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वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकारा, कोरोना वैक्सीन से दुर्लभ मामलों में जम सकता है खून का थक्का - covid vaccines blood clot

Covid Vaccine Blood Clot Risk: कोरोना महामारी के दौरान इसके वैक्सीन से काफी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकी. इस बीच एक चौंकाने वाली खबर आई है कि इस वैक्सीन के कुछ दुष्प्रभाव भी हैं. वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि दुर्लभ मामलों में इसके चलते खून के थक्के बन सकते हैं.

AstraZeneca company's corona vaccine can cause blood clots (Photo IANS)
एस्ट्राजेनेका कंपनी के कोरोना वैक्सीन से जम सकता है खून का थक्का (फोटो आईएएनएस)
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By ANI

Published : Apr 30, 2024, 9:43 AM IST

नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठाए गए थे. अब एक नया मामला सामने आया है. ब्रिटेन की कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से लोगों को टीटीएस (खून का थक्का जमना) जैसे साइड इफेक्ट का खतरा है. हालांकि, दुर्लभ मामलों में ऐसा हो सकता है.

क्या होता है टीटीएस: टीटीएस से रक्त वाहिकाओं के भीतर रक्त के थक्के का जमना है. इस बारे में चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ राजीव जयदेवन ने कहा कि थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) रक्त वाहिकाओं में थक्के को संदर्भित करता है. यह कुछ प्रकार के टीकों के उपयोग के बाद बहुत दुर्लभ मामलों में होता है. केरल में नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ राजीव जयदेवन ने यह स्वीकार किया कि कोविड टीकों ने कई मौतों को रोकने में मदद की है.

उन्होंने कहा कि टीटीएस जैसे मामलों को कई अन्य रिपोर्टों में भी उजागर किया गया है. ये मूल रूप से कम प्लेटलेट काउंट के साथ मस्तिष्क या अन्य जगहों की रक्त वाहिकाओं में खून का थक्का जम जाता है. यह बहुत ही दुर्लभ मामलों में कुछ प्रकार के टीकों के बाद और अन्य कारणों से भी होता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार विशेष रूप से एडेनोवायरस वेक्टर टीके इस स्थिति से शायद ही कभी जुड़े हों.

कंपनी ने दुष्प्रभाव की बात स्वीकार की: डॉ जयदेवन ने कहा,'कोविड टीकों ने कई मौतों को रोका है लेकिन अत्यंत दुर्लभ मामलों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं और इसके बारे में प्रतिष्ठित पत्रिकाओं रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई हैं. फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा हाल ही में स्वीकारोक्ति के मद्देनजर आया है कि उसकी कोविड वैक्सीन कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया (Covishield and Vaxzevria) बहुत ही दुर्लभ मामलों में टीटीएस का कारण बन सकती हैं.

ब्रिटेन की कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एस्ट्राजेनेका ने एक मामले के संबंध में अदालती दस्तावेजों में यह स्वीकारोक्ति की है. इसमें आरोप लगाया गया है कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ विकसित टीका, दर्जनों मामलों में मौत और गंभीर नुकसान का कारण बना. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड नामक कोविड -19 वैक्सीन का उत्पादन किया लेकिन एमआरएनए (mRNA) प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं किया. इसे वायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म का उपयोग करके तैयार किया गया. एमआरएनए मंच वैज्ञानिकों को बीमारी की रोकथाम या इलाज में मदद करने वाली दवाएं विकसित करने की अनुमति देता है.

इबोला जैसे वायरस के लिए टीके तैयार करने के लिए इसी तकनीक का उपयोग किया गया था. ब्रिटेन की मीडिया में रक्त वाहिकाओं में थक्के जमने की खबरों के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने सवाल का जवाब नहीं दिया. विशेष रूप से 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि टीटीएस उन व्यक्तियों में टीकाकरण के बाद एक नई प्रतिकूल घटना के रूप में उभरा जिन्हें कोविड​​-19 गैर-प्रतिकृति एडेनोवायरस वेक्टर-आधारित टीके लगाए गए थे. टीटीएस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है.

स्वास्थ्य मंत्री ने वैक्सीन के दुष्प्रभाव से किया था इनकार: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह अंतरिम आपातकालीन मार्गदर्शन कोविड-19 टीकाकरण के संदर्भ में टीटीएस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और संभावित टीटीएस मामलों के मूल्यांकन और प्रबंधन में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की मदद करने के लिए जारी किया है. हालाँकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मार्च 2024 में एक चर्चा के दौरान कहा था कि आईसीएमआर ने एक विस्तृत अध्ययन किया है.

