देहरादून: उत्तराखंड के जंगल इन दिनों आग से धधक रहे हैं और चारधाम यात्रा भी सिर पर है. इसी बीच लोकसभा चुनाव 2024 में प्रदेश के मुखिया समेत कई नेता व्यस्त हैं. ऐसे मेंं इन दो बड़ी चुनौतियों से निपटना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकती है. हालांकि मुख्यमंत्री धामी समय-समय पर इन मामलों को लेकर अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं, लेकिन इन निर्देशों का अधिकारी कितना पालन कर रहे हैं और व्यवस्थाओं पर कितना फर्क पड़ रहा है, ये तो वक्त ही बताएगा.
उत्तराखंड में आग से सुलग रहे जंगल: उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाएं विकराल रूप लेती जा रही हैं. वर्तमान स्थिति ये है कि पिछले 24 घंटे के भीतर 20 जगहों पर वनाग्नि की घटनाएं घटित हुई हैं. साथ ही एक नवंबर 2023 से अभी तक वनाग्नि के 930 मामले सामने आ चुके हैं. जिसके चलते 1196.418 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है. साथ ही 5 लोगों की मौत और चार लोग घायल हुए हैं.
प्रदेश के मुखिया समेत कई नेता चुनाव में व्यस्त: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तेलंगाना, वन मंत्री सुबोध उनियाल असम, और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को देखने की बजाय अन्य राज्यों के चुनावी प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं. इसी बीच विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, वन मंत्री सुबोध उनियाल और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज पर सवाल खड़े किए हैं.
कांग्रेस ने उठाए सवाल: कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि यह प्रदेश के लिए बड़ा ही दुर्भाग्य कि जब प्रदेश में मंत्रियों की जरूरत है, तो मंत्री चुनाव प्रचार-प्रसार में व्यस्त हैं. वनों की आग लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे वन्य जीवों के साथ ही अब लोगों को भी दिक्कतें होनी शुरू हो गई हैं, क्योंकि जंगलों की आग अब सड़कों तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड चारधाम की यात्रा 10 मई से शुरू हो रही है, लेकिन अभी तक चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं मुकम्मल नहीं हो पाई हैं. ऐसे में सरकार ने इन चुनौतियों से पार पाने के लिए, जिसके भरोसे प्रदेश को छोड़ा है वो भी मस्त नजर आ रहे हैं.
भाजपा बोली सभी मंत्री कर रहे अपना काम: भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा कि जंगलों में लगी आग एक चिंता का विषय है. इस पर काबू पाने के लिए इसके मूल कारणों को जानना पड़ेगा, और स्थाई समाधान पर विचार करना पड़ेगा. वनाग्नि के लिए चीड़ की पत्तियां एक प्रमुख कारण हैं. लिहाजा राज्य सरकार ने चीड़ के उन्मूलन को लेकर केंद्र सरकार को पत्र भेजा है. उन्होंने कहा कि नेताओं के गायब होने वाला कोई विषय नहीं है, बल्कि सभी अपने-अपने काम पर लगे हुए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री की ओर से लगातार अधिकारियों के साथ बैठकें की जा रही हैं और वनाग्नि को रोकने का प्रयास किया जा रहा है.
सरकार के गठन पर सवाल: वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने कहा कि यह उत्तराखंड राज्य के लिए बड़े ही दुर्भाग्य की बात है, क्योंकि प्रदेश के जंगल एक ओर आग से धधक रहे हैं, तो दूसरी ओर उत्तराखंड चारधाम यात्रा भी शुरू होने जा रही है, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश की व्यवस्थाओं को देखने के बजाय मंत्री अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार प्रसार में व्यस्त हैं और इन व्यवस्थाओं की सारी जिम्मेदारी अधिकारियों पर छोड़ दी गई है. उन्होंने कहा कि अगर सारा काम अधिकारियों को ही करना है तो फिर सरकार के गठन की आवश्यकता ही क्या है.
ये भी पढ़ें-