नई दिल्ली: रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता इंजीनियर और इनोवेटर सोनम वांगचुक लद्दाख के संरक्षण और डेमोक्रेसी (Ladakh statehood protest) की बहाली के लिए -17 डिग्री सेल्सियस तापमान में अनशन कर रहे हैं. अब सोनम और लद्दाख के लोगों के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी सामने आए हैं. सोनम वांगचुक के ट्वीट पर अरविंद केजरीवाल ने लिखा है कि, 'हम लद्दाख के लोगों के साथ हैं'.
केजरीवाल ने आगे लिखा है कि, "केंद्र ने जिस तरह लद्दाख के साथ धोखा किया यह स्वीकारने योग्य नहीं है. लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश है और केंद्र में भाजपा की सरकार है. केंद्र सरकार मेनिफेस्टो में किए गए वादों को पूरा नहीं कर रही है. अब वादों को पूरा करने से मना कर दिया है. ऐसे में लद्दाख के लोग और सोमन वांगचुक अनशन कर रहे हैं."
सरकार अपने वादे से पीछे हट रही है: सोनम वांगचुक
सोनम वांगचुक का कहना है कि, 2019 में लद्दाख के साथ इलेक्शन मेनिफेस्टो में लिखकर वादा किया गया था कि लद्दाख को छठवें शेड्यूल में संरक्षण दिया जाएगा. लिखित में वादा करने के बाद भी 2020 तक यह वादा भूल गए. हिल काउंसिल का दूसरा चुनाव आया तो लोगों ने कहा कि वह चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे. इसपर केंद्र सरकार स्पेशल विमान से लद्दाख के नेताओं को दिल्ली ले गई, वहां पर विनती की. इसपर नेताओं ने विश्वास कर लिया और वापस आ गए. फिर से संसदीय और हिल काउंसिल के चुनाव में भारी बहुमत से जिताया. चार साल तक टाल मटोल करते रहे. अब उन्होंने कह दिया है कि संरक्षण और लोकतंत्र नहीं देंगे. अब यहां के लोग कह रहे हैं कि संसदीय चुनाव का बहिष्कार करेंगे. यह सिर्फ लद्दाख की बात नहीं है. अगर इलेक्शन मेनिफेस्टो के साथ यही हुआ तो लद्दाख एक उदाहरण बन जाएगा हर नेता के लिए कि वादे करो और भूल जाओ.
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इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से विश्वास उठ रहा: सोनम वांगचुक
सोनम का कहना है कि वे लद्दाख के संरक्षण और डेमोक्रेसी की बहाली के लिए अनशन कर रहे हैं. यह सिर्फ लद्दाख की बात नहीं है यह देश में विश्वास को दोबारा स्थापित करने की बात है. हमारे देश में लोहा, मिनरल सब कुछ है मगर विश्वास की कमी है. आज जनता अपने नेता पर विश्वास नहीं कर रही है. नेता अपने साथियों पर विश्वास नहीं कर रहे हैं. इलेक्शन प्रोसेस और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से विश्वास उठ रहा है. ऐसे में लोग नेताओं से सीखकर बिजनेस में भरोसा नहीं करते हैं.