इससे पता चलता है कि दिल के दौरे के लिए कोविड​​-19 वैक्सीन जिम्मेदार नहीं है. किसी व्यक्ति की जीवनशैली और कारक जैसे अत्यधिक शराब पीना अंतर्निहित कारणों में से एक हो सकता है. मंडाविया ने कहा, 'अगर आज किसी को स्ट्रोक होता है तो उन्हें लगता है कि यह कोविड वैक्सीन के कारण हुआ है. आईसीएमआर ने एक विस्तृत अध्ययन किया है कि (कोविड) वैक्सीन दिल के दौरे के लिए जिम्मेदार नहीं है.

ये भी पढ़ें-Vaccine Side Effects : भारत सरकार ने बताया सभी कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट कौनसे हैं

नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठाए गए थे. अब एक नया मामला सामने आया है. ब्रिटेन की कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से लोगों को टीटीएस (खून का थक्का जमना) जैसे साइड इफेक्ट का खतरा है. हालांकि, दुर्लभ मामलों में ऐसा हो सकता है.

क्या होता है टीटीएस: टीटीएस से रक्त वाहिकाओं के भीतर रक्त के थक्के का जमना है. इस बारे में चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ राजीव जयदेवन ने कहा कि थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) रक्त वाहिकाओं में थक्के को संदर्भित करता है. यह कुछ प्रकार के टीकों के उपयोग के बाद बहुत दुर्लभ मामलों में होता है. केरल में नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ राजीव जयदेवन ने यह स्वीकार किया कि कोविड टीकों ने कई मौतों को रोकने में मदद की है.

उन्होंने कहा कि टीटीएस जैसे मामलों को कई अन्य रिपोर्टों में भी उजागर किया गया है. ये मूल रूप से कम प्लेटलेट काउंट के साथ मस्तिष्क या अन्य जगहों की रक्त वाहिकाओं में खून का थक्का जम जाता है. यह बहुत ही दुर्लभ मामलों में कुछ प्रकार के टीकों के बाद और अन्य कारणों से भी होता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार विशेष रूप से एडेनोवायरस वेक्टर टीके इस स्थिति से शायद ही कभी जुड़े हों.

कंपनी ने दुष्प्रभाव की बात स्वीकार की: डॉ जयदेवन ने कहा,'कोविड टीकों ने कई मौतों को रोका है लेकिन अत्यंत दुर्लभ मामलों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं और इसके बारे में प्रतिष्ठित पत्रिकाओं रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई हैं. फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा हाल ही में स्वीकारोक्ति के मद्देनजर आया है कि उसकी कोविड वैक्सीन कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया (Covishield and Vaxzevria) बहुत ही दुर्लभ मामलों में टीटीएस का कारण बन सकती हैं.

ब्रिटेन की कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एस्ट्राजेनेका ने एक मामले के संबंध में अदालती दस्तावेजों में यह स्वीकारोक्ति की है. इसमें आरोप लगाया गया है कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ विकसित टीका, दर्जनों मामलों में मौत और गंभीर नुकसान का कारण बना. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड नामक कोविड -19 वैक्सीन का उत्पादन किया लेकिन एमआरएनए (mRNA) प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं किया. इसे वायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म का उपयोग करके तैयार किया गया. एमआरएनए मंच वैज्ञानिकों को बीमारी की रोकथाम या इलाज में मदद करने वाली दवाएं विकसित करने की अनुमति देता है.

इबोला जैसे वायरस के लिए टीके तैयार करने के लिए इसी तकनीक का उपयोग किया गया था. ब्रिटेन की मीडिया में रक्त वाहिकाओं में थक्के जमने की खबरों के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने सवाल का जवाब नहीं दिया. विशेष रूप से 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि टीटीएस उन व्यक्तियों में टीकाकरण के बाद एक नई प्रतिकूल घटना के रूप में उभरा जिन्हें कोविड​​-19 गैर-प्रतिकृति एडेनोवायरस वेक्टर-आधारित टीके लगाए गए थे. टीटीएस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है.

स्वास्थ्य मंत्री ने वैक्सीन के दुष्प्रभाव से किया था इनकार: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह अंतरिम आपातकालीन मार्गदर्शन कोविड-19 टीकाकरण के संदर्भ में टीटीएस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और संभावित टीटीएस मामलों के मूल्यांकन और प्रबंधन में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की मदद करने के लिए जारी किया है. हालाँकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मार्च 2024 में एक चर्चा के दौरान कहा था कि आईसीएमआर ने एक विस्तृत अध्ययन किया है.

इससे पता चलता है कि दिल के दौरे के लिए कोविड​​-19 वैक्सीन जिम्मेदार नहीं है. किसी व्यक्ति की जीवनशैली और कारक जैसे अत्यधिक शराब पीना अंतर्निहित कारणों में से एक हो सकता है. मंडाविया ने कहा, 'अगर आज किसी को स्ट्रोक होता है तो उन्हें लगता है कि यह कोविड वैक्सीन के कारण हुआ है. आईसीएमआर ने एक विस्तृत अध्ययन किया है कि (कोविड) वैक्सीन दिल के दौरे के लिए जिम्मेदार नहीं है.

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