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कांग्रेस बोली चंदादाताओं का कर्ज माफ,लेकिन अन्नदाताओं का नहीं, धोखेबाज है मोदी सरकार, कन्हैया ने मोदी को कहा लॉर्ड दुर्जन

PM Modi Lord Durjan छत्तीसगढ़ में राहुल गांधी भारत छोड़ो न्याय यात्रा कर रहे हैं.इसी कड़ी में कांग्रेस लगातार केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अपनाए हुए है. कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और जयराम रमेश ने अलग-अलग मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा.Jairam Ramesh Targets central govt

Jairam Ramesh Targets central govt
पीएम मोदी पर कांग्रेस का हमला
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 13, 2024, 4:29 PM IST

Updated : Feb 13, 2024, 9:52 PM IST

पीएम मोदी पर कांग्रेस का हमला

अंबिकापुर : सरगुजा में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा से जुड़े प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी को आड़े हाथों लिया.इस दौरान जयराम रमेश ने जहां मोदी सरकार को किसान विरोधी बताया.वहीं दूसरी तरफ कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना लॉर्ड कर्जन से कर दी.

लॉर्ड कर्जन ने भारत को विभाजित किया : कन्हैया कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजादी के पहले के लॉर्ड कर्जन की भूमिका निभा रहे हैं. लार्ड कर्जन ने 1905 में भारत का बंटवारा किया था. लॉर्ड कर्जन कांग्रेस को मरता हुआ देखना चाहता था. ठीक वैसी ही सोच दिल्ली में बैठे लॉर्ड दुर्जन की है. जो भारत को कांग्रेस मुक्त कराना चाहते हैं.लेकिन ऐसा नहीं होगा.

''जब देश गुलाम था तो मोदी जी से पहले लॉर्ड कर्जन बोला करता था कि इस कांग्रेस को मैं घिसटकर मरते हुए देखना चाहता हूं, आज एक लॉर्ड दुर्जन हैं ये भी कांग्रेस को मरते हुये देखना चाहते हैं. ना कर्जन का सपना पूरा हुआ था ना दुर्जन का सपना पूरा होगा. 5 राज्य के चुनाव में जहां कांग्रेस हार गई, इनके कुल वोट देखेंगे तो 9 हजार वोट कांग्रेस को अधिक मिले हैं.''- कन्हैया कुमार, कांग्रेस नेता

कन्हैया कुमार ने पीएम मोदी पर बोला हमला : इससे पहले भी कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था.सोशल मीडिया पर 8 फरवरी के दिन कन्हैया कुमार ने पीएम मोदी की जाति को लेकर सवाल उठाए थे. कन्हैया ने कहा कि देखिए मैं ये नही मानता हूं कि हिंदी पट्टी में कांग्रेस मजबूत नही है. पता है क्यों ये मेरे को परसप्शन मैनेजमेंट का गेम लगता है, क्योंकि अगर इंडिया गठबंधन इतनी कमजोर थी तो क्यों इंडिया के जो अलायंस पार्टनर थे. उनको हर हाल में भाजपा अपने साथ लाना चाहती है. मैं आपको बस एक चीज याद दिलाना चाहता हूं कि जब इंडिया गठबंधन की पहली मीटिंग हुई तो बीजेपी के तरफ से नारा आया की एक अकेला.फिर आनन फानन में जो एनडीए कहीं खो गया था. मोदी जी के उस प्रचार के बीच में गुम हो गया था.फिर से एनडीए की आनन फानन में बैठक बुलाई गई 28 पार्टी से ज्यादा पार्टियों की बैठक बुलाई गई. एनडीए के बैठक में उससे भी मन नहीं भरा. इंडी एलायंस बोलते रहे, प्रयास करते रहे बाकी पार्टियों को अपने साथ लाने के लिये. अगर ये इतने ही मजबूत हैं तो इनको ये सब करने की क्या जरूरत है. इसका मतलब है की ये मजबूत नही हैं. बड़ी है चालाकी से ये परसेप्शन देश में बनाया गया है कि कांग्रेस कमजोर हो गई है.

