कोच्चि: कांग्रेस नेता पद्मजा वेणुगोपाल जल्द ही बीजेपी में शामिल होंगी. पद्मजा वेणुगोपाल केरल में कांग्रेस के कभी न मिटने वाले चेहरों में से एक नेता के करुणाकरण की बेटी और वडकारा से सांसद के मुरलीधरन की बहन हैं. दिल्ली में मौजूद पद्मजा वेणुगोपाल आज बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगी.
पद्मजा ने शुरू में जवाब दिया था कि ऐसा कोई कदम नहीं है लेकिन सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि पद्मजा की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई है. वह बृहस्पतिवार को बीजेपी मुख्यालय में औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगी. ऐसे संकेत भी सामने आ रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में पद्मजा को केरल में बीजेपी से टिकट दिया जाएगा.
इससे पहले वह केटीडीसी (KTDC) की चेयरपर्सन थीं. वह वर्तमान में केपीसीसी के महासचिवों में से एक हैं. यह संकेत दिया गया है कि पद्मजा के पार्टी छोड़ने के कदम के पीछे कांग्रेस के राज्य और राष्ट्रीय नेतृत्व की लगातार उपेक्षा है. पार्टी छोड़ने की यही वजह है. उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि पद्मजा उम्मीद कर रही थीं कि उन्हें केरल से राज्यसभा सीट आवंटित की जाएगी लेकिन जब कांग्रेस नेतृत्व ने लीग के साथ समझौते के तहत अगली खाली राज्यसभा सीट आईयूएमएल को देने की पेशकश की तो पद्मजा को ठगा हुआ महसूस हुआ.
ऐसी अफवाहें उड़ रही थीं कि पद्मजा बीजेपी में शामिल होंगी लेकिन सभी ने सोचा कि यह लोकसभा चुनाव के बाद होगा. पद्मजा ने खुलासा किया था कि कांग्रेस के साथ उनके तीखे मतभेद हैं. पद्मजा ने 2000 में मुकुंदपुरम से लोकसभा चुनाव और 2021 में कांग्रेस के टिकट पर त्रिशूर से विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन दोनों बार असफल रही.
कांग्रेस के दिग्गजों के बेटे बीजेपी में शामिल हो गए: पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य और पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी केरल से भाजपा में आने वाले पहले बेटों में से एक हैं. एक साल पहले बीजेपी में शामिल हुए अनिल एंटनी को बीजेपी ने काफी तवज्जो दी. अनिल एंटनी को भाजपा ने राष्ट्रीय सचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद दिया है. उन्हें केरल में बहुप्रतीक्षित पथानामथिट्टा निर्वाचन क्षेत्र से भी उम्मीदवार बनाया गया है.
हाल ही में केरल कांग्रेस के पूर्व नेता पीसी जॉर्ज और उनके बेटे शॉन जॉर्ज बीजेपी में शामिल हुए लेकिन पद्मजा वेणुगोपाल की बीजेपी में एंट्री सभी को चौंका रही है. हालांकि ऐसा कहा जाता है कि पद्मजा ने कांग्रेस में लगातार मिल रही उपेक्षा के कारण पार्टी छोड़ी है, लेकिन के करुणाकरण की बेटी कांग्रेस का खेमा छोड़ देंगी, ये सोचना कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए मुश्किल होगा.
केरल में बीजेपी के लिए यह बड़ी उपलब्धि है कि वह राज्य के राजनीतिक इतिहास के उन दो दिग्गजों के बेटों को अपने पाले में करने में सफल रही है, जो कभी केरल की राजनीति में राज करते थे. पद्मजा को बीजेपी में लोकसभा सीट समेत तवज्जो और सम्मान भी मिल सकता है. ऐसी खबरें हैं कि पद्मजा वेणुगोपाल के नाम पर एर्नाकुलम या चलाकुडी सीटों पर विचार किया जा सकता है.
कांग्रेस में कई लोग सोचते हैं कि पद्मजा के बीजेपी में शामिल होने के फैसले से उनके भाई और वडकारा कांग्रेस उम्मीदवार के. मुरलीधरन की संभावनाएं खराब हो जाएंगी. सोशल मीडिया पर पद्मजा के रुख की आलोचना हो रही है, जो वरिष्ठ नेताओं के बच्चों के रूप में पार्टी द्वारा दिए गए सभी विशेषाधिकारों और सम्मानों का आनंद लेने के बाद दूसरी तरफ कूद गईं.