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न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को देश का अगला चीफ जस्टिस बनाने को लेकर CJI की सिफारिश - NEW CJI OF INDIA

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के नाम की सिफारिश की है.

Justice Sanjiv Khanna
न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना (ANI)
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By Sumit Saxena

Published : Oct 17, 2024, 9:39 AM IST

Updated : Oct 17, 2024, 10:11 AM IST

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने विधि मंत्रालय को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को अपना उत्तराधिकारी नामित किया है. सीजेआई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे. केंद्र सरकार ने परंपरा के अनुसार पिछले सप्ताह उन्हें पत्र लिखकर अपने उत्तराधिकारी के नाम का अनुरोध किया था.

केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद जस्टिस खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बन जाएंगे. जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 6 महीने का होगा. वे 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे. जस्टिस खन्ना कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रहे हैं. जस्टिस खन्ना उस बेंच का हिस्सा थे, जिसने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी. जस्टिस खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े ईडी केस में अंतरिम जमानत दी थी.

न्यायमूर्ति खन्ना संविधान पीठ का भी हिस्सा रहे हैं, जिसने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखा. वह 2018 की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करने वाली पीठ का भी हिस्सा थे. न्यायमूर्ति खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया. उन्होंने शुरुआत में दिल्ली के तीस हजारी परिसर में जिला अदालतों में और बाद में दिल्ली हाईकोर्ट और न्यायाधिकरणों में संवैधानिक कानून, प्रत्यक्ष कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, भूमि कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही जैसे विविध क्षेत्रों में वकालत की.

न्यायमूर्ति खन्ना ने आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में लंबे समय तक काम किया. 2004 में उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) के रूप में नियुक्त किया गया था. न्यायमूर्ति खन्ना को 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया.

दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उन्होंने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों के अध्यक्ष/प्रभारी न्यायाधीश का पद संभाला. 18 जनवरी, 2019 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष का पद संभाला. न्यायमूर्ति खन्ना वर्तमान में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हैं.

ये भी पढ़ें- दो न्यायाधीशों को SC में नियुक्त करने की सिफारिश, जस्टिस कोटिश्वर सिंह मणिपुर से पहले जज होंगे

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने विधि मंत्रालय को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को अपना उत्तराधिकारी नामित किया है. सीजेआई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे. केंद्र सरकार ने परंपरा के अनुसार पिछले सप्ताह उन्हें पत्र लिखकर अपने उत्तराधिकारी के नाम का अनुरोध किया था.

केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद जस्टिस खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बन जाएंगे. जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 6 महीने का होगा. वे 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे. जस्टिस खन्ना कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रहे हैं. जस्टिस खन्ना उस बेंच का हिस्सा थे, जिसने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी. जस्टिस खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े ईडी केस में अंतरिम जमानत दी थी.

न्यायमूर्ति खन्ना संविधान पीठ का भी हिस्सा रहे हैं, जिसने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखा. वह 2018 की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करने वाली पीठ का भी हिस्सा थे. न्यायमूर्ति खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया. उन्होंने शुरुआत में दिल्ली के तीस हजारी परिसर में जिला अदालतों में और बाद में दिल्ली हाईकोर्ट और न्यायाधिकरणों में संवैधानिक कानून, प्रत्यक्ष कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, भूमि कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही जैसे विविध क्षेत्रों में वकालत की.

न्यायमूर्ति खन्ना ने आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में लंबे समय तक काम किया. 2004 में उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) के रूप में नियुक्त किया गया था. न्यायमूर्ति खन्ना को 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया.

दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उन्होंने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों के अध्यक्ष/प्रभारी न्यायाधीश का पद संभाला. 18 जनवरी, 2019 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष का पद संभाला. न्यायमूर्ति खन्ना वर्तमान में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हैं.

ये भी पढ़ें- दो न्यायाधीशों को SC में नियुक्त करने की सिफारिश, जस्टिस कोटिश्वर सिंह मणिपुर से पहले जज होंगे
Last Updated : Oct 17, 2024, 10:11 AM IST
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