जलपाईगुड़ी: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को गुरुवार को जलपाईगुड़ी दौरे के दौरान अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा. ममता बनर्जी के काफिले के सामने 'चोर-चोर' के नारे लगे. जैसे ही उनका काफिला चालसा पहुंचा, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने 'चोर-चोर' के नारे लगाए. हालांकि, इस घटना पर मुख्यमंत्री कोई प्रतिक्रिया देते नजर नहीं आईं.
जानकारी के मुताबिक गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मेटेली के चालसा के तियाबोन स्थित हेलीपैड पर उतरीं. उस वक्त अलीपुरद्वार से बीजेपी उम्मीदवार मनोज तिग्गा के समर्थन में चालसा मंगलबाड़ी इलाके में बीजेपी की रोड मीटिंग चल रही थी.
रोड शो के सामने से मुख्यमंत्री का काफिला गुजरना था. काफिला पहुंचने से पहले पुलिस ने रोड शो का लाउडस्पीकर बंद करने की कोशिश की तो अफरा-तफरी मच गई. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे अपना लाउडस्पीकर बंद नहीं करेंगे.
माइक बंद करने पहुंची पुलिस : भाजपा नेता को माइक पर यह कहते हुए सुने गए कि वे अनुमति लेकर रोड शो कर रहे हैं, इसलिए माइक बंद करने का सवाल ही नहीं उठता. इसके बाद जब सीएम का काफिला रोड शो के सामने से गुजरा तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने 'चोर-चोर' के नारे लगाने शुरू कर दिए. वे विभिन्न भ्रष्टाचारों की ओर इशारा करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ बोलने लगे.
इसी दौरान पुलिस जब रोड शो का माइक बंद करने पहुंची तो बीजेपी कार्यकर्ता भड़क गए. लेकिन, मुख्यमंत्री ने इस मामले पर ध्यान नहीं दिया. सीएम का काफिला मेटेली स्थित एक निजी रिसॉर्ट के लिए रवाना हुआ.
'जूते चाटना बंद करे पुलिस' : बीजेपी के ट्रेड यूनियन नेता अरिजीत चटर्जी ने कहा, 'हमने प्रशासन की अनुमति से अलीपुरद्वार के भाजपा उम्मीदवार मनोज तिग्गा की रोड मीटिंग का आयोजन किया. जब सीएम का काफिला जा रहा था, पुलिस के माध्यम से ममता सरकार ने हमारे रोड शो को बाधित कर दिया. वे चाहते थे कि हम माइक बंद कर दें. यहां मोदी जी को चाहने वाले सभी लोग खड़े हो गए. इसलिए पुलिस हमारी आवाज नहीं रोक सकी. इसलिए वे झुककर चले गए. मैं आज पुलिस से कहूंगा कि जूते सरकार के जूते चाटना बंद करे. कानून एवं व्यवस्था बनाए रखे.'