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चीन ने किया बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण, अमेरिका तक कर सकती है मार - China

Intercontinental Ballistic Missile: चीन ने प्रशांत महासागर में एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. 44 साल में पहला मौका है कि जब चीन ने खुले समुद्र में ICBM का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.

बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण
बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण (फाइल फोटो ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 26, 2024, 12:44 PM IST

Updated : Sep 26, 2024, 1:16 PM IST

बीजिंग: चीन ने बुधवार को प्रशांत महासागर में एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. इस संबंध में चीन ने कहा कि उसने प्रशांत महासागर में एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. इस कदम से देश के परमाणु निर्माण को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंताएं बढ़ने की संभावना है.

चीनी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डमी वारहेड ले जाने वाली ICBM को बुधवार को सुबह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स ने लॉन्च किया और मिसाइल को अपेक्षित समुद्री क्षेत्रों में गिराया. मंत्रालय ने कहा कि यह परीक्षण हमारी सालाना ट्रेनिंग प्लान के तहत किया गया.

इसको लेकर पेंटागन के प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने परीक्षण-लॉन्चिंग से पहले संयुक्त राज्य अमेरिका को सूचित किया था और कहा कि यह गलत धारणा और गलत अनुमान के जोखिम को कम करने की दिशा में एक सही कदम है.

संबंधित देशों को किया था सूचित
शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने इस बारे में संबंधित देशों को भी पहले से सूचित किया था. हालांकि, इस बारे में स्पष्ट नहीं हो सका है कि मिसाइल के मार्ग कहा था और यह प्रशांत महासागर में कहां गिरी.

न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक परमाणु नीति कार्यक्रम के सह-निदेशक और कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के वरिष्ठ फेलो जेम्स एक्टन ने कहा कि चीन आमतौर पर अपने पूर्वी तट से पश्चिमी रेगिस्तान की ओर मिसाइलें दागता है. यह तथ्य कि चीन ने एक ऐसा परीक्षण किया जो अंतरराष्ट्रीय जल में गिरा. यह असामान्य था.

44 साल में पहली बार ICBM की टेस्टिंग
बता दें कि यह मिसाइल अमेरिका की मुख्य भूमि तक पहुंचने में सक्षम है. 44 साल में पहला मौका है कि जब चीन ने खुले समुद्र में ICBM का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. एसोसिएटेड प्रेस से एक्टन ने कहा, "जब उन्होंने 44 वर्षों तक कुछ नहीं किया और फिर वे ऐसा करते हैं. यह चीन का हमें बताने का तरीका है."

गौरतलब है कि यह परीक्षण न्यूयॉर्क में चल रही संयुक्त राष्ट्र महासभा के बीच हुआ. चीन संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के पांच वीटो-धारक स्थायी सदस्यों में से एक है और उसने मानवाधिकारों से जुड़े अपने प्रमुख विभागों पर प्रभाव हासिल करने की कोशिश की है.

यह भी पढे़ं- लॉस एंजिल्स में बस हाइजैक, पुलिस ने बस का किया पीछा, संदिग्ध ने एक यात्री को गोली मारी

बीजिंग: चीन ने बुधवार को प्रशांत महासागर में एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. इस संबंध में चीन ने कहा कि उसने प्रशांत महासागर में एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. इस कदम से देश के परमाणु निर्माण को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंताएं बढ़ने की संभावना है.

चीनी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डमी वारहेड ले जाने वाली ICBM को बुधवार को सुबह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स ने लॉन्च किया और मिसाइल को अपेक्षित समुद्री क्षेत्रों में गिराया. मंत्रालय ने कहा कि यह परीक्षण हमारी सालाना ट्रेनिंग प्लान के तहत किया गया.

इसको लेकर पेंटागन के प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने परीक्षण-लॉन्चिंग से पहले संयुक्त राज्य अमेरिका को सूचित किया था और कहा कि यह गलत धारणा और गलत अनुमान के जोखिम को कम करने की दिशा में एक सही कदम है.

संबंधित देशों को किया था सूचित
शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने इस बारे में संबंधित देशों को भी पहले से सूचित किया था. हालांकि, इस बारे में स्पष्ट नहीं हो सका है कि मिसाइल के मार्ग कहा था और यह प्रशांत महासागर में कहां गिरी.

न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक परमाणु नीति कार्यक्रम के सह-निदेशक और कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के वरिष्ठ फेलो जेम्स एक्टन ने कहा कि चीन आमतौर पर अपने पूर्वी तट से पश्चिमी रेगिस्तान की ओर मिसाइलें दागता है. यह तथ्य कि चीन ने एक ऐसा परीक्षण किया जो अंतरराष्ट्रीय जल में गिरा. यह असामान्य था.

44 साल में पहली बार ICBM की टेस्टिंग
बता दें कि यह मिसाइल अमेरिका की मुख्य भूमि तक पहुंचने में सक्षम है. 44 साल में पहला मौका है कि जब चीन ने खुले समुद्र में ICBM का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. एसोसिएटेड प्रेस से एक्टन ने कहा, "जब उन्होंने 44 वर्षों तक कुछ नहीं किया और फिर वे ऐसा करते हैं. यह चीन का हमें बताने का तरीका है."

गौरतलब है कि यह परीक्षण न्यूयॉर्क में चल रही संयुक्त राष्ट्र महासभा के बीच हुआ. चीन संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के पांच वीटो-धारक स्थायी सदस्यों में से एक है और उसने मानवाधिकारों से जुड़े अपने प्रमुख विभागों पर प्रभाव हासिल करने की कोशिश की है.

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Last Updated : Sep 26, 2024, 1:16 PM IST
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