नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को मिल रहे समर्थन से कांग्रेस गदगद है. पार्टी हर हाल में इस 'ऊर्जा' को वोटों में तब्दील करना चाहती है. उसे उम्मीद है कि सपा के साथ गठबंधन होने से इसे नई गति मिलेगी और कांग्रेस को बड़ा फायदा होगा.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 16 फरवरी से 25 फरवरी तक यूपी में रही. इस दौरान उनकी यात्रा 18 संसदीय क्षेत्रों से होकर गुजरी. इसमें वाराणसी, प्रयागराज, अमेठी, राय बरेली, आगरा और आलीगढ़ शामिल है.
मुरादाबाद में प्रियंका गांधी भी राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुईं. उसके बाद राहुल और प्रियंका साथ-साथ अमरोहा, हाथरस, आगरा और अलीगढ़ तक गए. आगरा में उनके साथ सपा प्रमुख अखिलेश य़ादव भी रैली में शामिल हुए. तीनों ने एक साथ रोड शो किए.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर सपा और कांग्रेस मिलकर प्रचार करेंगी. उनके अनुसार उनका मुख्य जोर सामाजिक न्याय और युवाओं के कल्याण से जुड़े मुद्दे रहेंगे. गठबंधन के प्रबंधकों को दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बिठाने की जिम्मेदारी दी गई है.
यूपी के कांग्रेस पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया, 'पार्टी की इस यात्रा को यूपी के अलग-अलग क्षेत्रों में भारी समर्थन मिला है. इसने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है. पार्टी का संगठन पुनर्जीवित हो चुका है. प्रियंका वाड्रा और फिर अखिलेश यादव की भागीदारी ने इंडिया ब्लॉक को मजबूती प्रदान किया है.'
सीट समझौते के अनुसार यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 17 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. बाकी की 63 सीटों पर सपा चुनाव लड़ेगी. सपा और कांग्रेस के बीच सात सालों के बाद कोई गठबंधन हुआ है. पर, पार्टी नेताओं को इस बात की चिंता अवश्य है कि ग्राउंड पर कार्यकर्ताओं के बीच किस तरह से तालमेल बिठाया जाए.
वैसे, अविनाश पांडे ने कहा कि मुझे लग रहा है कि दोनों पार्टियां लगभग एक ही तरह के मुद्दों को लंबे समय से उठाती रहीं हैं. लिहाजा, कार्यकर्ताओं के आपसी सहयोग में कोई दिक्कत नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि फिर भी हमलोग यह सुनिश्चित करेंगे कि गठबंधन को लेकर सहयोग बढ़े.
कांग्रेस के रणनीतिकारों ने कहा कि राहुल की न्याय यात्रा पिछड़ों, युवाओं, किसानों, छोटे व्यापारियों, महिलाओं और कमजोर तबकों पर फोकस कर रही है, और अखिलेश भी उनसे जुड़े विषयों को उठाते रहे हैं, जैसे पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के हितों की बात करते रहे हैं.
अविनाश पांडे ने कहा, 'सामाजिक न्याय एक ऐसा मुद्दा है, जो वोटरों को सीधे अपील करता है. हाल ही में हमने देखा कि जब राहुल गांधी ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक की बात की, तो प्रभावित युवाओं ने राहुल से सहमति जताई. यही वजह रही कि राज्य सरकार को परीक्षा रद्द करनी पड़ी. क्योंकि चुनाव नजदीक आ रहा है, इसलिए सरकार सचेत हो गई. यह राहुल का ही असर था.'
उन्होंने आगे कहा कि यात्रा के दौरान जो मैंने महसूस किया और स्थानीय लोगों से जो बातचीत हुई, उनमें बदलाव को महसूस किया जा सकता है, वह भी पूरे यूपी में.
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