''नरेंद्र मोदी जी जन्मे जनरल थे, जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो ओबीसी हो गए. मुख्यमंत्री रहते हुए कांग्रेस की जिन योजनाओं और नीतियों का विरोध किया करते थे. प्रधानमंत्री बनते ही उसकी सफलता का श्रेय लेने लगे. दरअसल मोदी जी जात बदलने और बात बदलने में माहिर हैं.''- कन्हैया कुमार,कांग्रेस नेता

मोदी सरकार किसान विरोधी : वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी केंद्र पर हमला बोला. जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र ने किसानों के हितों के लिए आवाज उठाने वाले चौधरी चरण सिंह और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया है, लेकिन मोदी सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है.जयराम रमेश के मुताबिक किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं.लेकिन किसानों को रोकने के लिए सरकार ने दिल्ली को किले में तब्दील कर दिया है. किसानों को अधिकारियों ने शहर में प्रवेश करने से रोक दिया है.

किसानों की मांगें नहीं मान रही केंद्र सरकार : किसान नेताओं और किसान नेताओं के बीच बातचीत के बाद मंगलवार को किसानों ने 'दिल्ली चलो' मार्च का अह्वान किया. लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए सीमा पर मल्टी-लेयर बैरिकेड्स, कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कील और कंटेनरों की दीवारों के साथ दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. रमेश ने कहा कि किसान तीन-चार मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिन्हें मोदी सरकार ने तीन 'काले' कृषि कानूनों को वापस लेते समय पूरा करने का वादा किया था.

''किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. स्वामीनाथन के फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी फसलों की उत्पादन लागत का डेढ़ गुना तय किया जाना चाहिए. किसानों की तीसरी मांग है कर्ज माफी. मोदी सरकार ने चंदा दाताओं के 14 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिए, लेकिन अन्नदाता के 1 लाख करोड़ रुपए माफ नहीं किए.''- जयराम रमेश, कांग्रेस नेता

केंद्र पूरा नहीं कर रही वादा : जयराम रमेश के मुताबिक केंद्र अपना आश्वासन पूरा नहीं कर रही है, जो उसकी मंशा को दर्शाता है.आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए गठित विपक्षी भारत गठबंधन से कुछ दलों के बाहर निकलने के बारे में पूछे जाने पर जयराम रमेश ने कहा 28 दल थे और उनमें से केवल दो ही बचे हैं. दोनों में से एक पलटी कुमार है,जो उनके खून में हैं, इसलिए बार-बार पलटी मारते हैं. आपको बता दें कि कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया है.कांग्रेस की माने तो वो किसानों के साथ हर लड़ाई में खड़ी है.

पीएम मोदी पर कांग्रेस का हमला

अंबिकापुर : सरगुजा में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा से जुड़े प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी को आड़े हाथों लिया.इस दौरान जयराम रमेश ने जहां मोदी सरकार को किसान विरोधी बताया.वहीं दूसरी तरफ कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना लॉर्ड कर्जन से कर दी.

लॉर्ड कर्जन ने भारत को विभाजित किया : कन्हैया कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजादी के पहले के लॉर्ड कर्जन की भूमिका निभा रहे हैं. लार्ड कर्जन ने 1905 में भारत का बंटवारा किया था. लॉर्ड कर्जन कांग्रेस को मरता हुआ देखना चाहता था. ठीक वैसी ही सोच दिल्ली में बैठे लॉर्ड दुर्जन की है. जो भारत को कांग्रेस मुक्त कराना चाहते हैं.लेकिन ऐसा नहीं होगा.

''जब देश गुलाम था तो मोदी जी से पहले लॉर्ड कर्जन बोला करता था कि इस कांग्रेस को मैं घिसटकर मरते हुए देखना चाहता हूं, आज एक लॉर्ड दुर्जन हैं ये भी कांग्रेस को मरते हुये देखना चाहते हैं. ना कर्जन का सपना पूरा हुआ था ना दुर्जन का सपना पूरा होगा. 5 राज्य के चुनाव में जहां कांग्रेस हार गई, इनके कुल वोट देखेंगे तो 9 हजार वोट कांग्रेस को अधिक मिले हैं.''- कन्हैया कुमार, कांग्रेस नेता

