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कांग्रेस-जेएमएम का दावा, झारखंड में गठबंधन बरकरार, विधायकों को सुरक्षित करने का प्लान तैयार

Congress-JMM : जेएमएम और कांग्रेस का झारखंड में गठबंधन बरकरार है. विधायकों की खरीद का कोई खतरा नहीं है. वहीं विधायकों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का पार्टी ने प्लान तैयार किया हुआ है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

Congress-JMM
कांग्रेस जेएमएम
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 1, 2024, 4:12 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को दावा किया कि झारखंड में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के विधायकों को खरीद-फरोख्त का कोई खतरा नहीं है. जरूरत पड़ने पर विधायकों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की योजना तैयार है. इस संबंध में एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि गठबंधन के पास संख्या है. राज्यपाल को समर्थन पत्र दे दिया गया है लेकिन अभी तक राजभवन की ओर से नामित मुख्यमंत्री को शपथ लेने का निमंत्रण नहीं मिला है. ये देरी क्यों. विधायक सुरक्षित हैं लेकिन हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, गठबंधन के कुछ विधायकों को तेलंगाना के हैदराबाद या कर्नाटक के बेंगलुरु ले जाया जा सकता है, जहां सबसे पुरानी पार्टी सत्ता में है. वहीं उनमें से कुछ को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का स्वागत करने के लिए राज्य में छोड़ा जा सकता है. बता दें कि 2 फरवरी को राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा राज्य में प्रवेश करेगी. इसी कड़ी में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर ने बताया कि गठबंधन मजबूत और एकजुट है. बुधवार शाम हमने राज्यपाल को 43 विधायकों के समर्थन का पत्र दिया था. कुछ विधायक राजभवन नहीं पहुंच सके, लेकिन गुरुवार को विधायकों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है लेकिन अभी भी राज्यपाल ने मनोनीत मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को शपथ लेने के लिए आमंत्रित नहीं किया है. इस देरी को समझाया नहीं जा सकता क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य के राज्यपाल ने इस्तीफा देने के कुछ घंटों के भीतर शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था.

उन्होंने कहा, 'हमारे विधायकों की खरीद-फरोख्त का कोई डर नहीं है. हमारे पास संख्या है और हम एक साथ हैं. हम सभी रांची में हैं.' हालांकि, झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने कहा कि गठबंधन के पास विधायकों को सुरक्षित करने के लिए प्लान बी है, लेकिन उन्होंने इस बारे में बात करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं और जरूरत पड़ने पर विधायकों को सुरक्षित करने के लिए हमारी योजनाएं तैयार हैं. लेकिन हम अपनी रणनीति साझा नहीं कर सकते. वहीं खरसावां से झामुमो विधायक दशरथ गागराई ने महतो के विचारों को साझा किया और आरोप लगाया कि भाजपा गठबंधन के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा कि हमारे पास संख्याएं हैं. गठबंधन सुरक्षित है लेकिन मेरी जानकारी में आया है कि हमारे कुछ विधायकों को सरकार बनाने में भाजपा का समर्थन करने के लिए 25-25 करोड़ रुपये की पेशकश की जा रही है. इसी वजह से चंपई सोरेन को शपथ लेने के लिए आमंत्रित करने में देरी हो रही है. लेकिन हमें विश्वास है कि हमारे विधायक किसी दबाव में नहीं आएंगे. झामुमो विधायक के अनुसार, राज्य में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को बाधित करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को निशाना बनाया गया है.

गागराई ने कहा कि अगर हमारे नेता कथित भ्रष्टाचार के लिए जांच का सामना कर रहे हैं तो भाजपा नेताओं के खिलाफ भी आरोपों की जांच क्यों नहीं की जाती. वे जानते थे कि गठबंधन लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगा और इसलिए उन्होंने गठबंधन तोड़ दिया. जलेश्वर महतो के मुताबिक दो फरवरी को कांग्रेस राहुल गांधी की यात्रा का भव्य स्वागत करेगी. उन्होंने कहा कि सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं. यात्रा का स्वागत झारखंड में अब तक का सबसे बड़ा स्वागत होगा. इस उद्देश्य के लिए सभी विधायकों की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमारे पास आयोजन की देखभाल के लिए एक बड़ा पार्टी संगठन है. गागराई ने कहा कि वर्तमान स्थिति के कारण हम कल यात्रा का स्वागत नहीं कर पाएंगे लेकिन हम इसका पूरा समर्थन कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें - झारखंड में सियासी हलचलः हैदराबाद भेजे जा रहे हैं सत्ताधारी दल के विधायक, सूत्रों से मिली खबर

नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को दावा किया कि झारखंड में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के विधायकों को खरीद-फरोख्त का कोई खतरा नहीं है. जरूरत पड़ने पर विधायकों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की योजना तैयार है. इस संबंध में एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि गठबंधन के पास संख्या है. राज्यपाल को समर्थन पत्र दे दिया गया है लेकिन अभी तक राजभवन की ओर से नामित मुख्यमंत्री को शपथ लेने का निमंत्रण नहीं मिला है. ये देरी क्यों. विधायक सुरक्षित हैं लेकिन हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, गठबंधन के कुछ विधायकों को तेलंगाना के हैदराबाद या कर्नाटक के बेंगलुरु ले जाया जा सकता है, जहां सबसे पुरानी पार्टी सत्ता में है. वहीं उनमें से कुछ को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का स्वागत करने के लिए राज्य में छोड़ा जा सकता है. बता दें कि 2 फरवरी को राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा राज्य में प्रवेश करेगी. इसी कड़ी में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर ने बताया कि गठबंधन मजबूत और एकजुट है. बुधवार शाम हमने राज्यपाल को 43 विधायकों के समर्थन का पत्र दिया था. कुछ विधायक राजभवन नहीं पहुंच सके, लेकिन गुरुवार को विधायकों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है लेकिन अभी भी राज्यपाल ने मनोनीत मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को शपथ लेने के लिए आमंत्रित नहीं किया है. इस देरी को समझाया नहीं जा सकता क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य के राज्यपाल ने इस्तीफा देने के कुछ घंटों के भीतर शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था.

उन्होंने कहा, 'हमारे विधायकों की खरीद-फरोख्त का कोई डर नहीं है. हमारे पास संख्या है और हम एक साथ हैं. हम सभी रांची में हैं.' हालांकि, झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने कहा कि गठबंधन के पास विधायकों को सुरक्षित करने के लिए प्लान बी है, लेकिन उन्होंने इस बारे में बात करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं और जरूरत पड़ने पर विधायकों को सुरक्षित करने के लिए हमारी योजनाएं तैयार हैं. लेकिन हम अपनी रणनीति साझा नहीं कर सकते. वहीं खरसावां से झामुमो विधायक दशरथ गागराई ने महतो के विचारों को साझा किया और आरोप लगाया कि भाजपा गठबंधन के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा कि हमारे पास संख्याएं हैं. गठबंधन सुरक्षित है लेकिन मेरी जानकारी में आया है कि हमारे कुछ विधायकों को सरकार बनाने में भाजपा का समर्थन करने के लिए 25-25 करोड़ रुपये की पेशकश की जा रही है. इसी वजह से चंपई सोरेन को शपथ लेने के लिए आमंत्रित करने में देरी हो रही है. लेकिन हमें विश्वास है कि हमारे विधायक किसी दबाव में नहीं आएंगे. झामुमो विधायक के अनुसार, राज्य में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को बाधित करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को निशाना बनाया गया है.

गागराई ने कहा कि अगर हमारे नेता कथित भ्रष्टाचार के लिए जांच का सामना कर रहे हैं तो भाजपा नेताओं के खिलाफ भी आरोपों की जांच क्यों नहीं की जाती. वे जानते थे कि गठबंधन लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगा और इसलिए उन्होंने गठबंधन तोड़ दिया. जलेश्वर महतो के मुताबिक दो फरवरी को कांग्रेस राहुल गांधी की यात्रा का भव्य स्वागत करेगी. उन्होंने कहा कि सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं. यात्रा का स्वागत झारखंड में अब तक का सबसे बड़ा स्वागत होगा. इस उद्देश्य के लिए सभी विधायकों की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमारे पास आयोजन की देखभाल के लिए एक बड़ा पार्टी संगठन है. गागराई ने कहा कि वर्तमान स्थिति के कारण हम कल यात्रा का स्वागत नहीं कर पाएंगे लेकिन हम इसका पूरा समर्थन कर रहे हैं.

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