नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों की तारीखों की घोषणा से ठीक पहले एक चिट्ठी आम जनता के नाम लिखी थी, जिस पर विवाद बढ़ गया है. कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग में इसकी शिकायत की है. इस चिट्ठी में पीएम मोदी ने लोगों से विकसित भारत संपर्क अभियान को लेकर फीडबैक मांगा था. इसे व्हाट्सऐप के जरिए भेजा गया था.
कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी सरकारी डेटा का राजनीतिक प्रचार के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं. पार्टी ने इसकी शिकायत में फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा को भी टैग किया है. पार्टी का आरोप है कि कंपनी भाजपा का पक्ष ले रही है.
केरल कांग्रेस ने इस मामले की शिकायत करते हुए लिखा है कि इस मैसेज में पीएम मोदी ने जनता से फीडबैक मांगा है. पार्टी ने कहा कि दरअसल, इस अभियान के माध्यम से पीएम मोदी सरकारी डेटा का भाजपा के लिए उपयोग कर रहे हैं, वह लोकसभा चुनाव का प्रचार कर रहे हैं.
पार्टी ने कहा कि मैसेज व्हाट्सऐप के जरिए भेजा गया है और इसके लिए बिजनेस अकाउंट का उपयोग किया गया है. कांग्रेस ने कहा कि इस मैसेज के साथ एक पीडीएफ फाइल भी अटैच है. इनमें सरकारी योजनाओं को लेकर सरकार के काम के बारे में बताया गया है.
कांग्रेस ने कहा है कि नियमानुसार मेटा कंपनी को किसी भी पॉलिटिकल पार्टी, या किसी भी पॉलिटिशियन और कैंडिडेट या उनके कैंपेन को इजाजत नहीं देनी चाहिए. पार्टी ने पूछा है कि कंपनी इस तरह से किसी एक पार्टी को इस तरह का मौका देती है, तो उसे दूसरे को भी मौका देना पड़ेगा. कांग्रेस ने कहा कि दरअसल, कैंपेन की इजाजत देना ही गलत है और इसके बावजूद कंपनी ऐसा कर रही है, तो वह भाजपा के प्रति सॉफ्ट नजरिया रखती है.
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने भी इस मामले पर भाजपा पर निशाना साधा. मोइत्रा ने कहा कि चुनाव की तिथि की घोषणा हो चुकी है, इसके बाबजूद हमें रात के साढ़े आठ बजे पीएम मोदी के प्रचार वाला यह संदेश मिला, यह आचार संहिता का उल्लंघन है. मोइत्रा ने कहा कि अगर भेजना है तो आप इसे भाजपा के अकाउंट से भेजिए.
पीएम मोदी के इस पत्र में लिखा है कि उन्हें जनता के विचारों, सुझावों और समर्थन की आवश्यकता है, जिसका उपयोग विकसित भारत के लिए किया जाएगा.
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