नई दिल्ली: पिछले हफ्तों में कई दौर की बातचीत के बाद कांग्रेस और द्रमुक ने प्रतिद्वंद्वी अन्नाद्रमुक और भाजपा को संदेश देने व आगामी लोकसभा चुनावों के लिए इंडिया ब्लॉक की सीट-बंटवारे की घोषणा की. समझौते के मुताबिक कांग्रेस तमिलनाडु में 9 सीटों और पुडुचेरी सीट पर चुनाव लड़ेगी, जबकि डीएमके 21 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
अन्य छोटी पार्टियों में सीपीआई को 2 सीटें, सीपीआई-एम को 2 सीटें, एमडीएमके को 1 सीट, वीसीके को 2 सीटें, आईयूएमएल को 1 सीट और केएमडीके को 1 सीट मिलेगी.
इस समझौते पर उस दिन हस्ताक्षर किए गए जब अभिनेता और राजनेता कमल हासन की एमएनएम पार्टी द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हुई. 2019 में भी कांग्रेस ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 8 सीटों पर जीत हासिल की थी. गठबंधन ने तमिलनाडु की कुल 39 सीटों में से 38 सीटें जीती थीं.
तमिलनाडु के प्रभारी एआईसीसी सचिव सिरिवेला प्रसाद ने बताया, 'आज हमने एक व्यापक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन को अंतिम रूप दिया है जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में विभाजनकारी ताकतों को हराना है. गठबंधन में सीटों की संख्या पर सहमति बन गई है. हम राज्य में 9 और पुडुचेरी में एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे. पार्टी द्वारा लड़ी जाने वाली विशिष्ट सीटों को कुछ दिनों में अंतिम रूप दिया जाएगा.'
एआईसीसी के संगठन प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल और एआईसीसी के तमिलनाडु के प्रभारी महासचिव अजॉय कुमार ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुलाकात के बाद सीट-बंटवारे पर मुहर लगा दी. प्रसाद ने कहा, 'डील अच्छी है और 2019 में सबसे पुरानी पार्टी को मिली डील के समान है.' उन्होंने कहा, 'राज्य में यही प्रथा रही है. 2019 में भी, हमने पहले संख्याएं तय कीं और बाद में विशिष्ट सीटें तय कीं.'
एआईसीसी पदाधिकारी ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया कि सीट-बंटवारे की बातचीत के दौरान डीएमके और कांग्रेस नेताओं के बीच कुछ मतभेद थे. सिरिवेला ने कहा, 'यह एक पुराना और समय-परीक्षणित गठबंधन है. बातचीत सहज और सौहार्दपूर्ण रही.' एआईसीसी पदाधिकारी ने सनातन धर्म से संबंधित कुछ द्रमुक नेताओं की हालिया भड़काऊ टिप्पणियों को अधिक महत्व नहीं दिया, जिससे कांग्रेस नेता चिंतित थे.
सिरिवेला ने कहा, 'सनातन धर्म मुद्दे पर पार्टी पहले ही अपना रुख साफ कर चुकी है. मैं उस बहस में नहीं पड़ना चाहूंगा लेकिन मैं कह सकता हूं कि गठबंधन देश में विभाजनकारी ताकतों का मुकाबला करेगा और राज्य की सभी 39 लोकसभा सीटें जीतेगा. 2019 में गठबंधन को 38 सीटों पर जीत मिली थी.' एआईसीसी पदाधिकारी ने इस बात से इनकार किया कि राज्य नेतृत्व टीम में हालिया बदलाव का उद्देश्य गठबंधन को सुविधाजनक बनाना था.
तमिलनाडु कांग्रेस ने फरवरी में केएस अलागिरी के स्थान पर सीएलपी नेता के सेल्वापेरुन्थागई को नया राज्य इकाई प्रमुख नियुक्त किया और राजेश कुमार को विधानसभा में नए सीएलपी नेता के रूप में नामित किया.
सिरिवेला ने कहा, 'वे प्रशासनिक परिवर्तन थे और गठबंधन गठन से जुड़े नहीं थे. कांग्रेस अब राज्य में गठबंधन के सभी सहयोगियों की जीत सुनिश्चित करने में योगदान देगी.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पांच सदस्यीय कांग्रेस राष्ट्रीय गठबंधन समिति अब आंतरिक सर्वेक्षण के अनुसार विशिष्ट सीटों पर विचार करेगी और डील के विवरण पर काम करने के लिए द्रमुक नेतृत्व के साथ बातचीत करेगी.