऐसे आदेशों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

सुप्रिया ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि, 'वे क्या कर रहे हैं, कैसा समाज बन रहा है? यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि लोग नौकरियों और कीमतों तथा शिक्षा बजट में कटौती के बारे में न पूछें जो घरों को प्रभावित कर रही है... वे केवल विभाजनकारी राजनीति करना चाहते हैं'. सुप्रिया ने आगे बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि, ' ये वही लोग हैं जिन्होंने हिंदुओं को भी नहीं बख्शा और कहा कि अयोध्या लोकसभा चुनाव हारने के बाद समुदाय का बहिष्कार किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: कांवड़ यात्रा के मद्देनजर गाजियाबाद में 26 जुलाई से ट्रैफिक डायवर्ट, जानिए किन रास्तों पर ऑटो और हल्के वाहनों की एंट्री बंद?

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के निर्देश दिए हैं. इस मुद्दे को लेकर सियासत भी गर्म है. कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जमकर आलोचना की है. बता दें कि, यूपी और उत्तराखंड ने यह निर्देश दिया है कि, कावड़ यात्रा मार्ग के फूड स्टॉल मालिकों को अपने-अपने दुकानों में नेम प्लेट लगाने होंगे. दोनों राज्यों की तरफ से दिए गए उक्त निर्देश के बाद कई पार्टियां इसे मुद्दा बनाकर बीजेपी की आलोचना कर रही है. दुकानों के नेम प्लेट पर भाजपा को अपनों ने भी घेरा है.

कांवड़ यात्रा रूट की दुकानों पर नेमप्लेट पर राजनीति
जहां प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस इस मामले को लेकर बीजेपी पर निशाना साध रही है. वहीं अब बीजेपी के सहयोगी दल भी इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. जेडीयू और आरएलडी जैसे बीजेपी सहयोगियों ने भी फूड स्टॉल मालिकों को अपना नाम प्रदर्शित करने के लिए कहने के कदम की आलोचना की है.

कांग्रेस ने विभाजनकारी कदम करार दिया
कांग्रेस ने इसे विभाजनकारी कदम बताया है. पार्टी का कहना है कि, इस तरह के निर्देश पहचान की राजनीति को बढ़ावा देता है, जिसका उद्देश्य लोगों का ध्रुवीकरण करना है. कांग्रेस ने कहा कि, इस तरह के कदम किसानों के बीच संकट जैसे ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है. कांग्रेस ने आगे भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि, उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में हार के बाद भगवा पार्टी ने कोई सबक नहीं सीखा है.

यूपी से उत्तराखंड तक सियासत गर्म
पश्चिमी यूपी के सहारनपुर से लोकसभा सांसद इमरान मसूद ने कहा कि राज्य में हालिया असफलताओं के बावजूद भाजपा अपनी संकीर्ण मानसिकता वाली राजनीति कर रही है. सांसद इमरान मसूद ने ईटीवी भारत को बताया कि, 'कांवड़ियों द्वारा पहनी जाने वाली पोशाकें सहारनपुर में मुस्लिम कारीगरों द्वारा बनाई जाती हैं, लेकिन यह कभी कोई मुद्दा नहीं रहा. जब भी कांवरिए किसी मुस्लिम गांव से गुजरते हैं तो उनका अच्छा स्वागत किया जाता है. उन्होंने तंज कसते हुए आगे कहा कि, भाजपा उन किसानों की दुर्दशा के बारे में कभी बात नहीं करती जो विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली पहुंचने की योजना बना रहे हैं या उन युवाओं की दुर्दशा के बारे में बात नहीं करते जिन्हें नौकरियों की जरूरत है.

इमरान मसूद ने बीेजेपी पर साधा निशाना
इमरान मसूद ने कहा कि, नीतिगत उपलब्धियों के मामले में इनके (बीजेपी) पास दिखाने के लिए और कुछ नहीं है. इसलिए, वह विभाजनकारी राजनीति खेलने के लिए मजबूर है लेकिन यह उनके लिए काम नहीं करेगा. उन्होंने कहा, 'मुस्लिम फूड स्टॉल मालिकों के नाम सामने लाने का आदेश एक मूर्खतापूर्ण कदम है और इससे उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा.'

'बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से सबक नहीं सीखा'
वहीं, एआईसीसी पदाधिकारी काजी निजामुद्दीन ने कहा कि भाजपा फिर से अपनी पुरानी चाल पर चल रही है. काजी ने ईटीवी भारत को बताया कि,भाजपा अपने मूल फॉर्मूले पर वापस आ गई है और उन्होंने लोकसभा नतीजों से कोई सबक नहीं सीखा है. उन्होंने आगे कहा कि, लोगों को विभाजित करने के उद्देश्य से बीजेपी अपने मूल फॉर्मूले पर वापस जा रही है. उन्होंने कहा कि, बीजेपी से इससे अधिक की उम्मीद नहीं कर सकते, लेकिन लोग अब समझदार हो गए हैं.

काजी, जो उत्तराखंड के मंगलौर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी हैं, ने कहा कि बड़ी संख्या में बांस के ढांचे जिनमें कांवरिए पवित्र जल के बर्तन ले जाते हैं, क्षेत्र के मुस्लिम कारीगरों द्वारा बनाए जाते हैं. काजी ने कहा, 'मुझे यकीन है कि नौकरशाही को इस तरह का आदेश देने से पहले कुछ कानूनी दृष्टिकोण से निर्देशित किया गया होगा.'

क्या बोलीं सुप्रिया श्रीनेत?
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के मुताबिक, जनता ने नकारात्मक राजनीति को खारिज कर दिया है लेकिन बीजेपी ने अब भी सबक नहीं सीखा है. जनता ने उनकी (बीजेपी) लोकसभा सीटों में 63 सीटें कम कर दी हैं. उन्होंने कहा कि, यहां तक​ कि आरएलडी और जेडीयू जैसे उनके सहयोगी भी अब ऐसे आदेशों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

सुप्रिया ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि, 'वे क्या कर रहे हैं, कैसा समाज बन रहा है? यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि लोग नौकरियों और कीमतों तथा शिक्षा बजट में कटौती के बारे में न पूछें जो घरों को प्रभावित कर रही है... वे केवल विभाजनकारी राजनीति करना चाहते हैं'. सुप्रिया ने आगे बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि, ' ये वही लोग हैं जिन्होंने हिंदुओं को भी नहीं बख्शा और कहा कि अयोध्या लोकसभा चुनाव हारने के बाद समुदाय का बहिष्कार किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: कांवड़ यात्रा के मद्देनजर गाजियाबाद में 26 जुलाई से ट्रैफिक डायवर्ट, जानिए किन रास्तों पर ऑटो और हल्के वाहनों की एंट्री बंद?

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.