कन्हैया कुमार ने पीएम मोदी पर बोला हमला : इससे पहले भी कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था.सोशल मीडिया पर 8 फरवरी के दिन कन्हैया कुमार ने पीएम मोदी की जाति को लेकर सवाल उठाए थे. कन्हैया ने कहा कि देखिए मैं ये नही मानता हूं कि हिंदी पट्टी में कांग्रेस मजबूत नही है. पता है क्यों ये मेरे को परसप्शन मैनेजमेंट का गेम लगता है, क्योंकि अगर इंडिया गठबंधन इतनी कमजोर थी तो क्यों इंडिया के जो अलायंस पार्टनर थे. उनको हर हाल में भाजपा अपने साथ लाना चाहती है. मैं आपको बस एक चीज याद दिलाना चाहता हूं कि जब इंडिया गठबंधन की पहली मीटिंग हुई तो बीजेपी के तरफ से नारा आया की एक अकेला.फिर आनन फानन में जो एनडीए कहीं खो गया था. मोदी जी के उस प्रचार के बीच में गुम हो गया था.फिर से एनडीए की आनन फानन में बैठक बुलाई गई 28 पार्टी से ज्यादा पार्टियों की बैठक बुलाई गई. एनडीए के बैठक में उससे भी मन नहीं भरा. इंडी एलायंस बोलते रहे, प्रयास करते रहे बाकी पार्टियों को अपने साथ लाने के लिये. अगर ये इतने ही मजबूत हैं तो इनको ये सब करने की क्या जरूरत है. इसका मतलब है की ये मजबूत नही हैं. बड़ी है चालाकी से ये परसेप्शन देश में बनाया गया है कि कांग्रेस कमजोर हो गई है.

''नरेंद्र मोदी जी जन्मे जनरल थे, जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो ओबीसी हो गए. मुख्यमंत्री रहते हुए कांग्रेस की जिन योजनाओं और नीतियों का विरोध किया करते थे. प्रधानमंत्री बनते ही उसकी सफलता का श्रेय लेने लगे. दरअसल मोदी जी जात बदलने और बात बदलने में माहिर हैं.''- कन्हैया कुमार,कांग्रेस नेता

मोदी सरकार किसान विरोधी : वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी केंद्र पर हमला बोला. जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र ने किसानों के हितों के लिए आवाज उठाने वाले चौधरी चरण सिंह और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया है, लेकिन मोदी सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है.जयराम रमेश के मुताबिक किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं.लेकिन किसानों को रोकने के लिए सरकार ने दिल्ली को किले में तब्दील कर दिया है. किसानों को अधिकारियों ने शहर में प्रवेश करने से रोक दिया है.

किसानों की मांगें नहीं मान रही केंद्र सरकार : किसान नेताओं और किसान नेताओं के बीच बातचीत के बाद मंगलवार को किसानों ने 'दिल्ली चलो' मार्च का अह्वान किया. लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए सीमा पर मल्टी-लेयर बैरिकेड्स, कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कील और कंटेनरों की दीवारों के साथ दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. रमेश ने कहा कि किसान तीन-चार मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिन्हें मोदी सरकार ने तीन 'काले' कृषि कानूनों को वापस लेते समय पूरा करने का वादा किया था.

''किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. स्वामीनाथन के फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी फसलों की उत्पादन लागत का डेढ़ गुना तय किया जाना चाहिए. किसानों की तीसरी मांग है कर्ज माफी. मोदी सरकार ने चंदा दाताओं के 14 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिए, लेकिन अन्नदाता के 1 लाख करोड़ रुपए माफ नहीं किए.''- जयराम रमेश, कांग्रेस नेता

केंद्र पूरा नहीं कर रही वादा : जयराम रमेश के मुताबिक केंद्र अपना आश्वासन पूरा नहीं कर रही है, जो उसकी मंशा को दर्शाता है.आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए गठित विपक्षी भारत गठबंधन से कुछ दलों के बाहर निकलने के बारे में पूछे जाने पर जयराम रमेश ने कहा 28 दल थे और उनमें से केवल दो ही बचे हैं. दोनों में से एक पलटी कुमार है,जो उनके खून में हैं, इसलिए बार-बार पलटी मारते हैं. आपको बता दें कि कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया है.कांग्रेस की माने तो वो किसानों के साथ हर लड़ाई में खड़ी है.

Last Updated : Feb 13, 2024, 9:52 PM IST
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